शिमला: प्रदेश में आईएएस अधिकारियों की कमी से सरकार जूझ रही है. प्रदेश में बड़ी संख्या में आईएएस के पद खाली पड़े हुए हैं, जबकि काफी संख्या में अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर हिमाचल से बाहर सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में हिमाचल में अफसरों की कमी चल रही है और मौजूदा कार्यरत वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को एक साथ कई महकमे की जिम्मेवारी संभालनी पड़ रही है. प्रदेश में अफसरों की कमी खल रही है. आईएएस स्तर के अधिकारियों की हिमाचल में भारी कमी है.
प्रदेश में आईएएस अधिकारियों के पदों की कुल संख्या 153 है, लेकिन हिमाचल कैडर में 114 ही अधिकारी हैं और इनमें भी 10 बड़े अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर केंद्र और अन्य राज्यों में सेवाएं दे रहे हैं. इस तरह 104 अधिकारी ही हिमाचल में काम के लिए बचे हैं, जिनमें एक अधिकारी स्टडी लीव पर हैं जबकि तीन अन्य आईएएस भी लंबे अवकाश पर हैं. वहीं 2021 और 2022 बैच के पांच आईएएस अधिकारी अभी अंडर ट्रेनिंग ही हैं. इस तरह करीब 95 अधिकारियों से ही सही मायने में सरकार काम चला रही है. साफ है कि प्रदेश में आईएएस अधिकारियों की कमी महसूस हो रही है. अधिकारियों की कमी से मौजूदा अधिकारियों पर ही काम की ज्यादा जिम्मेवारी है. सरकार ने एक साथ कई महकमे अधिकारियों को दे रखे हैं.
दो अधिकारी इस माह हो गए रिटायर: प्रदेश में आईएएस अधिकारियों के 39पद खाली चल रहे हैं, ये अधिकतर पद डायरेक्ट भर्ती से भरे जाने वाले अफसरों के हैं. नियमानुसार आईएएस की मौजूदा स्ट्रेंथ में से 66.3 फीसदी पद सीधी भर्ती से जबकि हिमाचल प्रशासनिक सेवाएं की आईएसएस के कुल पदों में से 33.3 फीसदी पर पदोन्नति की जाती है. मगर इसके हिमाचल को सीधी भर्ती से दो से तीन आईएएस अधिकारी मिल रहे हैं. साल 2022 में भी हिमाचल को दो ही आईएएस अधिकारी मिले थे, जबकि इससे पहले 3 आईएएस अधिकारी सीधी भर्ती से हिमाचल में आए थे.
10 आईएएस अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर प्रदेश से बाहर दे रहे सेवाएं: हिमाचल के 10 बड़े अधिकारी राज्य से बाहर सेवाएं दे रहे हैं. इसमें सीनियर लेवल के आईएएस अधिकारी हैं. हिमाचल में वरिष्ठता में पहले दस अधिकारियों में से चार आईएएस हिमाचल से बाहर हैं. इनमें वरिष्ठता में दूसरे स्थान पर अली रजा रिजवी भी बाहर हैं. वरिष्ठता में चौथे स्थान पर केके संजय मूर्ति केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. इसी तरह वरिष्ठता में छठे स्थान पर केके पंत और सातवें नंबर की अनुराधा ठाकुर भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. इनके अलावा छह अन्य अफसर भी प्रतिनियुक्ति पर बाहर सेवाएं दे रहे हैं.
सुखविंदर सिंह सरकार में तीन अधिकारियों ने पकड़ी प्रतिनियुक्ति की राह: केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में जाने वाले 10 अधिकारियों में से 3 अधिकारी मौजूदा सुखविंदर सरकार के समय में ही बाहर गए हैं. इसमें प्रधान सचिव स्तर के अधिकारी रजनीश, सुभाशीष पांडा के अलावा देबश्वेता बनिक शामिल हैं. हालांकि एक सचिव रैंक के डा. अमनदीप गर्ग हाल ही में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस प्रदेश में लौटे हैं.
सीनियर स्तर पर अफसरों की ज्यादा कमी: प्रदेश में सीनियर आईएएस अधिकारियों की ज्यादा कमी है. हिमाचल में पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार में सात आईएएस अतिरिक्त मुख्य सचिव पर भी एक साथ रहे हैं, लेकिन मौजूदा हालात में एक भी अधिकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत नहीं है. इसी तरह प्रधान सचिव स्तर के अधिकारियों की हिमाचल में भारी कमी है. मौजूदा समय में प्रधान सचिव स्तर के भी 5 ही अफसर प्रदेश में तैनात हैं. इस तरह इन अधिकारियों को एक साथ कई विभागों को जिम्मेवारी दी गई है.
तीन अधिकारी इसी साल हो रहे रिटायर: प्रदेश में आईएएस अधिकारी सेवानिवृत हो रहे हैं. हाल ही में यानी 31 जुलाई को आईएएस रामसुभग सिंह और अमिताभ अवस्थी अपनी सेवाओं से रिटायर हो गए. हालांकि सरकार ने दोनों को रिटायरमेंट के बाद तैनाती दी है. इनके अलावा इस साल तीन और अधिकारी रिटायर हो रहे हैं. इसमें वित्त सचिव अक्षय सूद अगस्त में और ऊर्जा सचिव राजीव शर्मा की अक्टूबर में रिटायर होंगे. इसी तरह पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक अमित कश्यप दिसंबर में रिटायर हो जाएंगे. ऐसे में आने वाले समय में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को अफसरों की कमी का और सामना करना पड़ेगा.