शिमला: हिमाचल हाईकोर्ट के तीन नव नियुक्त जज 31 जुलाई को शपथ लेंगे. राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला राजभवन में राकेश कैंथला, रंजन शर्मा, बिपिन चंद्र नेगी को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे. केंद्र सरकार की ओर से इनकी नियुक्ति की अधिसूचना बीते शुक्रवार को जारी की गई थी.
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला राजभवन में हाईकोर्ट के तीन नवनियुक्त जजों को शपथ दिलाएंगे. शपथ ग्रहण समारोह सोमवार सुबह 9:15 बजे होगा. इससे पहले शुक्रवार को केंद्र सरकार ने न्यायिक अधिकारी राकेश कैंथला, सीनियर एडवोकेट रंजन शर्मा, बिपिन चंद्र नेगी को हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने को लेकर अधिसूचना जारी की थी.
हाईकोर्ट में जज नियुक्त किए गए राकेश कैंथला न्यायिक अधिकारी के तौर पर अभी तक सेवाएं दे रहे थे. राकेश कैंथला का जन्म 23 मई , 1968 को शिमला में हुआ. उन्होंने डीएवी स्कूल लक्कड़ बाजार शिमला से स्कूली शिक्षा ग्रहण की. इसके बाद डिग्री कॉलेज संजौली शिमला से ग्रेजुएशन की. इसके बाद इन्होंने 1991 में एचपीयू से एलएलबी की डिग्री हासिल की और उन्होंने 1991 में एक वकील के रूप में प्रैक्टिस शुरू की और कानून के विभिन्न क्षेत्रों में वकालत की.
राकेश कैंथला 1995 में हिमाचल न्यायिक सेवा परीक्षा में बतौर न्यायिक अधिकारी चयनित हुए और इस परीक्षा में वह प्रथम स्थान पर रहे. वह 2010 में न्यायिक अधिकारियों की सीमित प्रतियोगी परीक्षा में फिर से प्रथम स्थान पर रहे और अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए. हाईकोर्ट में जज के तौर पर नियुक्ति से पहले राकेश कैंथला को जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी लगाया गया था.
रंजन शर्मा का जन्म 21 अगस्त, 1968 को हुआ, वह जिला कांगड़ा के धर्मशाला के रहने वाले हैं. इन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सरकारी स्कूल धर्मशाला से पूरी की और रोहतक विवि से एलएलबी की डिग्री गोल्ड मेडल के साथ पास की. इन्होंने 1991 में एक वकील के रूप में प्रैक्टिस शुरू की और कानून के विभिन्न क्षेत्रों में वकालत की है. साल 2019 में इनको सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया. वह 2008 और 2018 में दो बार एडिशनल एडवोकेट जनरल भी बनाए गए.
वहीं बिपिन चंद्र नेगी का जन्म शॉन्ग तहसील सांगला, जिला किन्नौर में हुआ. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला और दिल्ली पब्लिक स्कूल आरके पुरम नई दिल्ली से हासिल की. इसके बाद इन्होंने श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स दिल्ली विवि से बीए अर्थशास्त्र और एचपीयू शिमला से एलएलबी की डिग्री हासिल की. इन्होंने साल 1994 में एक वकील के रूप में प्रैक्टिस शुरू की और कानून के विभिन्न क्षेत्रों में वकालत की है. साल 2015 में इनको सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया.
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