शिमला: मनरेगा कामगारों को श्रमिक कल्याण बोर्ड के लाभों से वंचित करने को लेकर सता पक्ष और विपक्ष में वाकयुद्ध छिड़ गया है. बीजेपी, कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा रही है वहीं, कांग्रेस का कहना है कि इसका फैसला बीजेपी की केंद्र और पूर्व जयराम सरकार ने लिया था. मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि विपक्ष के नेता भ्रामक प्रचार कर जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास कर रहे हैं. (Naresh Chauhan target BJP)
उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार की नाकामियों को पहले तो बड़ी चालाकी से छुपाया जा रहा है और अब सत्ता खोने के बाद विपक्षी नेता तथ्यहीन बयानबाजी कर अपनी रोटियां सेंकने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से यह प्रचारित और प्रसारित किया जा रहा है कि मनरेगा कामगारों को श्रमिक कल्याण बोर्ड के लाभों से वंचित किया गया है, जबकि वास्तविकता यह है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की थी और प्रदेश में पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान ही इसे लागू करने का खाका तैयार किया गया था. (Naresh Chauhan attack on bjp)
मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि मनरेगा कामगारों को एनएमएमएस (नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम ऐप) प्रणाली के माध्यम से हाजिरी लगाने के बारे में भी भ्रामक प्रचार किया जा रहा है. इस संबंध में भी निर्णय केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लिया गया था और इसे एक मई, 2021 से लागू करने का फैसला किया गया था. केंद्र सरकार ने 23 दिसंबर को पुनः निर्देश जारी कर इस फैसले को सख्ती से लागू करने को कहा है.
उन्होंने कहा कि अब भाजपा के नेता अपनी करनी और नाकामियों को छुपाने के लिए अपनी कथनी से विष घोल रहे हैं. लेकिन जनता समझदार है और सब जानती है. नरेश चौहान ने विपक्ष के नेताओं को परामर्श दिया कि काल्पनिक सोच से बाहर निकलें और जनादेश को स्वीकारते हुए सकारात्मक रुख अपनाकर कोई रचनात्मक कार्य करने का प्रयास करें.
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