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Himachal Monsoon Loss: हिमाचल में मानसून सीजन में 8,675 करोड़ का नुकसान, मरने वालों की संख्या 408 पहुंची

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 5, 2023, 8:01 PM IST

हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में अभी तक 8,675 करोड़ का नुकसान आंका गया है. वहीं, 408 लोगों की मौत हुई और 378 जख्मी हुए हैं. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal Monsoon Loss).

Himachal Monsoon Loss
हिमाचल में मानसून सीजन में 8,675 करोड़ का नुकसान

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून आफत बनकर बरसा है. प्रदेश में सरकारी व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही मानसून ने अबकी बार बारिश से भारी जानी नुकसान पहुंचाया है. मानसून सीजन में अब तक 8675 करोड़ का नुकसान आंका गया है. हालांकि मानसून थमने से प्रदेश में नुकसान की रफ्तार कम हुई है और सरकारी मशीनरी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है. इसके बावजूद दूर दराज इलाकों में अभी भी 145 सड़कें बंद हैं. पानी की भी कई परियोजनाएं ठप हैं. वहीं, प्रदेश में मानसून सीजन में मरने वालों की तादाद 408 पहुंच गई है, जबकि 378 लोग जख्मी हुए हैं.

प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. अब तक करीब 8675 करोड़ का नुकसान इससे प्रदेश में आंका गया है, जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2940 करोड़ की क्षति आंकी गई हैं. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी अबकी बार क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं 19 पुल पूरी तरह से ढह गए. हालांकि क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली में लोक निर्माण विभाग जुटा है, मगर कई सड़कें काफी क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे उनकी बहाली में समय लग रहा है. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अभी भी 145 सड़कें बंद हैं. इसमें लोक निर्माण विभाग के मंडी जोन में 52 सड़कें बंद हैं जबकि शिमला जोन में 28 सड़क मार्ग बंद पड़े हुए हैं. हमीरपुर जोन में 29 और कांगड़ा जोन में 34 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग ने सड़कों की बहाली के काम में टिप्पर, जेसीबी सहित 958 से मशीनें लगा रखी हैं.

जल शक्ति विभाग को 2118 करोड़ रुपए का नुकसान: प्रदेश में भूस्खलन होने से बड़ी संख्या में पानी व अन्य परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19537 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11056 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11030 परियोजनाएं बहाल कर गई हैं, हालांकि अभी भी 26 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को करीब 2118 करोड़ का नुकसान आंका गया है.

इनके अलावा प्रदेश में बिजली को भी भारी क्षति पहुंची है. बिजली बोर्ड को करीब 1740 करोड़, कृषि को करीब 357 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान इस सीजन हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 125 करोड़ की क्षति पहुंचाई है.

प्रदेश में 13241 मकान मानसून में क्षतिग्रस्त: इस मानसून सीजन में बड़ी संख्या में रिहायशी व अन्य मकान भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आए. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13241मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2556 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 10865 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. इसके अलावा प्रदेश में 317 दुकानें और 5651 गौशालाएं भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आईं हैं, प्रदेश में अबकी बार भारी जानी नुकसान भी हुआ है. राज्य में मानसून सीजन में 408 लोगों की मौत हुई और 378 जख्मी हुए हैं. यही नहीं इस सीजन में पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है. अबकी बार करीब 6394 मवेशियों की मौत हुई है.

ये भी पढ़ें- Bilaspur News: खास रोहिण गांव में धंस रही जमीन, कई घरों में आई बड़ी-बड़ी दरारें, 7 परिवार हुए बेघर

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून आफत बनकर बरसा है. प्रदेश में सरकारी व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही मानसून ने अबकी बार बारिश से भारी जानी नुकसान पहुंचाया है. मानसून सीजन में अब तक 8675 करोड़ का नुकसान आंका गया है. हालांकि मानसून थमने से प्रदेश में नुकसान की रफ्तार कम हुई है और सरकारी मशीनरी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है. इसके बावजूद दूर दराज इलाकों में अभी भी 145 सड़कें बंद हैं. पानी की भी कई परियोजनाएं ठप हैं. वहीं, प्रदेश में मानसून सीजन में मरने वालों की तादाद 408 पहुंच गई है, जबकि 378 लोग जख्मी हुए हैं.

प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. अब तक करीब 8675 करोड़ का नुकसान इससे प्रदेश में आंका गया है, जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2940 करोड़ की क्षति आंकी गई हैं. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी अबकी बार क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं 19 पुल पूरी तरह से ढह गए. हालांकि क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली में लोक निर्माण विभाग जुटा है, मगर कई सड़कें काफी क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे उनकी बहाली में समय लग रहा है. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में अभी भी 145 सड़कें बंद हैं. इसमें लोक निर्माण विभाग के मंडी जोन में 52 सड़कें बंद हैं जबकि शिमला जोन में 28 सड़क मार्ग बंद पड़े हुए हैं. हमीरपुर जोन में 29 और कांगड़ा जोन में 34 सड़कें बंद हैं. लोक निर्माण विभाग ने सड़कों की बहाली के काम में टिप्पर, जेसीबी सहित 958 से मशीनें लगा रखी हैं.

जल शक्ति विभाग को 2118 करोड़ रुपए का नुकसान: प्रदेश में भूस्खलन होने से बड़ी संख्या में पानी व अन्य परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19537 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11056 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11030 परियोजनाएं बहाल कर गई हैं, हालांकि अभी भी 26 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को करीब 2118 करोड़ का नुकसान आंका गया है.

इनके अलावा प्रदेश में बिजली को भी भारी क्षति पहुंची है. बिजली बोर्ड को करीब 1740 करोड़, कृषि को करीब 357 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान इस सीजन हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 125 करोड़ की क्षति पहुंचाई है.

प्रदेश में 13241 मकान मानसून में क्षतिग्रस्त: इस मानसून सीजन में बड़ी संख्या में रिहायशी व अन्य मकान भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आए. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13241मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2556 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 10865 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. इसके अलावा प्रदेश में 317 दुकानें और 5651 गौशालाएं भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आईं हैं, प्रदेश में अबकी बार भारी जानी नुकसान भी हुआ है. राज्य में मानसून सीजन में 408 लोगों की मौत हुई और 378 जख्मी हुए हैं. यही नहीं इस सीजन में पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है. अबकी बार करीब 6394 मवेशियों की मौत हुई है.

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