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गुमशुदा की तलाश में पुलिस ने नहीं दिखाई गंभीरता, दुखियारी मां ने लिखी चीफ जस्टिस को चिट्ठी, अदालत ने गृह सचिव से तलब की रिपोर्ट

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Published : Jul 19, 2023, 9:51 PM IST

एक दुखियारी मां की गुहार जब पुलिस ने सुनी तो उसने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम चिट्ठी लिख दी और अपना सारा दर्द बयां कर दिया. मामले पर कोर्ट ने राज्य सरकार के गृह सचिव को तलब किया है. पढ़ें पूरा मामला... (Himachal Pradesh High Court News).

Himachal Pradesh High Court News
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शिमला: एक मां ने गुम हुए अपने लाल की तलाश के लिए पुलिस के पास गुहार लगाई. पुलिस ने गुमशुदा को तलाश करने में कोई गंभीरता नहीं दिखाई. दुखियारी मां ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम चिट्ठी लिख अपना दर्द बयां किया. हाई कोर्ट ने मां की चिट्ठी को याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए राज्य सरकार के गृह सचिव को तलब किया है. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के गृह सचिव से पूछा है कि रामपुर से लापता लड़के को तलाश करने में असफल रहे तत्कालीन थाना प्रभारी के खिलाफ उन्होंने क्या एक्शन लिया है?

अदालत ने गृह सचिव से इस मामले में पूरी रिपोर्ट तलब की है. मां के पत्र को याचिका के रूप में स्वीकार करने के बाद मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ कर रही है. मामले के अनुसार रामपुर इलाके से सुरेश कुमार नामक युवक गुम हो गया. गुमशुदा युवक को तलाश करने में स्थानीय पुलिस ने लचर रवैया अपनाया. युवक की मां के पत्र पर हाई कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर कड़ा संज्ञान लिया है.

गुमशुदा युवक सुरेश कुमार की मां मैना देवी ने रामपुर पुलिस थाना में रिपोर्ट लिखवाई. रामपुर थाना में मैना देवी ने 30 जुलाई 2021 को रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. हैरत की बात है कि अप्रैल 2022 तक रामपुर पुलिस ने इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया. गुमशुदा सुरेश की तलाश में पुलिस ने कोई प्रयास नहीं किया. निराश होकर सुरेश की मां ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पत्र लिखा और गुहार लगाई कि उसे न्याय दिलाया जाए. मैना देवी के पत्र पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने गृह सचिव और एसएचओ पुलिस थाना रामपुर को नोटिस जारी किए थे.

हाई कोर्ट का नोटिस जारी होने के बाद 11 मई 2022 को पहली बार पुलिस ने अदालत में बताया था कि लापता युवक को तलाश करने के लिए यथासंभव प्रयास किए जाएंगे. इस पर हाई कोर्ट ने हैरानी जताई कि ऐसे गंभीर मामले में भी पुलिस कैसे लापरवाही बरत सकती है. नाराज हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि तत्कालीन थाना प्रभारी रामपुर पुलिस स्टेशन के खिलाफ इस तरह की लचर कार्य प्रणाली अपनाने के लिए एक्शन टेकन रिपोर्ट अदालत में पेश की जाए. हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई अब 8 अगस्त को तय की है.

ये भी पढे़ं- हिमाचल हाई कोर्ट ने ठुकराई नौकरी के लिए इंटरव्यू की वीडियोग्राफी वाली मांग, याचिका हुई खारिज

शिमला: एक मां ने गुम हुए अपने लाल की तलाश के लिए पुलिस के पास गुहार लगाई. पुलिस ने गुमशुदा को तलाश करने में कोई गंभीरता नहीं दिखाई. दुखियारी मां ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम चिट्ठी लिख अपना दर्द बयां किया. हाई कोर्ट ने मां की चिट्ठी को याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए राज्य सरकार के गृह सचिव को तलब किया है. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के गृह सचिव से पूछा है कि रामपुर से लापता लड़के को तलाश करने में असफल रहे तत्कालीन थाना प्रभारी के खिलाफ उन्होंने क्या एक्शन लिया है?

अदालत ने गृह सचिव से इस मामले में पूरी रिपोर्ट तलब की है. मां के पत्र को याचिका के रूप में स्वीकार करने के बाद मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ कर रही है. मामले के अनुसार रामपुर इलाके से सुरेश कुमार नामक युवक गुम हो गया. गुमशुदा युवक को तलाश करने में स्थानीय पुलिस ने लचर रवैया अपनाया. युवक की मां के पत्र पर हाई कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर कड़ा संज्ञान लिया है.

गुमशुदा युवक सुरेश कुमार की मां मैना देवी ने रामपुर पुलिस थाना में रिपोर्ट लिखवाई. रामपुर थाना में मैना देवी ने 30 जुलाई 2021 को रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. हैरत की बात है कि अप्रैल 2022 तक रामपुर पुलिस ने इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया. गुमशुदा सुरेश की तलाश में पुलिस ने कोई प्रयास नहीं किया. निराश होकर सुरेश की मां ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पत्र लिखा और गुहार लगाई कि उसे न्याय दिलाया जाए. मैना देवी के पत्र पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने गृह सचिव और एसएचओ पुलिस थाना रामपुर को नोटिस जारी किए थे.

हाई कोर्ट का नोटिस जारी होने के बाद 11 मई 2022 को पहली बार पुलिस ने अदालत में बताया था कि लापता युवक को तलाश करने के लिए यथासंभव प्रयास किए जाएंगे. इस पर हाई कोर्ट ने हैरानी जताई कि ऐसे गंभीर मामले में भी पुलिस कैसे लापरवाही बरत सकती है. नाराज हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि तत्कालीन थाना प्रभारी रामपुर पुलिस स्टेशन के खिलाफ इस तरह की लचर कार्य प्रणाली अपनाने के लिए एक्शन टेकन रिपोर्ट अदालत में पेश की जाए. हाई कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई अब 8 अगस्त को तय की है.

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