ETV Bharat / state

करसोग के भारद्वाज शिक्षण संस्थान का रिकॉर्ड जब्त करने के आदेश, हाईकोर्ट ने SDM को सौंपा जिम्मा - शिक्षण संस्थान सोसायटी

करसोग के भारद्वाज शिक्षण संस्थान में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आने पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सहकारी सभा के डिप्टी रजिस्ट्रार एवं करसोग के एसडीएम को तत्काल प्रभाव से सभी रिकॉर्ड जब्त करने के आदेश दिए हैं. (Himachal Pradesh High Court)

Himachal Pradesh High Court
करसोग के भारद्वाज शिक्षण संस्थान का रिकॉर्ड जब्त करने के आदेश
author img

By

Published : May 12, 2023, 10:34 PM IST

शिमला: जिला मंडी की करसोग तहसील में स्थित भारद्वाज शिक्षण संस्थान का रिकॉर्ड जब्त करने के आदेश जारी किए गए हैं. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सहकारी सभा के डिप्टी रजिस्ट्रार एवं करसोग के एसडीएम को तुरंत प्रभाव से सारा रिकॉर्ड जब्त करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा हाईकोर्ट ने सहकारी सभा के रजिस्ट्रार सहित भारद्वाज शिक्षण संस्थान और संस्थान के चेयरमैन धर्मपाल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अदालत ने संस्थान के सचिव के निलंबन प्रस्ताव पर भी रोक लगा दी है. हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. खंडपीठ ने अगली सुनवाई 25 मई को तय की है.

मित्तर देव नामक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में आरोप लगाया है कि भारद्वाज शिक्षण संस्थान में वित्तीय अनियमितताएं बरती जा रही हैं. मित्तर देव ने याचिका के माध्यम से अदालत को बताया कि वह खुद संस्थान की सभा का सदस्य होने के साथ-साथ सभा का सचिव भी है. भारद्वाज शिक्षण संस्थान हिमाचल प्रदेश सोसायटी पंजीकरण अधिनियम-2006 के प्रावधानों के तहत पंजीकृत है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि शिक्षण संस्थान सोसायटी नियमों के तहत अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहा है.

अदालत को बताया गया कि 9 जनवरी 2019 को सोसायटी के चेयरमेन ने 38 लाख रुपये में एक विक्रय अनुबंध बनाया था, लेकिन बाद में लीज किसी और सोसायटी के साथ बना दी. इसके अलावा 12 दिसंबर 2022 और 2 फरवरी 2023 को चेयरमैन धर्मपाल ने 45,833 रुपये सोसायटी के खाते से लिए, जबकि वो स्वयं सोसायटी में प्रोफेसर के पद पर है.

ये भी पढ़ें: चौकी और थाने में CCTV लगाने का मामला, हिमाचल HC ने इंस्पेक्शन कमेटी से मांगा हलफनामा

आरोप लगाया गया है कि जिन महीनों में चेयरमैन धर्मपाल गैर हाजिर थे, उस अवधि के पैसे भी उन्होंने लिए. याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि चेयरमैन धर्मपाल ने उन शिक्षकों को भी वेतन अदा किया है जो संस्थान में अनुपस्थित रहते हैं और अभिलाषी यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे हैं. इन सभी आरोपों को लेकर याचिकाकर्ता ने सहकारी सभा के पंजीयक को शिकायत दी.

बाद में अप्रैल 2023 को संस्थान की सोसायटी ने याचिकाकर्ता को निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया. प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया कि उसकी सेवाएं तब तक निलंबित रखी जाएगी, जब तक कि वह पंजीयक से अपनी शिकायत वापिस नहीं ले लेता. याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई है कि भारद्वाज शिक्षण संस्थान और इसके चेयरमैन के खिलाफ वित्तीय अनियमितताएं बरतने के लिए सख्त एक्शन लिया जाए. इस पर हाईकोर्ट ने शिक्षण संस्थान का सारा रिकॉर्ड जब्त करने के आदेश जारी किए हैं.

ये भी पढ़ें: पद्मश्री विजय शर्मा के पत्र पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, प्लानिंग एरिया चंबा में सारे अवैध निर्माण होंगे ध्वस्त

शिमला: जिला मंडी की करसोग तहसील में स्थित भारद्वाज शिक्षण संस्थान का रिकॉर्ड जब्त करने के आदेश जारी किए गए हैं. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सहकारी सभा के डिप्टी रजिस्ट्रार एवं करसोग के एसडीएम को तुरंत प्रभाव से सारा रिकॉर्ड जब्त करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा हाईकोर्ट ने सहकारी सभा के रजिस्ट्रार सहित भारद्वाज शिक्षण संस्थान और संस्थान के चेयरमैन धर्मपाल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अदालत ने संस्थान के सचिव के निलंबन प्रस्ताव पर भी रोक लगा दी है. हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. खंडपीठ ने अगली सुनवाई 25 मई को तय की है.

मित्तर देव नामक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में आरोप लगाया है कि भारद्वाज शिक्षण संस्थान में वित्तीय अनियमितताएं बरती जा रही हैं. मित्तर देव ने याचिका के माध्यम से अदालत को बताया कि वह खुद संस्थान की सभा का सदस्य होने के साथ-साथ सभा का सचिव भी है. भारद्वाज शिक्षण संस्थान हिमाचल प्रदेश सोसायटी पंजीकरण अधिनियम-2006 के प्रावधानों के तहत पंजीकृत है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि शिक्षण संस्थान सोसायटी नियमों के तहत अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहा है.

अदालत को बताया गया कि 9 जनवरी 2019 को सोसायटी के चेयरमेन ने 38 लाख रुपये में एक विक्रय अनुबंध बनाया था, लेकिन बाद में लीज किसी और सोसायटी के साथ बना दी. इसके अलावा 12 दिसंबर 2022 और 2 फरवरी 2023 को चेयरमैन धर्मपाल ने 45,833 रुपये सोसायटी के खाते से लिए, जबकि वो स्वयं सोसायटी में प्रोफेसर के पद पर है.

ये भी पढ़ें: चौकी और थाने में CCTV लगाने का मामला, हिमाचल HC ने इंस्पेक्शन कमेटी से मांगा हलफनामा

आरोप लगाया गया है कि जिन महीनों में चेयरमैन धर्मपाल गैर हाजिर थे, उस अवधि के पैसे भी उन्होंने लिए. याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि चेयरमैन धर्मपाल ने उन शिक्षकों को भी वेतन अदा किया है जो संस्थान में अनुपस्थित रहते हैं और अभिलाषी यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे हैं. इन सभी आरोपों को लेकर याचिकाकर्ता ने सहकारी सभा के पंजीयक को शिकायत दी.

बाद में अप्रैल 2023 को संस्थान की सोसायटी ने याचिकाकर्ता को निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया. प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया कि उसकी सेवाएं तब तक निलंबित रखी जाएगी, जब तक कि वह पंजीयक से अपनी शिकायत वापिस नहीं ले लेता. याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई है कि भारद्वाज शिक्षण संस्थान और इसके चेयरमैन के खिलाफ वित्तीय अनियमितताएं बरतने के लिए सख्त एक्शन लिया जाए. इस पर हाईकोर्ट ने शिक्षण संस्थान का सारा रिकॉर्ड जब्त करने के आदेश जारी किए हैं.

ये भी पढ़ें: पद्मश्री विजय शर्मा के पत्र पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, प्लानिंग एरिया चंबा में सारे अवैध निर्माण होंगे ध्वस्त

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.