शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्कूल, कॉलेज व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में किसी भी तरह के गैर शैक्षणिक आयोजनों पर पूर्व में लगाई गई रोक जारी रहेगी. हाई कोर्ट ने इस संदर्भ में आदेश पारित करते हुए कहा कि पूर्व में लगाई गई रोक जारी रहेगी. मंडी जिला के औट में स्कूल परिसर में नगवाई मेला आयोजित करने की अनुमति प्रदान करने को लेकर कुछ लोग अदालत पहुंचे थे. हाईकोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया और कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में किसी भी तरह का गैर शैक्षणिक आयोजन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. इस संदर्भ में पूर्व में दिए गए आदेश जारी रहेंगे.
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने उक्त आदेश जारी किए और कहा कि प्रतिबंध पहले की तरह रहेंगे. खंडपीठ ने पाया कि अदालत ने 11 दिसंबर 2017 को इस बारे में उचित आदेश पारित किए हुए हैं. उस समय दिए गए आदेश के अनुसार किसी भी तरह के शैक्षणिक संस्थान चाहे वो प्राइमरी स्कूल हों, हाई स्कूल अथवा सीनियर सेकेंडरी स्कूल या फिर कॉलेज आदि, वहां शिक्षा से जुड़े आयोजनों के अतिरिक्त अन्य कार्यक्रम नहीं होने चाहिए.
हाई कोर्ट ने जनहित याचिका में शैक्षणिक संस्थानों में शांतिपूर्ण व अध्ययन के अनुकूल वातावरण बनाए रखने के उद्देश्य से हिमाचल के सभी जिलाधीशों, पुलिस अधीक्षकों, एसडीएम व शैक्षणिक संस्थानों के प्रधानाचार्यों को इस बारे में कड़े आदेश दिए हुए हैं. इन सभी को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि शिक्षण संस्थानों में अनुशासन बनाया रखा जाए. साथ ही संस्थानों में किसी भी तरह का शोर-शराबा न हो.
उपरोक्त आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के लिए आदेश दिए हुए हैं. हाई कोर्ट ने यह भी आदेश दिए हुए हैं कि प्रदेश के सभी छोटे बड़े शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थी संगठनों, स्थानीय निवासियों अथवा निजी संगठनों के किसी भी तरह के गैर संस्थागत आयोजन न हों. कुछ लोग मंडी जिला की तहसील औट में होने वाले नगवाई मेले को स्थानीय स्कूल परिसर में करने की मांग लेकर अदालत आए थे. हाई कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया.