ETV Bharat / state

Himachal High Court: स्कूलों में कमजोर वर्ग के छात्रों को आरक्षण देने का मामला, हाईकोर्ट ने सरकार से तलब की अनुपालना रिपोर्ट - हिमाचल ईडब्ल्यूएस छात्र आरक्षण मामला

स्कूलों में कमजोर वर्ग के छात्रों को आरक्षण देने के मामले में हिमाचल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से अनुपालना रिपोर्ट मांगी. है. मामले में अब अगली सुनवाई 26 सिंतबर को होगी. (EWS students reservation in Himachal school) (Himachal High Court).

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 25, 2023, 12:48 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के स्कूलों में आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों को आरक्षण देने के मामले में सरकार से अनुपालना रिपोर्ट तलब की है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को निर्धारित की है. राज्य सरकार को छात्रों को आरक्षण देने से जुड़ी सारी सूचनाओं की रिपोर्ट उपरोक्त तिथि को हाईकोर्ट के समक्ष पेश करनी होगी. अदालत के पूर्व में दिए गए आदेशों की कितनी अनुपालना हुई है, इस बारे में रिपोर्ट में सभी तथ्य दर्ज करने होंगे.

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को चेतावनी दी थी कि राइट टू एजुकेशन के प्रावधानों को लागू करने में किसी किस्म की दिखावट नहीं होनी चाहिए. ये प्रावधान वास्तव में लागू करने होंगे. पिछली अलग-अलग सुनवाई में अदालत ने राज्य सरकार को चेताया था कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों की अनुपालना करने में दिखावटी सेवा देने की कोशिश न की जाए. इसके अलावा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को भी आदेश दिए थे कि आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग से संबंधित और वंचित समूह के छात्रों को 25 फीसदी आरक्षण दिया जाए. स्कूलों को इसकी जानकारी हिंदी और अंग्रेजी भाषा में नोटिस बोर्ड में लगाने के आदेश दिए गए थे.

इसके अलावा आम जनता की जानकारी के लिए नोटिस को स्कूल परिसर के बाहर चिपकाने के साथ-साथ पंचायत घर, सार्वजनिक स्थान, पंचायतों के विभिन्न वार्ड, बस स्टॉप, नगर परिषद, नगरपालिका के वार्ड में चिपकाने को कहा गया था. यहां बता दें कि इस मामले में याचिकाकर्ता नमिता मनिकटाला ने शैक्षणिक संस्थानों पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम की अक्षरश: अनुपालना न करने का आरोप लगाया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि हिमाचल के सभी स्कूलों में कमजोर वर्ग से संबंधित और वंचित समूह के छात्रों को 25 फीसदी आरक्षण नहीं दिया जा रहा है.

हालांकि हाईकोर्ट ने 30 अगस्त 2016 को शिक्षा का अधिकार अधिनियम की अनुपालना करने के आदेश दिए थे. राज्य सरकार ने इन आदेशों की अनुपालना कागजों में ही की. अब राज्य सरकार को विभिन्न अवसरों पर दिए गए आदेश के अनुसार अनुपालना रिपोर्ट पेश करनी होगी. मामले की सुनवाई 26 सितंबर को होगी.

ये भी पढ़ें: JBT Recruitment Case: जेबीटी भर्ती में बीएड डिग्री धारकों से जुड़े मामले में पुनर्विचार याचिका की सुनवाई 1 सितंबर को, सुप्रीम कोर्ट से आ चुका है फैसला

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के स्कूलों में आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों को आरक्षण देने के मामले में सरकार से अनुपालना रिपोर्ट तलब की है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को निर्धारित की है. राज्य सरकार को छात्रों को आरक्षण देने से जुड़ी सारी सूचनाओं की रिपोर्ट उपरोक्त तिथि को हाईकोर्ट के समक्ष पेश करनी होगी. अदालत के पूर्व में दिए गए आदेशों की कितनी अनुपालना हुई है, इस बारे में रिपोर्ट में सभी तथ्य दर्ज करने होंगे.

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को चेतावनी दी थी कि राइट टू एजुकेशन के प्रावधानों को लागू करने में किसी किस्म की दिखावट नहीं होनी चाहिए. ये प्रावधान वास्तव में लागू करने होंगे. पिछली अलग-अलग सुनवाई में अदालत ने राज्य सरकार को चेताया था कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों की अनुपालना करने में दिखावटी सेवा देने की कोशिश न की जाए. इसके अलावा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सहायता प्राप्त और गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को भी आदेश दिए थे कि आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग से संबंधित और वंचित समूह के छात्रों को 25 फीसदी आरक्षण दिया जाए. स्कूलों को इसकी जानकारी हिंदी और अंग्रेजी भाषा में नोटिस बोर्ड में लगाने के आदेश दिए गए थे.

इसके अलावा आम जनता की जानकारी के लिए नोटिस को स्कूल परिसर के बाहर चिपकाने के साथ-साथ पंचायत घर, सार्वजनिक स्थान, पंचायतों के विभिन्न वार्ड, बस स्टॉप, नगर परिषद, नगरपालिका के वार्ड में चिपकाने को कहा गया था. यहां बता दें कि इस मामले में याचिकाकर्ता नमिता मनिकटाला ने शैक्षणिक संस्थानों पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम की अक्षरश: अनुपालना न करने का आरोप लगाया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि हिमाचल के सभी स्कूलों में कमजोर वर्ग से संबंधित और वंचित समूह के छात्रों को 25 फीसदी आरक्षण नहीं दिया जा रहा है.

हालांकि हाईकोर्ट ने 30 अगस्त 2016 को शिक्षा का अधिकार अधिनियम की अनुपालना करने के आदेश दिए थे. राज्य सरकार ने इन आदेशों की अनुपालना कागजों में ही की. अब राज्य सरकार को विभिन्न अवसरों पर दिए गए आदेश के अनुसार अनुपालना रिपोर्ट पेश करनी होगी. मामले की सुनवाई 26 सितंबर को होगी.

ये भी पढ़ें: JBT Recruitment Case: जेबीटी भर्ती में बीएड डिग्री धारकों से जुड़े मामले में पुनर्विचार याचिका की सुनवाई 1 सितंबर को, सुप्रीम कोर्ट से आ चुका है फैसला

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.