शिमला: राजधानी शिमला के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस गवर्नमेंट कॉलेज संजौली के कमरे विधानसभा चुनाव से संबंधित गतिविधियों के लिए प्रयोग में लाए जाने के मामले में हिमाचल हाईकोर्ट ने सुनवाई की. मामले में संजौली कॉलेज को चुनाव गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने पर हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से जवाब मांगा है. आपको बता दें कि कॉलेज में पढ़ रहे लगभग 300 छात्रों ने मुख्य न्यायाधीश के नाम पत्र लिख कर आरोप लगाया कि कोरोना संकट के दौरान उनकी पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हुई. हिमाचल हाईकोर्ट ने छात्रों के पत्र को जनहित याचिका ट्रीट करते हुए राज्य चुनाव आयोग और उपायुक्त शिमला को भी प्रतिवादी बनाया है.
मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मामले की आगामी सुनवाई 28 अक्तूबर को निर्धारित की है. इस मामले में उपायुक्त शिमला ने शपथपत्र के माध्यम से अदालत को बताया कि इस समय संजौली कॉलेज को खाली नहीं किया जा सकता. भारतीय चुनाव आयोग के आदेशों के तहत इस कॉलेज को वर्ष 2009 से ईवीएम मशीन रखने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. ईवीएम रखने के लिए कॉलेज में उचित प्रावधान किया गया है. शिमला ग्रामीण में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम रखने के लिए इससे उपयुक्त जगह नहीं है. उपायुक्त शिमला ने इस याचिका को खारिज करने की मांग की है.
छात्रों का आरोप: पत्र में आरोप लगाया गया है कि करोना काल के बाद 2 सितंबर 2022 में छात्र कॉलेज आए हैं. कोविड काल में वैसे ही उनकी पढ़ाई पर बुरा असर पड़ा है. अब पढ़ाई सुचारू होने लगी तो राज्य में चुनाव के चलते सरकार ने कॉलेज पर चुनावी गतिविधियों के लिए कब्जा कर लिया है. अधिकांश कमरों में चुनाव से संबंधित सामाग्री रखी गई है, जिससे छात्रों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है. अदालत से गुहार लगाई गई है कि चुनावी गतिविधियों के लिए कॉलेज को इस्तेमाल करने से रोका जाए.