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Himachal Monsoon Loss: हिमाचल में मानसून से अब तक 8,679 करोड़ का नुकसान, 428 लोगों की गई जान - etv bharat news

हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में अब तक 8,679 करोड़ का नुकसान आंका गया है, जबकि 428 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, अभी भी करीब 60 सड़कें बंद हैं. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal Disaster) (Himachal Monsoon Loss).

Himachal Monsoon Loss
फाइल फोटो.
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 12, 2023, 8:20 PM IST

शिमला: प्रदेश में इस बार मानसून की कहर बनकर बरसा है. भारी बारिश से प्रदेश में सरकारी व निजी संपत्तियों के साथ-साथ अबकी बार काफी जानी नुकसान भी हुआ है. मानसून सीजन में अब तक प्रदेश में 8,679 करोड़ का नुकसान आंका गया है, जबकि 428 लोगों की जानें भी गई हैं. प्रदेश में बड़ी संख्या में सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, लोक निर्माण विभाग इन सड़कों की बहाली के काम में जुटा हुआ है. इसके बावजूद अभी भी करीब 60 सड़कें बंद हैं.

मानसून सीजन में बारिश से नुकसान 8679 करोड़ तक पहुंच गया है. मौसम साफ होने के बाद अब सरकारी मशीनरी भी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है. प्रदेश में मानसून सीजन में अब तक 428 लोगों की जानें गई हैं, जबकि 427 लोग जख्मी भी हुए हैं. इसके अलावा 39 लोग लापता हुए हैं. इस मानसून में पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है. प्रदेश में 6431 मवेशियों की मौत इस बार हुई है.

मानसून सीजन में बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी भी क्षति हुई है. अकेले पीडब्ल्यूडी को 2941 करोड़ की क्षति हुई है. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी अबकी बार क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं 19 पुल पूरी तरह से ढह गए. लोक निर्माण विभाग क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली के काम में जुटा है, इसके बावजूद 60 सड़कें अभी भी बंद हैं.

ये भी पढ़ें- Water Logging In Una: प्रदेश के सबसे बड़े गांव देहलां में आफत, सड़क पर पसरा गंदा पानी, भीषण बीमारियों के फैलने का खतरा

जल शक्ति विभाग को 2119 करोड़ की क्षति: जल शक्ति विभाग को 2119 करोड़ की क्षतिभारी बारिश से हुए भूस्खलन की चपेट में पानी व अन्य परियोजनाएं भी आई हैं. मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19539 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11058 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11040 परियोजनाएं बहाल कर गई हैं, हालांकि अभी भी करीब डेढ़ दर्जन परियोजनाएं बंद हैं. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं.

जल शक्ति और लोक निर्माण विभाग के अलावा प्रदेश में अन्य विभागों को भी काफी क्षति पहुंची है. राज्य बिजली बोर्ड को करीब 1740 करोड़, कृषि को करीब 357 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान इस सीजन हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शहरी विकास विभाग को 88.82 करोड़ और शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 125 करोड़ की क्षति है.

13,621 परिवारों के आशियाने बारिश में क्षतिग्रस्त

मानसून सीजन में अबकी बार हजारों रिहायशी व अन्य मकान भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आए. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13621 परिवारों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2611 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए, जबकि 11010 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. इसके अलावा प्रदेश में 318 दुकानें और 5897 गौशालाएं भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आकर ढह गईं.

ये भी पढ़ें- बलबीर वर्मा बोले: आपदा के 2 महीने बाद आई हिमाचल की याद, प्रियंका गांधी वाड्रा याद करें 1500 रुपये दिलाने का वादा

शिमला: प्रदेश में इस बार मानसून की कहर बनकर बरसा है. भारी बारिश से प्रदेश में सरकारी व निजी संपत्तियों के साथ-साथ अबकी बार काफी जानी नुकसान भी हुआ है. मानसून सीजन में अब तक प्रदेश में 8,679 करोड़ का नुकसान आंका गया है, जबकि 428 लोगों की जानें भी गई हैं. प्रदेश में बड़ी संख्या में सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, लोक निर्माण विभाग इन सड़कों की बहाली के काम में जुटा हुआ है. इसके बावजूद अभी भी करीब 60 सड़कें बंद हैं.

मानसून सीजन में बारिश से नुकसान 8679 करोड़ तक पहुंच गया है. मौसम साफ होने के बाद अब सरकारी मशीनरी भी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है. प्रदेश में मानसून सीजन में अब तक 428 लोगों की जानें गई हैं, जबकि 427 लोग जख्मी भी हुए हैं. इसके अलावा 39 लोग लापता हुए हैं. इस मानसून में पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है. प्रदेश में 6431 मवेशियों की मौत इस बार हुई है.

मानसून सीजन में बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी भी क्षति हुई है. अकेले पीडब्ल्यूडी को 2941 करोड़ की क्षति हुई है. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी अबकी बार क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं 19 पुल पूरी तरह से ढह गए. लोक निर्माण विभाग क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली के काम में जुटा है, इसके बावजूद 60 सड़कें अभी भी बंद हैं.

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जल शक्ति विभाग को 2119 करोड़ की क्षति: जल शक्ति विभाग को 2119 करोड़ की क्षतिभारी बारिश से हुए भूस्खलन की चपेट में पानी व अन्य परियोजनाएं भी आई हैं. मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19539 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11058 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11040 परियोजनाएं बहाल कर गई हैं, हालांकि अभी भी करीब डेढ़ दर्जन परियोजनाएं बंद हैं. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं.

जल शक्ति और लोक निर्माण विभाग के अलावा प्रदेश में अन्य विभागों को भी काफी क्षति पहुंची है. राज्य बिजली बोर्ड को करीब 1740 करोड़, कृषि को करीब 357 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान इस सीजन हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शहरी विकास विभाग को 88.82 करोड़ और शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 125 करोड़ की क्षति है.

13,621 परिवारों के आशियाने बारिश में क्षतिग्रस्त

मानसून सीजन में अबकी बार हजारों रिहायशी व अन्य मकान भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आए. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13621 परिवारों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2611 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए, जबकि 11010 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. इसके अलावा प्रदेश में 318 दुकानें और 5897 गौशालाएं भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आकर ढह गईं.

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