शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एचजेएस परीक्षा परिणाम को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश संदीप शर्मा ने कहा कि सब्जेक्ट एक्सपर्ट की राय को बदला नहीं जा सकता है. अदालत ने आयोग को आदेश दिए हैं कि वह एचजेएस परीक्षा के लिए किसी योग्य सब्जेक्ट एक्सपर्ट से प्रश्न पत्र बनवाएं. अदालत ने अपने निर्णय को लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के समक्ष रखने के आदेश दिए हैं, ताकि ऐसी गलतियों से बचा जा सके.
अदालत ने अध्यक्ष को आदेश दिए कि वह भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए अदालती निर्णय को तुरंत लागू करें. अदालत ने पाया कि आयोग ने एचजेएस की परीक्षा में 11 प्रश्न या तो गलत थे या उनके उत्तर गलत दिए गए थे. आयोग ने इन प्रश्नों को अभ्यर्थियों की आपत्तियों के बाद निरस्त कर दिया था. आयोग ने इसके बाद विषय विशेषज्ञ की राय के आधार पर आनसर-की तैयार की थी.
याचिकाकर्ता मृदुला अवस्थी और अन्य याचिकाकर्ताओं ने विषय विशेषज्ञ की राय के आधार पर तैयार किए गए परिणाम को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी. अदालत के समक्ष दलील दी गई थी कि आयोग की राय के आधार पर तैयार की गई जवाब कुंजी सही नहीं है. विषय विशेषज्ञ ने गलत प्रश्नों को भी सही ठहराया है. अदालत से गुहार लगाई गई थी कि विषय विशेषज्ञ की राय पर तैयार की गई कुंजी को रद्द किया जाए.
अदालत ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन में पाया कि आयोग ने एचजेएस परीक्षा के लिए लापरवाही से प्रश्नपत्र तैयार किया है. हालांकि, आयोग ने आपत्तियां दर्ज होने के बाद 11 प्रश्नों को रद्द कर दिया है, लेकिन याचिकाकर्ताओं की दलीलों के आधार पर विषय विशेषज्ञ के ज्ञान को प्रतिस्थापित करना न्यायोचित नहीं है. अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए इस विषय से जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया.
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