शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से रिटायर कर्मचारियों ने अपने हक के लिए हाईकोर्ट में ही गुहार लगाई है. हाईकोर्ट से सेवानिवृत हुए कर्मियों ने पेंशन से जुड़े लाभ न मिलने पर हाईकोर्ट का ही दरवाजा खटखटाया है. सेवानिवृत कर्मचारियों ने याचिका के माध्यम से सरकार के वित्त सचिव सहित महालेखाकार व हाईकोर्ट को भी प्रतिवादी बनाया है. वहीं, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई के बाद सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर दिए हैं. खंडपीठ ने सभी प्रतिवादियों को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं.
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट स्टाफ पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने की तरफ से दाखिल याचिका के अनुसार सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें सरकार की तरफ से मिलने वाली पेंशन व उससे जुड़े लाभ नहीं दिए जा रहे हैं. इन लाभों में कम्यूटेशन, लीव इनकैशमेंट, डीसीआरजी और संशोधित वेतनमान की बकाया राशि शामिल है. हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार कर सभी से जवाब मांगा है और मामले की आगामी सुनवाई 25 सितंबर को तय की है.
हेतराम सागर बने अध्यक्ष: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट स्टाफ वेलफेयर एसोसिएशन की नई कार्यकारिणी के गठन के लिए वार्षिक चुनाव डिप्टी रजिस्ट्रार पदम देव शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुए. चुनाव में 421 सदस्यों ने अध्यक्ष और वरिष्ठ उपाध्यक्ष के चयन के लिए वोट डाले. चुनाव प्रत्यक्ष मतदान के माध्यम से हुआ. इन चुनावों में हेतराम सागर को अध्यक्ष के रूप में चुना गया. वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद के लिए राजेंद्र पाल ठाकुर को चुना गया. नई कार्यकारिणी के अन्य पदाधिकारी निर्विरोध चुने गए. संगठन के शेष पदों के लिए पुनीत शर्मा, अनुराधा भट्ट, संजीता चौहान, गंगेश सूद और मनीष शर्मा को क्रमश: महासचिव, संयुक्त सचिव, प्रेस सचिव, आयोजन सचिव और कोषाध्यक्ष चुना गया.