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हिमाचल सरकार इस साल 312 खरीद केंद्रों के माध्यम से MIS के तहत खरीदेगी 1,43,778 मीट्रिक टन सेब - हिमाचल सेब सीजन

हिमाचल प्रदेश सरकार इस साल MIS के तहत 1,43,778 मीट्रिक टन सेब की खरीद करेगी. वहीं, बागवानों की सुविधा के लिए 312 खरीद केंद्र स्थापित किए जाएंगे. पढ़ें पूरी खबर... (mandi madhyastha scheme).

mandi madhyastha scheme
सांकेतिक तस्वीर.
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 25, 2023, 5:31 PM IST

Updated : Aug 25, 2023, 5:40 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना (एमआईएस) के तहत खरीदे जाने वाले फलों के रेट तय कर दिए हैं. सरकार ने अबकी बार इनके रेट में रिकार्ड बढ़ोतरी की है. इसके साथ ही सरकार ने इस साल के लिए सेब सहित अन्य फलों की खरीद भी शुरू कर दी है. इस साल सरकार MIS के तहत 1,43,778 मीट्रिक टन सेब खरीदेगी. बागवानी आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत देने प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार ने सेब उत्पादकों को लाभ प्रदान करने के लिए एक बड़ा निर्णय में मंडी मध्यस्थता योजना (एमआईएस) के तहत सेब के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 10.50 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया है. प्रदेश सरकार ने सेब उत्पादकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से पहली बार 1.50 रुपये की वृद्धि की है. सेब के अलावा, राज्य सरकार ने एमआईएस के तहत आम, किन्नू, माल्टा और संतरे की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य भी 10.50 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया है. पहली बार नींबू की खरीद भी एमआईएस के तहत गलगल के बराबर यानी 10 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर की जाएगी.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि एमआईएस के तहत 1,43,778 मीट्रिक टन सेब की खरीद की जाएगी और बागवानों की सुविधा के लिए 312 खरीद केंद्र स्थापित किए जाएंगे. इनमें से एचपीएमसी द्वारा 210 खरीद केंद्र और शेष 102 केंद्र हिमफेड द्वारा संचालित किए जाएंगे. राज्य सरकार के इस निर्णय से सेब उत्पादकों को लगभग 24 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा. इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों की सुविधा के दृष्टिगत खरीद उद्देश्यों के लिए सीडलिंग, ग्राफ्टेड और कच्चा अचारी आम के खरीद अंतर को समाप्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि पहले आम की विभिन्न किस्मों को अलग-अलग दरों पर खरीदने का प्रावधान था, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने आम की तीनों किस्मों के लिए खरीद दर एक समान करने का निर्णय लिया है और 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से आम की खरीद की जाएगी.

अन्य फलों के रेट भी सेब के बराबर लाने का सरकार ने लिया फैसला: सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किन्नू, माल्टा और संतरे की खरीद दर भी सेब और आम के समान दर पर लाने का निर्णय लिया है. नींबू प्रजाति के ये फल भी अब सेब और आम के बराबर 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर खरीदे जाएंगे. इसके अलावा, किसानों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने किन्नू, माल्टा और संतरे की खरीद के लिए ग्रेड प्रणाली को समाप्त करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 के दौरान 10 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गलगल और नींबू की भी खरीद की जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि फल उत्पादकों को बिचौलियों के शोषण से बचाने के लिए मंडी मध्यस्थता योजना कारगर है. उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत किसान और बागवान हितैषी योजनाएं क्रियान्वित कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में किसानों को और अधिक सहयोग प्रदान करने के लिए कीटनाशकों व फफूंदनाशकों को सब्सिडी पर प्रदान कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में विभिन्न प्रजाति के फलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई इनवोटिव प्रयास कर रही है. सरकार किसानों के लिए उचित मुआवज़ा सुनिश्चित करने और कृषि क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है.

ये भी पढे़ं- Himachal Apple Season: अदानी एग्रो फ्रेश में सेब की खरीद शुरू, मार्केट से कम रेट की तय

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना (एमआईएस) के तहत खरीदे जाने वाले फलों के रेट तय कर दिए हैं. सरकार ने अबकी बार इनके रेट में रिकार्ड बढ़ोतरी की है. इसके साथ ही सरकार ने इस साल के लिए सेब सहित अन्य फलों की खरीद भी शुरू कर दी है. इस साल सरकार MIS के तहत 1,43,778 मीट्रिक टन सेब खरीदेगी. बागवानी आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत देने प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार ने सेब उत्पादकों को लाभ प्रदान करने के लिए एक बड़ा निर्णय में मंडी मध्यस्थता योजना (एमआईएस) के तहत सेब के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 10.50 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया है. प्रदेश सरकार ने सेब उत्पादकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से पहली बार 1.50 रुपये की वृद्धि की है. सेब के अलावा, राज्य सरकार ने एमआईएस के तहत आम, किन्नू, माल्टा और संतरे की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य भी 10.50 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया है. पहली बार नींबू की खरीद भी एमआईएस के तहत गलगल के बराबर यानी 10 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर की जाएगी.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि एमआईएस के तहत 1,43,778 मीट्रिक टन सेब की खरीद की जाएगी और बागवानों की सुविधा के लिए 312 खरीद केंद्र स्थापित किए जाएंगे. इनमें से एचपीएमसी द्वारा 210 खरीद केंद्र और शेष 102 केंद्र हिमफेड द्वारा संचालित किए जाएंगे. राज्य सरकार के इस निर्णय से सेब उत्पादकों को लगभग 24 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा. इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों की सुविधा के दृष्टिगत खरीद उद्देश्यों के लिए सीडलिंग, ग्राफ्टेड और कच्चा अचारी आम के खरीद अंतर को समाप्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि पहले आम की विभिन्न किस्मों को अलग-अलग दरों पर खरीदने का प्रावधान था, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने आम की तीनों किस्मों के लिए खरीद दर एक समान करने का निर्णय लिया है और 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से आम की खरीद की जाएगी.

अन्य फलों के रेट भी सेब के बराबर लाने का सरकार ने लिया फैसला: सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किन्नू, माल्टा और संतरे की खरीद दर भी सेब और आम के समान दर पर लाने का निर्णय लिया है. नींबू प्रजाति के ये फल भी अब सेब और आम के बराबर 12 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर खरीदे जाएंगे. इसके अलावा, किसानों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने किन्नू, माल्टा और संतरे की खरीद के लिए ग्रेड प्रणाली को समाप्त करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 के दौरान 10 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गलगल और नींबू की भी खरीद की जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि फल उत्पादकों को बिचौलियों के शोषण से बचाने के लिए मंडी मध्यस्थता योजना कारगर है. उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत किसान और बागवान हितैषी योजनाएं क्रियान्वित कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में किसानों को और अधिक सहयोग प्रदान करने के लिए कीटनाशकों व फफूंदनाशकों को सब्सिडी पर प्रदान कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में विभिन्न प्रजाति के फलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई इनवोटिव प्रयास कर रही है. सरकार किसानों के लिए उचित मुआवज़ा सुनिश्चित करने और कृषि क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है.

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Last Updated : Aug 25, 2023, 5:40 PM IST
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