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बजट चर्चा पर सीएम सुखविंदर का जवाब, तीन महीने में लेना पड़ा 4300 करोड़ कर्ज, एक साल में दिखेगा बजट का असर

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Published : Mar 23, 2023, 10:41 PM IST

हिमाचल प्रदेश के बजट सत्र के आठवें दिन गुरुवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भाजपा को घेरा और कई बड़े बयान भी दिए. पढ़ें पूरी खबर...

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू.
बजट चर्चा पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू.

शिमला: हिमाचल सरकार को विरासत में 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज मिला है. यह बात सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू विधानसभा में गुरुवार को बजट पर सामान्य चर्चा के जवाब में बोल रहे थे. उन्होंने कहा है कि हालत ये हुए कि सत्ता संभालते ही कर्ज लेकर काम चलाना पड़ा. जनवरी महीने में 1300 करोड़ और फरवरी व मार्च में डेढ़-डेढ़ हजार करोड़ रुपए कर्ज लेना पड़ा है.

अब तक तीन महीने में 4300 करोड़ रुपए लोन लिया जा चुका है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार के समय छठे वेतन आयोग की दस हजार करोड़ रुपए से अधिक की देनदारी भी हमारी सरकार के जिम्मे आई है. सीएम ने कहा कि उनके पहले बजट का असर एक साल में दिखेगा. बजट पर सामान्य चर्चा में पक्ष और विपक्ष के 52 सदस्यों ने 17 घंटे पचास मिनट तक चर्चा की. हालांकि सीएम सुखविंदर सिंह ने गुरुवार को बिलासपुर मेले के समापन समारोह में जाना था, लेकिन फिर डिप्टी सीएम वहां गए और सीएम ने हाउस में चर्चा का जवाब दिया.

जिस समय सीएम सुखविंदर सिंह महिलाओं को डेढ़ हजार रुपए की गारंटी पर बोल रहे थे, विपक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे. विपक्ष ने कहा कि इस मामले में सरकार महिलाओं को गुमराह कर रही है. सदन में खूब शोर-शराबा हुआ और बाद में विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया. खैर, सीएम ने चर्चा के जवाब में विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब दिए और साथ ही अपने बजट की खास बातों का जिक्र किया.

सीएम ने कहा कि उनकी सरकार चरणबद्ध तरीके से अपनी गारंटियों को पूरा करेगी. ओपीएस का वादा पहली कैबिनेट में पूरा किया गया है. सरकार का पहला बजट रूटीन की तरह नहीं है. उन्होंने व कैबिनेट के सदस्यों ने रात-रात भर मेहनत कर इसे प्रदेश हित में बनाया है. अभी हमारी सरकार को कार्यभार संभाले हुए सिर्फ सौ दिन हुए हैं. सीएम ने दावा किया कि उनकी सरकार के पहले बजट का असर एक साल में दिखना शुरू होगा.

हर प्रदेशवासी पर 92833 रुपए कर्ज, लेने होंगे कड़े फैसले- सीएम ने कहा कि प्रदेश पर कर्ज का भारी बोझ है. प्रत्येक प्रदेश वासी पर 92833 रुपए का कर्ज है. ऐसी परिस्थितियों में सरकार को कड़े फैसले लेने होंगे. सीएम ने कहा कि उनकी सरकार पांच साल में चार चरणों में 2.31 लाख महिलाओं को पंद्रह सौ रुपए प्रति माह वाली गारंटी पूरी करेगी.

नहीं बदला गया हिमकेयर का नाम- सीएम ने विपक्ष के उस आरोप को गलत बताया, जिसमें कहा गया है कि पूर्व सरकार की हिमकेयर व सहारा योजनाओं का नाम बदला गया है. सीएम ने कहा कि न तो हिमकेयर व सहारा योजनाओं को बदला गया है और न ही इनका नाम बदला गया है. सीएम ने कहा कि सरकार ने हिमकेयर के लिए 92 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है.

इसी तरह सहारा योजना के लिए 62 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. सीएम ने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार ने कैजुअल्टी को डिपार्टमेंट ऑफ एमरजेंसी मेडिसिन में बदला जाएगा. देखा गया है कि कैजुअल्टी में एक बिस्तर पर तीन-तीन मरीज इलाज के लिए रखे जाते हैं. अगले छह महीने में कैजुअल्टी का चेहरा बदल जाएगा.

प्रदेश में बिना बजट खोले गए संस्थान- सीएम ने कहा कि पूर्व सरकार ने कुल 584 संस्थान आखिर समय में खोले, लेकिन फाइनेंस से केवल 94 संस्थानों की हामी थी. इसी तरह हैल्थ में 140 संस्थान खोल दिए. फाइनेंस ने केवल 9 पर सहमति जताई थी. रेवेन्यू विभाग के 62 संस्थान खोले, जबकि फाइनेंस की सहमति केवल एक संस्थान की थी. इसी तरह जलशक्ति विभाग में 34, पशुपालन विभाग में 43 संस्थान खोले गए, जबकि वित्त विभाग ने क्रमश: 3-3 संस्थानों की सहमति जताई थी. इसी तरह 23 ऐसे कॉलेज खोले, जिनमें एडमिशन या तो जीरो थी या फिर नाममात्र.

एसएमसी टीचर्स का मानदेय बढ़ाया- मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बजट भाषण में एसएमसी टीचर्स मानदेय बढ़ोतरी के लाभ से रह गए थे. उन्होंने एसएमसी टीचर्स के मानदेय में 2 हजार रुपए प्रतिमाह बढ़ोतरी का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल के रूप में सरकार ने अपनी एक और गारंटी पूरी की है.

2 साल में पूरा करेंगे शौंग-टौंग प्रोजेक्ट- सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि शौंग-टौंग प्रोजेक्ट का काम अरसे से अधूरा पड़ा है. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को दो साल में पूरा किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट की निर्माण अवधि 2027 है, लेकिन सरकार समय से पहले इसे बना देगी. इससे सरकार के 1700 करोड़ रुपए बचेंगे. सीएम ने 2026 तक राज्य को ग्रीन स्टेट बनाने का संकल्प दोहराया.

ग्रामीण इलाकों में आय के साधन बढ़ेंगे- उन्होंने अपनी सरकार की योजनाओं का ब्यौरा दिया और कहा कि कैसे हिम गंगा योजना से ग्रामीण इलाकों में आय के साधन बढ़ेंगे. मुख्यमंत्री ने पर्यटन सेक्टर से लेकर स्वरोजगार और उद्योग के क्षेत्र में अपनी सरकार की योजनाओं को गिनाया. उन्होंने लैंड सीलिंग एक्ट में बेटी को अलग इकाई के तौर पर मानने वाले फैसले का भी जिक्र किया और कहा कि उनकी सरकार निराश्रितों व समाज के वंचित वर्ग के लिए काम करेगी.

सीएम ने विपक्ष की निंदा की- वहीं, अपने भाषण में सीएम सुखविंदर सिंह ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे वॉकआउट का बहाना तलाश रहे थे. सीएम ने कहा कि विपक्ष को बोलने का अधिक समय दिया गया, ये व्यवस्था परिवर्तन का उदाहरण है. सीएम सुखविंदर सिंह ने विधानसभा सेशन के दौरान डी-नोटिफिकेशन के मुद्दे पर विपक्ष के सदस्यों द्वारा लोहे की चेन लेकर विधानसभा में विरोध की भी निंदा की.

ये भी पढ़ें: विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर लगाए झूठ बोलने के आरोप, CM बोले- सदन में मुख्यमंत्री नहीं चेयर जवाब देती है

बजट चर्चा पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू.

शिमला: हिमाचल सरकार को विरासत में 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज मिला है. यह बात सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू विधानसभा में गुरुवार को बजट पर सामान्य चर्चा के जवाब में बोल रहे थे. उन्होंने कहा है कि हालत ये हुए कि सत्ता संभालते ही कर्ज लेकर काम चलाना पड़ा. जनवरी महीने में 1300 करोड़ और फरवरी व मार्च में डेढ़-डेढ़ हजार करोड़ रुपए कर्ज लेना पड़ा है.

अब तक तीन महीने में 4300 करोड़ रुपए लोन लिया जा चुका है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार के समय छठे वेतन आयोग की दस हजार करोड़ रुपए से अधिक की देनदारी भी हमारी सरकार के जिम्मे आई है. सीएम ने कहा कि उनके पहले बजट का असर एक साल में दिखेगा. बजट पर सामान्य चर्चा में पक्ष और विपक्ष के 52 सदस्यों ने 17 घंटे पचास मिनट तक चर्चा की. हालांकि सीएम सुखविंदर सिंह ने गुरुवार को बिलासपुर मेले के समापन समारोह में जाना था, लेकिन फिर डिप्टी सीएम वहां गए और सीएम ने हाउस में चर्चा का जवाब दिया.

जिस समय सीएम सुखविंदर सिंह महिलाओं को डेढ़ हजार रुपए की गारंटी पर बोल रहे थे, विपक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे. विपक्ष ने कहा कि इस मामले में सरकार महिलाओं को गुमराह कर रही है. सदन में खूब शोर-शराबा हुआ और बाद में विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया. खैर, सीएम ने चर्चा के जवाब में विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब दिए और साथ ही अपने बजट की खास बातों का जिक्र किया.

सीएम ने कहा कि उनकी सरकार चरणबद्ध तरीके से अपनी गारंटियों को पूरा करेगी. ओपीएस का वादा पहली कैबिनेट में पूरा किया गया है. सरकार का पहला बजट रूटीन की तरह नहीं है. उन्होंने व कैबिनेट के सदस्यों ने रात-रात भर मेहनत कर इसे प्रदेश हित में बनाया है. अभी हमारी सरकार को कार्यभार संभाले हुए सिर्फ सौ दिन हुए हैं. सीएम ने दावा किया कि उनकी सरकार के पहले बजट का असर एक साल में दिखना शुरू होगा.

हर प्रदेशवासी पर 92833 रुपए कर्ज, लेने होंगे कड़े फैसले- सीएम ने कहा कि प्रदेश पर कर्ज का भारी बोझ है. प्रत्येक प्रदेश वासी पर 92833 रुपए का कर्ज है. ऐसी परिस्थितियों में सरकार को कड़े फैसले लेने होंगे. सीएम ने कहा कि उनकी सरकार पांच साल में चार चरणों में 2.31 लाख महिलाओं को पंद्रह सौ रुपए प्रति माह वाली गारंटी पूरी करेगी.

नहीं बदला गया हिमकेयर का नाम- सीएम ने विपक्ष के उस आरोप को गलत बताया, जिसमें कहा गया है कि पूर्व सरकार की हिमकेयर व सहारा योजनाओं का नाम बदला गया है. सीएम ने कहा कि न तो हिमकेयर व सहारा योजनाओं को बदला गया है और न ही इनका नाम बदला गया है. सीएम ने कहा कि सरकार ने हिमकेयर के लिए 92 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है.

इसी तरह सहारा योजना के लिए 62 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. सीएम ने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार ने कैजुअल्टी को डिपार्टमेंट ऑफ एमरजेंसी मेडिसिन में बदला जाएगा. देखा गया है कि कैजुअल्टी में एक बिस्तर पर तीन-तीन मरीज इलाज के लिए रखे जाते हैं. अगले छह महीने में कैजुअल्टी का चेहरा बदल जाएगा.

प्रदेश में बिना बजट खोले गए संस्थान- सीएम ने कहा कि पूर्व सरकार ने कुल 584 संस्थान आखिर समय में खोले, लेकिन फाइनेंस से केवल 94 संस्थानों की हामी थी. इसी तरह हैल्थ में 140 संस्थान खोल दिए. फाइनेंस ने केवल 9 पर सहमति जताई थी. रेवेन्यू विभाग के 62 संस्थान खोले, जबकि फाइनेंस की सहमति केवल एक संस्थान की थी. इसी तरह जलशक्ति विभाग में 34, पशुपालन विभाग में 43 संस्थान खोले गए, जबकि वित्त विभाग ने क्रमश: 3-3 संस्थानों की सहमति जताई थी. इसी तरह 23 ऐसे कॉलेज खोले, जिनमें एडमिशन या तो जीरो थी या फिर नाममात्र.

एसएमसी टीचर्स का मानदेय बढ़ाया- मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बजट भाषण में एसएमसी टीचर्स मानदेय बढ़ोतरी के लाभ से रह गए थे. उन्होंने एसएमसी टीचर्स के मानदेय में 2 हजार रुपए प्रतिमाह बढ़ोतरी का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल के रूप में सरकार ने अपनी एक और गारंटी पूरी की है.

2 साल में पूरा करेंगे शौंग-टौंग प्रोजेक्ट- सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि शौंग-टौंग प्रोजेक्ट का काम अरसे से अधूरा पड़ा है. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को दो साल में पूरा किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट की निर्माण अवधि 2027 है, लेकिन सरकार समय से पहले इसे बना देगी. इससे सरकार के 1700 करोड़ रुपए बचेंगे. सीएम ने 2026 तक राज्य को ग्रीन स्टेट बनाने का संकल्प दोहराया.

ग्रामीण इलाकों में आय के साधन बढ़ेंगे- उन्होंने अपनी सरकार की योजनाओं का ब्यौरा दिया और कहा कि कैसे हिम गंगा योजना से ग्रामीण इलाकों में आय के साधन बढ़ेंगे. मुख्यमंत्री ने पर्यटन सेक्टर से लेकर स्वरोजगार और उद्योग के क्षेत्र में अपनी सरकार की योजनाओं को गिनाया. उन्होंने लैंड सीलिंग एक्ट में बेटी को अलग इकाई के तौर पर मानने वाले फैसले का भी जिक्र किया और कहा कि उनकी सरकार निराश्रितों व समाज के वंचित वर्ग के लिए काम करेगी.

सीएम ने विपक्ष की निंदा की- वहीं, अपने भाषण में सीएम सुखविंदर सिंह ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे वॉकआउट का बहाना तलाश रहे थे. सीएम ने कहा कि विपक्ष को बोलने का अधिक समय दिया गया, ये व्यवस्था परिवर्तन का उदाहरण है. सीएम सुखविंदर सिंह ने विधानसभा सेशन के दौरान डी-नोटिफिकेशन के मुद्दे पर विपक्ष के सदस्यों द्वारा लोहे की चेन लेकर विधानसभा में विरोध की भी निंदा की.

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