शिमला: यह खबर आप सबके लिए है. अगर आपकी भी गाड़ी 15 साल पुरानी है तो उसे कबाड़ में बेचने की नौबत आ सकती है. जी हां, आपने सही सुना क्योंकि जल्द ही हिमाचल सरकार 15 साल पुराने वाहनों के लिए स्क्रैप पॉलिसी लाने जा रही है. जिसके तहत अगर किसी की गाड़ी फिटनेस में फेल हुई तो स्क्रैप में भेज दी जाएगी.
इसकी जानकारी हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में दी. उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने 15 साल पुराने वाहनों को सड़क से हटाने के निर्देश दे रखे हैं. इसके बाद अब तक एचआरटीसी की 202 बसों को सड़कों से हटाया जा चुका है. यह पॉलिसी लागू होने के बाद फिटनेस में दो बार फेल होने पर भी गाड़ियों को स्क्रैप में भेजा जाएगा.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा परिवहन विभाग वाहनों की मैनुअल पासिंग की प्रक्रिया खत्म करेगा और इसकी जगह अब मशीनों से ऑटोमेटिक टेस्टिंग सिस्टम लागू होगा. इसके लिए ऑटोमेटिक टेस्टिंग सेंटर राज्य में खोले जा रहे हैं. मुकेश अग्निहोत्री ने इससे पहले परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक की. इसमें विभाग की अर्जित रेवेन्यू सहित अन्य कार्यों की समीक्षा की गई.
डिप्टी सीएम ने कहा सभी अधिकारियों को परिवहन निदेशालय द्वारा रेवेन्यू के टारगेट दिए जाएंगे. जिन अधिकारियों का कामकाज बेहतर रहेगा, उनको प्रोत्साहित करने के लिए इंसेंटिव और इंक्रीमेंट दी जाएगी. कम रेवेन्यू अर्जित करने वाले अधिकारियों को अपने काम में सुधार करना होगा. उन्होंने कहा विभाग ने इस साल 850 करोड़ रुपए का टैक्स हासिल करने का लक्ष्य रखा है, जबकि पिछले साल 675 करोड़ रुपए था. प्रदेश में 15 इंटरसेप्टर विभाग दिए जाएंगे, इनको बेरोजगार युवाओं से रेंट पर लिया जाएगा और इनको खरीदने के लिए 50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी.
गाड़ियों से हटेंगे ओहदे वाले प्लेट: मुकेश अग्निहोत्री ने कहा परिवहन विभाग के अधिकारियों को गाड़ियों में ओहदे वाले प्लेट हटाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा यह कानूनन गलत है, ऐसे में इन प्लेटों को हटाया जाना चाहिए.
MVI को भी दी चालान की पावर: मुकेश अग्निहोत्री ने कहा विभाग में अब एमवीआई को भी चालान की पावर दे दी गई है. अभी तक यह पावर इंस्पेक्टर और आरटीओ को ही थी. उन्होंने कहा आम तौर पर एक धारणा है कि विभाग में बिना दलाली के कोई काम नहीं होता, इसको तोड़ते हुए विभाग में करप्शन पर जीरो टॉलरेंस अपनाई जाएगी.
डिप्टी सीएम ने कहा हिमाचल में बाहर से आने वाली वोल्वो बसों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर बसें रोजाना टैक्स देना चाह रही हैं तो तो इनको 5 हजार रुपए प्रतिदिन और हफ्ते में भरना चाह रही हैं तो 25 हजार, महीने का टैक्स 75 हजार रुपए देना होगा. जो बसें सालाना टैक्स देना चाह रही हैं, उनको 9 लाख रुपए का टैक्स चुकाना होगा. इससे बस माफिया को खत्म करने में मदद मिलेगी और इससे राज्य की आय भी बढ़ेगी. इससे करीब सालाना 10 करोड़ का टैक्स मिलने की संभावना है.
जेसीबी सहित सभी वाहनों को देना होगा टैक्स: मुकेश अग्निहोत्री ने कहा हिमाचल में कोई भी वाहन बिना रजिस्ट्रेशन और टैक्स के नहीं चलेगा. जेसीबी, पोकलेन सहित अन्य वाहनों का रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा. इसको सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं. उन्होंने कहा जिन वाहनों ने सालों से टैक्स जमा नहीं करवाया है, उनके लिए 30 जून तक की तारीख तय की गई है. इनको टैक्स के साथ पेनल्टी का 10 फीसदी जमा करवाना होगा.
बेरोजगार खोल सकेंगे ड्राइविंग स्कूल: डिप्टी सीएम ने कहा सरकार बेरोजगारों के लिए छोटी बसें चलाने के लिए रूट देगी. करीब 250 रूट इन बेरोजगारों को दिए जाएंगे. इसके अलावा बेरोजगारों को ड्राइविंग स्कूल भी दिए जाएंगे. टैक्स भरने के लिए 30 जून तक का समय दिया गया है.
सिलेबस में शामिल होगा रोड सेफ्टी का चैप्टर: डिप्टी सीएम ने कहा हिमाचल सरकार रोड सेफ्टी पर विशेष ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा स्कूलों के सिलेबस में रोड सेफ्टी का भी चैप्टर शामिल किया जाएगा. इसके अलावा स्कूलों और कॉलेजों में रोड सेफ्टी पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे. इसके लिए स्कूलों को 15 हजार और कॉलेजों को 30 हजार दिए जाएंगे. इसके अलावा शिमला के रिज पर 10 दिनों का जागरूकता कार्यक्रम होगा, जिसमें पहाड़ी कलाकार लोगों को रोड सेफ्टी और परिवहन के बारे में जागरूक करेंगे.