शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में अबकी बार बारिश से भारी नुकसान हुआ है. सड़कों, पानी व अन्य परियोजनाओं के साथ-साथ निजी संपत्तियों की इससे भारी क्षति पहुंची. राज्य में इस सीजन में 8667 करोड़ का नुकसान हुआ है. मानसून के थमने से प्रदेश में नुकसान की रफ्तार कम हुई है और सरकारी मशीनरी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है. हालांकि अभी भीदूर दराज इलाकों में 159 सड़कें बंद पड़ी हैं. पानी की भी कई परियोजनाएं बंद हैं. यही नहीं अबकी बार मानसून की बारिश ने 398 लोगों की जानें भी लीं.
प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. अब तक करीब 8667 करोड़ का नुकसान इससे प्रदेश में आंका गया है, जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2937 करोड़ की क्षति हुई है. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी अबकी बार क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं 19 पुल पूरी तरह से ढह गए. प्रदेश में क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली में लोक निर्माण विभाग जुटा है, मगर कई सड़कें काफी क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे उनकी बहाली में समय लग रहा है. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अभी भी 159 सड़कें बंद हैं. इसमें लोक निर्माण विभाग के मंडी जोन में 66 सड़कें बंद हैं जबकि शिमला जोन में 33 सड़क मार्ग अवरूद्ध पड़े हुए हैं. हमीरपुर जोन में 33 और कांगड़ा जोन में 24 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग ने सड़कों की बहाली के काम में टिप्पर, जेसीबी सहित 900 से ज्यादा मशीनें लगाई हुई हैं.
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जल शक्ति विभाग की दो दर्जन परियोजनाएं बंद: प्रदेश में भूस्खलन होने से बड़ी संख्या में पानी व अन्य परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून के इस सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19537 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11056 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11030 परियोजनाएं अस्थाई तौर पर बहाल कर गई हैं लेकिन अभी भी 26 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इससे इन परियोजनाओं पर निर्भर इलाकों में पानी की किल्लत चल रही है. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को करीब 2118 करोड़ का नुकसान पहुंचा है.
सड़कों-पुलों और पानी की परियोजनाओं के अलावा प्रदेश में बिजली को भी भारी क्षति पहुची है. बिजली बोर्ड को करीब 1740 करोड़, कृषि को करीब 357 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान इस सीजन हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 121 करोड़ की क्षति पहुंचाई है.
प्रदेश में 13395 परिवारों के आशियाने भी उजड़े: मानसून सीजन में बड़ी संख्या में मकान भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आए हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13395 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2546 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए. प्रदेश में 317 दुकानें और 5644 गौशालाएं भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आईं हैं, इनके अलावा यह बारिश 398 लोगों की जानें ले गईं और 371 को जख्मी भी कर गईं.
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