शिमला: एशिया के फार्मा हब बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ यानी बीबीएन के बद्दी में नकली दवाओं का जखीरा पकड़े जाने के मामले में हिमाचल हाई कोर्ट (Himachal High court) ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य सचिव व दवा नियंत्रक से शपथ पत्र मांगा है. बद्दी में नकली दवाओं की कंपनी व गोदाम (Spurious Medicines In Baddi of solan) से सब-स्टैंडर्ड और नकली दवाओं का जखीरा पकड़ा गया था.
हाई कोर्ट ने इस मामले में सख्ती दिखाई थी. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद सईद व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार से यह पूछा है कि उन्होंने नकली दवाओं के निर्माण को रोकने के लिए अभी तक क्या कदम उठाए गए हैं? साथ ही ये भी पूछा है कि निकट भविष्य में इसे रोकने के लिए उनकी क्या योजना है? इस मामले में हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. इस जनहित याचिका का आधार मीडिया में आई खबरों को बनाया गया है. बद्दी में आर्य फार्मा के परिसर से भारी मात्रा में नकली दवाएं बरामद की गई थी. मीडिया रिपोट्रस के अनुसार नकली दवाओं का कारोबार बद्दी-बरोटीवाला क्षेत्र में खूब जोरों पर है.
उल्लेखनीय है कि 22 नवंबर को बद्दी बैरियर से ड्रग विभाग की टीम ने यूपी नंबर की एक कार को पकड़ा था, जिसमें भारी संख्या में नामी कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं बरामद हुई थी. इसके बाद प्रशासन की टीम ने एक गोदाम व फैक्ट्री का पता लगाया जहां अवैध रूप से नकली दवाइयां बन रही थी. फिलहाल, नकली दवाओं के पकड़े जाने के मामले में ड्रग विभाग कार्रवाई कर रहा है. अब तक मुख्य आरोपी मोहित बंसल निवासी आगरा समेत कुल चार लोगों को पकड़ा जा चुका है. इन सभी को 9 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
ड्रग विभाग ने आगरा में मुख्य आरोपी मोहित बंसल के मेडिकल स्टोर से भी पांच लाख की नकली दवाइयां बरामद की थी और सील कर दिया है. ड्रग विभाग द्वारा डेढ़ करोड़ की नकली दवाइयों समेत मशीनरी को जब्त किया जा चुका है. अवैध रूप से बनाई जा रही दवाइयों में शातिर लोग इप्का लेबोरेटरीज, यूएसवी प्राइवेट लिमिटेड, सिप्ला, कैडिला, मैकलियोड्स फार्मास्युटिकल्स, सिग्नोवा फार्मा जैसी प्रसिद्ध कंपनियों के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब हाई कोर्ट की तरफ से स्वत: संज्ञान लेने के बाद शपथपत्र मांगा गया है.
ये भी पढ़ें: कांग्रेस डंके की चोट पर बनाएगी सरकार, 8 दिसंबर को उखड़ेगा भाजपा का तंबू: मुकेश अग्निहोत्री