शिमला: देश के आउटसोर्स कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अपनी मांगों को लेकर आउटसोर्स कर्मचारी एक बार फिर सड़कों पर उतरने का फैसला लिया है. कर्मचारियों ने सरकार को मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
राजधानी शिमला में रविवार को आउटसोर्स कर्मचारियों ने बैठक का आयोजन किया. इस बैठक में नई कार्यकारिणी का गठन किया गया. यूनियन के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार न्यूनतम वेतन 18000 रुपये करने को लेकर सरकार नकारात्मक रुख अपना रही है. कर्मचारियों को भी ईपीएफ और ईएसआई की सुविधा मिलनी चाहिए. जिसके कारण मजबूरन उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
आउटसोर्स कर्मचारी यूनियन जिला शिमला के प्रधान वीरेंद्र शर्मा का कहना है कि सरकार आउटसोर्स कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. वीरेंद्र शर्मा ने कहा कि आए दिन आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है. जिससे तंग आकर अब कर्मचारियों ने आंदोलन का रास्थ अख्तियार करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे आंदोलन को उग्र रूप देने से भी पीछे नहीं हटेंगे.