शिमला: हिमाचल प्रदेश के पालमपुर के कारोबारी निशांत शर्मा व राज्य के डीजीपी संजय कुंडू से जुड़े मामले में नया मोड़ आ गया है. कारोबारी निशांत शर्मा ने डजीपी से खतरे की आशंका जताते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर एक मेल लिखी थी. अदालत ने इस मेल पर स्वत संज्ञान लेते हुए शिमला व कांगड़ा के एसपी से मामले की स्टेट्स रिपोर्ट तलब की है. हाईकोर्ट ने 16 नवंबर को मामले की सुनवाई तय की है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. अदालत ने राज्य सरकार के गृह सचिव को भी नोटिस जारी किया है.
मामले के अनुसार पालमपुर के कारोबारी निशांत कुमार शर्मा ने 28 अक्टूबर को ईमेल के माध्यम से हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि उसे न्याय दिया जाए. ई-मेल में कारोबारी ने अपने और परिवार की जान को खतरे की बात लिखी है. प्रार्थी ने लिखा है कि वह इस बात से चिंतित और भयभीत है कि उन्हें या तो राज्य के डीजीपी द्वारा मार दिया जाएगा या बुरी तरह से डराया धमकाया जाएगा. कारोबारी ने लिखा है कि गुरुग्राम में भी उस पर हमला हो चुका है. उस हमले में वह बच गया था.
इस वारदात की रिपोर्ट को वापिस लेने के लिए उस पर दो बाइक सवार लोगों ने भागसूनाग और मैक्लोडगंज के बीच वाले रास्ते में रोक कर धमकाया. ई-मेल के मुताबिक डीजीपी कार्यालय से उसे एक ही दिन में 14 फोन आए. उसे डीएसपी व एसएचओ पालमपुर ने भी फोन किए. एसएचओ पालमपुर ने व्हाट्सएप मैसेज कर बताया कि डीजीपी उससे बात करना चाहते हैं, इसलिए उसे उनके कार्यालय में वापस कॉल कर लेनी चाहिए.
कॉल बैक करने पर डीजीपी ने कहा कि निशांत तुम शिमला आओ और मुझसे मिलो. इस पर जब उसने कहा कि वह क्यों उनसे मिले तो डीजीपी ने कहा कि उसे शिमला आना होगा और उनसे मिलना होगा. ईमेल के माध्यम से निशांत ने हिमाचल के ही दो रसूखदार लोगों पर उससे जबरन वसूली का दबाव बनाने की बात कही है. मुख्य न्यायाधीश ने ईमेल पर संज्ञान लेते हुए प्रशासनिक आदेशों से इसे आपराधिक रिट याचिका पंजीकृत करने के आदेश दिए थे.
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