शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने दिव्यांग की याचिका पर फैसला सुनाते हुए जिलाधीश सिरमौर को आदेश जारी किए हैं कि वह दो महीने के भीतर शिलाई उपमंडल में जामली से डुंगड कितेश वाया समदी मोहाल धारवा में लिंक रोड का निर्माण करवाए. जानकारी के अनुसार दिव्यांग कुमारी आरुषि की याचिका की सुनवाई के बाद न्यायाधीश संदीप शर्मा ने ये आदेश पारित किया है.
दिव्यांग की याचिका पर फैसला: याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी अपनी दिव्यांगता के कारण चलने- फिरने में असमर्थ है, इसलिए हर रोज अपने पिता की पीठ पर स्कूल जाने के लिए मजबूर है. हालांकि, संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा बार-बार पारित किए प्रस्तावों को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने दो साल पहले सड़क निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, लेकिन आज तक सड़क के निर्माण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. इसी कारण प्रार्थी अपने मूल स्थान यानी पांवटा से 85 किलोमीटर दूर रहने को मजबूर है.
लिंक रोड बनाने के दिए आदेश: प्रार्थी ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में दलील की थी कि सड़क तक पहुंचे का अधिकार प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है. वहीं, दिव्यांग व्यक्ति के मामले में, दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत इसके लिए विशेष प्रावधान किया गया है. लिंक रोड न होने और दिव्यांगता के चलते उसके लिए स्कूल जाना तक कठिन हो गया है. जिस पर हिमाचल हाई कोर्ट ने उक्त अधिनियम की धारा 41 (1) (सी) के तहत डीसी सिरमौर सुमित खिमटा को जल्द से जल्द लिंक रोड निर्माण का आदेश जारी करते हुए याचिका पर फैसला सुनाया.