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सभी सरकारी कर्मियों की बायोमेट्रिक मशीन में सौ फीसदी हाजिरी सुनिश्चित करें मुख्य सचिव: हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सभी सरकारी कार्यालयों में बायोमेट्रिक मशीन के जरिए सौ फीसदी हाजिरी सुनिश्चित करने के आदेश मुख्य सचिव को दिए हैं. हाईकोर्ट ने कहा है कि सभी सरकारी कार्यालयों, कारपोरेशन और बोर्ड्स बायोमेट्रिक मशीन से ही सौ फीसदी हाजिरी समय पर लगाया जाना सुनिश्चित किया जाए.

Himachal Pradesh High Court
Himachal Pradesh High Court
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Published : Nov 16, 2022, 10:27 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को आदेश जारी किए हैं कि वे तुरंत प्रभाव से सभी सरकारी कार्यालयों में बायोमेट्रिक मशीन के जरिए सौ फीसदी हाजिरी सुनिश्चित करें. हाईकोर्ट ने कहा है कि सभी सरकारी कार्यालयों, कारपोरेशन और बोर्ड्स बायोमेट्रिक मशीन से ही सौ फीसदी हाजिरी समय पर लगाया जाना सुनिश्चित किया जाए. बता दें, हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को एक मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित रहने के आदेश दिए थे. (Himachal Pradesh High Court)

अदालत के आदेश के बावजूद सुबह 10 बजकर 5 मिनट तक संबंधित कर्मी हाईकोर्ट में उपस्थित नहीं हुए थे. अनुपालना याचिका की सुनवाई के दौरान समय पर हाईकोर्ट में पेश न होने पर न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने उक्त आदेश जारी किए. दरअसल, अदालत ने अपने आदेश की अनुपालना न होने से नाराजगी जताई और मुख्य सचिव को कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों में समय पर शत-प्रतिशत हाजिरी बायोमेट्रिक मशीन से सुनिश्चित की जाए.

उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट में शिक्षा विभाग से जुड़े एक मामले की सुनवाई हो रही है. मामले के अनुसार प्रार्थी रजनीश पॉल की तरफ से दाखिल की गई अनुपालना याचिका की सुनवाई हो रही है. इस याचिका की सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग के एक अधिकारी को मंगलवार को तलब किया गया था. इससे पहले भी उसे 1 नवंबर को हाईकोर्ट में उपस्थित रहने को कहा गया था परंतु किन्ही कारणों से उस दिन अधिकारी पेश नहीं हो सका. इसलिए हाईकोर्ट ने 15 नवंबर को अधिकारी को अदालत में पेश होने के आदेश दिए थे.

मामले के अनुसार प्रार्थी वर्तमान में हमीरपुर जिला में बतौर प्रवक्ता तैनात है. नौ साल पहले 23 मई 2003 को उसे जो पे स्केल दिया गया था, उसे शिक्षा विभाग ने 22 अक्टूबर 2003 को घटा दिया. रजनीश पॉल व अन्य प्रार्थियों ने पे स्केल घटाने के आदेशों को कोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट की एकल पीठ ने पाया कि पे स्केल घटाने का आदेश प्रार्थियों को बिना कारण बताओ नोटिस के ही जारी कर दिया गया. इतना ही नहीं उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रार्थियों की सैलरी उनका पक्ष सुने बगैर ही घटा दी.

पढ़ें- निर्वाचन आयोग का मिशन 277 सफल! इन मतदान केंद्रों पर बंपर वोटिंग

हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के 22 अक्तूबर 2003 के आदेश को गैर कानूनी ठहराते हुए खारिज कर दिया था. इसके बावजूद शिक्षा विभाग ने मार्च 2004 से 31 दिसम्बर 2008 तक कम किया गया वेतन ही दिया. बाद में अदालत में अनुपालना याचिका दाखिल की गई. इस याचिका की सुनवाई के दौरान जब शिक्षा विभाग के अधिकारी तय समय पर अदालत में नहीं पहुंचे तो हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश जारी किए कि सभी सरकारी कार्यालयों में बायोमेट्रिक मशीन के जरिए ही सौ फीसदी हाजिरी समय पर लगाया जाना सुनिश्चित करें.

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को आदेश जारी किए हैं कि वे तुरंत प्रभाव से सभी सरकारी कार्यालयों में बायोमेट्रिक मशीन के जरिए सौ फीसदी हाजिरी सुनिश्चित करें. हाईकोर्ट ने कहा है कि सभी सरकारी कार्यालयों, कारपोरेशन और बोर्ड्स बायोमेट्रिक मशीन से ही सौ फीसदी हाजिरी समय पर लगाया जाना सुनिश्चित किया जाए. बता दें, हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को एक मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित रहने के आदेश दिए थे. (Himachal Pradesh High Court)

अदालत के आदेश के बावजूद सुबह 10 बजकर 5 मिनट तक संबंधित कर्मी हाईकोर्ट में उपस्थित नहीं हुए थे. अनुपालना याचिका की सुनवाई के दौरान समय पर हाईकोर्ट में पेश न होने पर न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने उक्त आदेश जारी किए. दरअसल, अदालत ने अपने आदेश की अनुपालना न होने से नाराजगी जताई और मुख्य सचिव को कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों में समय पर शत-प्रतिशत हाजिरी बायोमेट्रिक मशीन से सुनिश्चित की जाए.

उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट में शिक्षा विभाग से जुड़े एक मामले की सुनवाई हो रही है. मामले के अनुसार प्रार्थी रजनीश पॉल की तरफ से दाखिल की गई अनुपालना याचिका की सुनवाई हो रही है. इस याचिका की सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग के एक अधिकारी को मंगलवार को तलब किया गया था. इससे पहले भी उसे 1 नवंबर को हाईकोर्ट में उपस्थित रहने को कहा गया था परंतु किन्ही कारणों से उस दिन अधिकारी पेश नहीं हो सका. इसलिए हाईकोर्ट ने 15 नवंबर को अधिकारी को अदालत में पेश होने के आदेश दिए थे.

मामले के अनुसार प्रार्थी वर्तमान में हमीरपुर जिला में बतौर प्रवक्ता तैनात है. नौ साल पहले 23 मई 2003 को उसे जो पे स्केल दिया गया था, उसे शिक्षा विभाग ने 22 अक्टूबर 2003 को घटा दिया. रजनीश पॉल व अन्य प्रार्थियों ने पे स्केल घटाने के आदेशों को कोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट की एकल पीठ ने पाया कि पे स्केल घटाने का आदेश प्रार्थियों को बिना कारण बताओ नोटिस के ही जारी कर दिया गया. इतना ही नहीं उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रार्थियों की सैलरी उनका पक्ष सुने बगैर ही घटा दी.

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हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के 22 अक्तूबर 2003 के आदेश को गैर कानूनी ठहराते हुए खारिज कर दिया था. इसके बावजूद शिक्षा विभाग ने मार्च 2004 से 31 दिसम्बर 2008 तक कम किया गया वेतन ही दिया. बाद में अदालत में अनुपालना याचिका दाखिल की गई. इस याचिका की सुनवाई के दौरान जब शिक्षा विभाग के अधिकारी तय समय पर अदालत में नहीं पहुंचे तो हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश जारी किए कि सभी सरकारी कार्यालयों में बायोमेट्रिक मशीन के जरिए ही सौ फीसदी हाजिरी समय पर लगाया जाना सुनिश्चित करें.

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