शिमला: कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बागवानों को उचित मूल्य दिलाने और उनकी समस्याओं को हल करने का वादा किया है. ऐसे में सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार बागवानों के साथ संवाद स्थापित कर रही है. इसी कड़ी में सरकार ने मंगलवार को किसान-बागवान संगठनों के प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाई है. जिसकी अध्यक्षता बागवानी सचिव अमिताभ अवस्थी करेंगे. इसमें किसानों और बागावनों के मुद्दों को शार्ट लिस्ट किया जाएगा. इसके बाद बागवानी मंत्री के साथ होने वाली बैठक में बागवानों की मांगों को लेकर चर्चा की जाएगी.
इस बैठक में बागवान संघों के प्रतिनिधि सेब बागवानों को आ रही समस्याओं के साथ ही कई मांगें रखेंगे. सेब बागवानों की मुख्य मांगों में जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर सभी तरह के सेब के लिए एमआईएस यानी मंडी मध्यस्थता योजना लागू करना शामिल है. जम्मू कश्मीर में ए ग्रेड सेब 60 रुपए, बी ग्रेड सेब 44 रुपए और सी ग्रेड सेब 24 रुपए प्रति किलो तय किया गया है. हिमाचल में सी ग्रेड की एमआईएस खरीद मूल्य 10.50 रुपए प्रति किलो की दर से तय की गई है.
इसके साथ ही बागवान मंडियों में सेब को प्रति किलो के हिसाब से बेचने की व्यवस्था की मांग भी कर सकते हैं. दवाओं और खादों पर पिछली सरकार के समय में सब्सिडी खत्म कर दी गई है. उसको बहाल करने की मांग भी इस बैठक में की जा सकती है. इसके साथ ही हिमफेड और एचपीएमसी द्वारा एमआईएस के तहत खरीदे गए सेब भुगतान जल्द करने और हिमाचल में कृषि बागवानी आयोग गठित करने की मांग भी इस बैठक में बागवान करेंगे.
कुछ बागवान संगठनों द्वारा सचिव स्तर की बातचीत को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि पहले सचिव स्तर पर सरकार बातचीत करवा रही है. इस बैठक में प्रदेश के सभी किसान और बागवान संगठनों को बुलाया गया है. इसमें विभिन्न जिलों के किसान-बागवान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इस बैठक में सामने आए मुद्दों को शार्टलिस्ट किया जाएगा और इसके बाद इन मुद्दों को लेकर वह खुद बागवानों के साथ बैठक करेंगे.
ये भी पढ़ें: शिमला पहुंचते ही बोले CM- कर्मचारी चयन आयोग पर जल्द होगा फैसला, सीमेंट विवाद का भी निकलेगा हल