ETV Bharat / state

रामपुर में स्कूल के पास मोबाइल टावर लगाने पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब - रामपुर में स्कूल के पास मोबाइल टावर

रामपुर में स्कूल के पास मोबाइल टावर लगाने पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. इस मामले में हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. (High Court on installation of mobile tower)

Himachal High Court on installation of mobile tower
रामपुर में स्कूल के पास मोबाइल टावर लगाने पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
author img

By

Published : Apr 21, 2023, 9:54 PM IST

शिमला: जिला शिमला के रामपुर उपमंडल में एक स्कूल के पास मोबाइल टावर स्थापित करने को लेकर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. रामपुर बुशहर के डीएवी स्कूल के पास एक व्यक्ति ने अपने मकान की छत पर मोबाइल टावर लगाया है. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई, जिस पर अदालत ने संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

बता दें कि स्कूल के समीप मोबाइल टावर लगाने के खिलाफ दाखिल याचिका में पर्यावरण सचिव सहित प्रधान सचिव राजस्व, डीसी शिमला, एसपी शिमला और एसडीएम रामपुर को भी प्रतिवादी बनाया है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रतिवादी भूपेश कुमार शर्मा ने रामपुर के डीएवी पब्लिक स्कूल के समीप अपने मकान की छत पर मोबाइल टावर स्थापित किया है. इससे स्कूल में पढ़ रहे हजारों छात्रों और साथ में रह रहे ग्रामीणों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा.

याचिका में ये भी कहा गया है कि निजी तौर पर प्रतिवादी स्कूल के समीप अपने भवन में जिम भी चलाता है. इस जिम में जोर की आवाज में स्पीकर बजाया जाता है. इससे ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है. कुल मिलाकर स्कूल के आसपास का माहौल खराब हो रहा है. अदालत को बताया गया कि इस बारे में एसडीएम रामपुर के समक्ष 22 फरवरी को शिकायत दर्ज की गई थी, लेकिन इसे बंद नहीं करवाया गया है.

याचिकाकर्ता नवीन कुमार ने आरोप लगाया है कि प्रतिवादी द्वारा जिस छत पर टावर लगवाया गया है, वो गिरने के कगार पर है. आरोप है कि मोबाइल टावर से निकलने वाली रेडिएशन सेहत के लिए बहुत हानिकारक होती है. याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई है कि प्रतिवादियों को मोबाइल टावर हटाने के आदेश पारित किए जाएं.

उद्योग विभाग पर 15 हजार रुपए की कॉस्ट: वहीं, एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने याचिका का जवाब दाखिल न करने पर उद्योग विभाग पर 15 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर पाया कि इस मामले पर प्रारंभिक सुनवाई दो साल पहले मार्च को हुई थी. इतना समय बीत जाने पर भी राज्य सरकार की ओर से याचिका का जवाब दाखिल नहीं किया गया.

अदालत ने इस मामले में कड़ा संज्ञान लेते हुए सरकार को 16 मई तक याचिका का जवाब दाखिल करने को कहा है. अदालत ने कहा कि अगर 16 मई 2023 तक याचिका का जवाब दाखिल नहीं होता है तो सरकार को अतिरिक्त समय नहीं मिलेगा. वहीं, हाईकोर्ट ने याचिका का जवाब दाखिल न होने की स्थिति में सचिव उद्योग व अन्य विभाग के संबंधित अधिकारियों को 16 मई को अदालत में भी तलब किया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल हाईकोर्ट का राज्य सरकार के सभी सीपीएस को नोटिस, 19 मई को होगी मामले की सुनवाई

शिमला: जिला शिमला के रामपुर उपमंडल में एक स्कूल के पास मोबाइल टावर स्थापित करने को लेकर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. रामपुर बुशहर के डीएवी स्कूल के पास एक व्यक्ति ने अपने मकान की छत पर मोबाइल टावर लगाया है. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई, जिस पर अदालत ने संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

बता दें कि स्कूल के समीप मोबाइल टावर लगाने के खिलाफ दाखिल याचिका में पर्यावरण सचिव सहित प्रधान सचिव राजस्व, डीसी शिमला, एसपी शिमला और एसडीएम रामपुर को भी प्रतिवादी बनाया है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रतिवादी भूपेश कुमार शर्मा ने रामपुर के डीएवी पब्लिक स्कूल के समीप अपने मकान की छत पर मोबाइल टावर स्थापित किया है. इससे स्कूल में पढ़ रहे हजारों छात्रों और साथ में रह रहे ग्रामीणों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा.

याचिका में ये भी कहा गया है कि निजी तौर पर प्रतिवादी स्कूल के समीप अपने भवन में जिम भी चलाता है. इस जिम में जोर की आवाज में स्पीकर बजाया जाता है. इससे ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है. कुल मिलाकर स्कूल के आसपास का माहौल खराब हो रहा है. अदालत को बताया गया कि इस बारे में एसडीएम रामपुर के समक्ष 22 फरवरी को शिकायत दर्ज की गई थी, लेकिन इसे बंद नहीं करवाया गया है.

याचिकाकर्ता नवीन कुमार ने आरोप लगाया है कि प्रतिवादी द्वारा जिस छत पर टावर लगवाया गया है, वो गिरने के कगार पर है. आरोप है कि मोबाइल टावर से निकलने वाली रेडिएशन सेहत के लिए बहुत हानिकारक होती है. याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई है कि प्रतिवादियों को मोबाइल टावर हटाने के आदेश पारित किए जाएं.

उद्योग विभाग पर 15 हजार रुपए की कॉस्ट: वहीं, एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने याचिका का जवाब दाखिल न करने पर उद्योग विभाग पर 15 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर पाया कि इस मामले पर प्रारंभिक सुनवाई दो साल पहले मार्च को हुई थी. इतना समय बीत जाने पर भी राज्य सरकार की ओर से याचिका का जवाब दाखिल नहीं किया गया.

अदालत ने इस मामले में कड़ा संज्ञान लेते हुए सरकार को 16 मई तक याचिका का जवाब दाखिल करने को कहा है. अदालत ने कहा कि अगर 16 मई 2023 तक याचिका का जवाब दाखिल नहीं होता है तो सरकार को अतिरिक्त समय नहीं मिलेगा. वहीं, हाईकोर्ट ने याचिका का जवाब दाखिल न होने की स्थिति में सचिव उद्योग व अन्य विभाग के संबंधित अधिकारियों को 16 मई को अदालत में भी तलब किया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल हाईकोर्ट का राज्य सरकार के सभी सीपीएस को नोटिस, 19 मई को होगी मामले की सुनवाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.