ETV Bharat / state

धर्मांतरण कानून को हाईकोर्ट में चुनौती, अदालत ने सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए दिया तीन सप्ताह का समय - Religious Freedom Law Case Himachal

धर्मांतरण के खिलाफ हिमाचल विधानसभा ने बेहद सख्त कानून पारित किया (Religion conversion law in Himachal) है. इस कानून के कुछ प्रावधानों को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट (Himachal High Court) में चुनौती दी गई है. इसी सिलसिले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है. पढे़ं पूरी खबर...

Himachal High Court
Himachal High Court
author img

By

Published : Oct 10, 2022, 10:38 PM IST

शिमला: धर्मांतरण के खिलाफ हिमाचल विधानसभा ने बेहद सख्त कानून पारित किया (Religion conversion law in Himachal) है. इस कानून के कुछ प्रावधानों को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट (Himachal High Court) में चुनौती दी गई है. इसी सिलसिले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है. उल्लेखनीय है कि इस मामले में पहले अगस्त महीने में सुनवाई हुई थी और अदालत ने राज्य सरकार की तरफ से जवाब दाखिल न होने पर मामले की सुनवाई 10 अक्टूबर तक टाली गई थी.

सोमवार को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद एहतेशाम सईद व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया. अदालत ने ये भी कहा कि अगर समय पर जवाब दाखिल नहीं किया गया तो राज्य सरकार पर जुर्माना लगाया जाएगा. उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट में धर्मांतरण कानून के प्रावधानों को चुनौती देते हुए कहा गया है कि ये असंवैधानिक हैं. राज्य सरकार ने विधानसभा में कानून पास किया है कि यदि कोई अनुसूचित जाति का व्यक्ति धर्मांतरण करता है और एससी के तहत मिलने वाले लाभ भी लेता है तो उसके लिए सजा का प्रावधान है. साथ ही धर्मांतरण के बाद उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. (Religious Freedom Law Case Himachal)

संशोधित कानून में प्रावधान है कि यदि विवाह के दौरान धर्म छिपाया जाता है तो भी अधिकतम दस साल की सजा होगी. इसी कानून को अदालत में चुनौती दी गई है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल में सबसे पहले वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने धर्मांतरण का कानून पास किया था. जयराम सरकार ने उसे और सख्त बनाया है. अदालत में कहा गया है कि इस कानून के तहत अभी तक एक भी व्यक्ति पर केस दर्ज नहीं हुआ है. ऐसे में कानूनी प्रावधानों को और सख्त बनाना तर्कसंगत नहीं है. अब मामले की सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी. वहीं, एक उल्लेखनीय तथ्य ये भी है कि हाईकोर्ट ने कानून के विवादित बताए गए प्रावधानों पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार किया है.

ये भी पढ़ें: शिमला शहरी सीट पर कम हुए मतदाता, इस बार 48,279 वोटर्स ही करेंगे मत का प्रयोग

शिमला: धर्मांतरण के खिलाफ हिमाचल विधानसभा ने बेहद सख्त कानून पारित किया (Religion conversion law in Himachal) है. इस कानून के कुछ प्रावधानों को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट (Himachal High Court) में चुनौती दी गई है. इसी सिलसिले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है. उल्लेखनीय है कि इस मामले में पहले अगस्त महीने में सुनवाई हुई थी और अदालत ने राज्य सरकार की तरफ से जवाब दाखिल न होने पर मामले की सुनवाई 10 अक्टूबर तक टाली गई थी.

सोमवार को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद एहतेशाम सईद व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया. अदालत ने ये भी कहा कि अगर समय पर जवाब दाखिल नहीं किया गया तो राज्य सरकार पर जुर्माना लगाया जाएगा. उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट में धर्मांतरण कानून के प्रावधानों को चुनौती देते हुए कहा गया है कि ये असंवैधानिक हैं. राज्य सरकार ने विधानसभा में कानून पास किया है कि यदि कोई अनुसूचित जाति का व्यक्ति धर्मांतरण करता है और एससी के तहत मिलने वाले लाभ भी लेता है तो उसके लिए सजा का प्रावधान है. साथ ही धर्मांतरण के बाद उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. (Religious Freedom Law Case Himachal)

संशोधित कानून में प्रावधान है कि यदि विवाह के दौरान धर्म छिपाया जाता है तो भी अधिकतम दस साल की सजा होगी. इसी कानून को अदालत में चुनौती दी गई है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल में सबसे पहले वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने धर्मांतरण का कानून पास किया था. जयराम सरकार ने उसे और सख्त बनाया है. अदालत में कहा गया है कि इस कानून के तहत अभी तक एक भी व्यक्ति पर केस दर्ज नहीं हुआ है. ऐसे में कानूनी प्रावधानों को और सख्त बनाना तर्कसंगत नहीं है. अब मामले की सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी. वहीं, एक उल्लेखनीय तथ्य ये भी है कि हाईकोर्ट ने कानून के विवादित बताए गए प्रावधानों पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार किया है.

ये भी पढ़ें: शिमला शहरी सीट पर कम हुए मतदाता, इस बार 48,279 वोटर्स ही करेंगे मत का प्रयोग

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.