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सायबर सेल की लोगों को चेतावनी, टिक टॉक प्रो को ना करें डाउनलोड - himachal pradesh cyber cell

सायबर सेल एएसपी नरवीर सिंह राठौर ने लोगों को आगाह किया है कि तत्काल संदेश सेवाएं, एसएमएस या व्हाट्सएप के माध्यम से एक संदेश प्रसारित होने की खबरों के बीच यह चेतावनी जारी की गई है कि प्रतिबंधित चीनी ऐप टिक टॉक अब भारत में टिक टॉक प्रो के रूप में उपलब्ध है. यह बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं, शातिर इस ऐप को धोखाधड़ी के लए इस्तेमाल कर रहे हैं.

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Published : Jul 19, 2020, 6:47 PM IST

शिमला: कोरोना काल में सायबर अपराधी सक्रीय हो गए हैं और ठगी के नए से नए तरीके अपना रहे हैं. सायबर सेल एएसपी नरवीर सिंह राठौर ने लोगों को आगाह किया है कि सायबर अपराधी अपने जाल में फंसाने का प्रयास कर रहे हैं.

तत्काल संदेश सेवाएं, एसएमएस या व्हाट्सएप के माध्यम से एक संदेश प्रसारित होने की खबरों के बीच यह चेतावनी जारी की गई है कि प्रतिबंधित चीनी ऐप टिक टॉक अब भारत में टिक टॉक प्रो के रूप में उपलब्ध है.

यदि आपको ऐसा कोई संदेश प्राप्त हुआ है, तो जिसमें आपको टिक टॉक प्रो ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है, तो हम आपको उसे अनदेखा करने की सलाह देते हैं. हिमाचल प्रदेश राज्य सायबर क्राइम पुलिस स्टेशन शिमला ने नागरिकों को किसी भी एपीके फाइलों को डाउनलोड करने के खिलाफ चेतावनी दी है.

यह भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित टिकटॉक या किसी अन्य लोकप्रिय ऐप की सेवाओं की नकल करते हैं, क्योंकि ये मैलवेयर फैलने के स्रोत हो सकते हैं. उपयोगकर्ताओं को ऐप डाउनलोड करने के लिए संदेश के साथ एक लिंक भेजा जाता है. सायबर क्राइम सेल ने पाया है कि टिक टॉक प्रो नाम का मैलवेयर एक नकली ऐप है, जिसमें एक लोगो है जो असली ऐप को बारीकी से दोहराता है.

हालांकि यह तथ्य कि यह नकली ऐप गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध नहीं है. उनका कहना था कि यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि यह एक धोखाधड़ी है. यह भी ध्यान में आता है कि उपयोगकर्ताओं के लिए संदेश के साथ एक यूआरएल प्रदान किया जाता है जो कि बुनियादी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं करता है.

इस ऐप की साइट एचटीटीपी से शुरू होती है, लेकिन एचटीटीपीएस नहीं. जिसक मतलब है कि यह सुरक्षित नहीं है. इस संबंध में कोई भी जानकारी राज्य सायबर क्राइम पुलिस स्टेशन के ईमेल आईडी के साथ साझा की जा सकती है, जिससे विभाग इस तरह के धोखाधड़ी कृत्यों में लिप्त अपराधियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई कर सके.

पढ़ें: ना किसी को OTP बताया ना बैंक अकाउंट की डिटेल, फिर भी खाते से निकले 1 लाख 20 हजार रुपये

शिमला: कोरोना काल में सायबर अपराधी सक्रीय हो गए हैं और ठगी के नए से नए तरीके अपना रहे हैं. सायबर सेल एएसपी नरवीर सिंह राठौर ने लोगों को आगाह किया है कि सायबर अपराधी अपने जाल में फंसाने का प्रयास कर रहे हैं.

तत्काल संदेश सेवाएं, एसएमएस या व्हाट्सएप के माध्यम से एक संदेश प्रसारित होने की खबरों के बीच यह चेतावनी जारी की गई है कि प्रतिबंधित चीनी ऐप टिक टॉक अब भारत में टिक टॉक प्रो के रूप में उपलब्ध है.

यदि आपको ऐसा कोई संदेश प्राप्त हुआ है, तो जिसमें आपको टिक टॉक प्रो ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है, तो हम आपको उसे अनदेखा करने की सलाह देते हैं. हिमाचल प्रदेश राज्य सायबर क्राइम पुलिस स्टेशन शिमला ने नागरिकों को किसी भी एपीके फाइलों को डाउनलोड करने के खिलाफ चेतावनी दी है.

यह भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित टिकटॉक या किसी अन्य लोकप्रिय ऐप की सेवाओं की नकल करते हैं, क्योंकि ये मैलवेयर फैलने के स्रोत हो सकते हैं. उपयोगकर्ताओं को ऐप डाउनलोड करने के लिए संदेश के साथ एक लिंक भेजा जाता है. सायबर क्राइम सेल ने पाया है कि टिक टॉक प्रो नाम का मैलवेयर एक नकली ऐप है, जिसमें एक लोगो है जो असली ऐप को बारीकी से दोहराता है.

हालांकि यह तथ्य कि यह नकली ऐप गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध नहीं है. उनका कहना था कि यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि यह एक धोखाधड़ी है. यह भी ध्यान में आता है कि उपयोगकर्ताओं के लिए संदेश के साथ एक यूआरएल प्रदान किया जाता है जो कि बुनियादी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं करता है.

इस ऐप की साइट एचटीटीपी से शुरू होती है, लेकिन एचटीटीपीएस नहीं. जिसक मतलब है कि यह सुरक्षित नहीं है. इस संबंध में कोई भी जानकारी राज्य सायबर क्राइम पुलिस स्टेशन के ईमेल आईडी के साथ साझा की जा सकती है, जिससे विभाग इस तरह के धोखाधड़ी कृत्यों में लिप्त अपराधियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई कर सके.

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