शिमला: हिमाचल सरकार ने गुरूवार को कैबिनेट मीटिंग में कई अहम फैसले लिए. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अगुवाई में मैराथन मीटिंग में मदर टेरेसा मातृ असहाय संबल योजना के तहत निराश्रित महिलाओं और विधवाओं को मिलने वाली सालाना सहायता राशि को 5000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये प्रति संतान करने का निर्णय लिया गया. यह राशि अधिकतम दो संतानों के बेहतर पालन-पोषण के लिए मिलती है.
कैबिनेट ने शिमला और कांगड़ा के बंदोबस्त विभाग में 1195 उम्मीदवारों का चयन करके उन्हें पटवारी का प्रशिक्षण प्रदान करने को अपनी मंजूरी दी. इससे अगले पांच साल में पटवारियों के खाली पदों को भरा जा सकेगा. इन उम्मीदवारों में 933 उम्मीदवार मोहाल और 262 उम्मीदवार बंदोबस्त के होंगे. इसके अलावा 17 पात्र चेनमैन भी चयनित होंगे.
अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम लोगों के लिए निदेशालय में 'दिव्यांगता प्रकोष्ठ स्थापित करने का निर्णय लिया. इसके लिए आवश्यक पदों को भरने को भी मंजूरी दी. सरकार ने हिमाचल प्रदेश बाल कल्याण परिषद द्वारा सुन्नी, कालेहली और कल्पा में चलाए जा रहे बाल आश्रमों के लिए विभिन्न श्रेणियों के सात पदों को भरने का फैसला लिया.
मंडी जिला के बाली चौकी में आवश्यक पदों के सृजन सहित एक उप रोजगार कार्यालय खोलने को भी मंजूरी प्रदान की गई. मंत्रिमण्डल ने मंडी जिला के पधर में नई खुली फायर पोस्ट के सुचारू कार्य के लिए विभिन्न वर्गों के 17 पदों को सृजित करने और भरने को भी स्वीकृति प्रदान की. इसके साथ ही दो नए वाहन उपलब्ध करवाने को भी मंजूरी दी.
मंडी गोहर में भी एक नया फायर सब स्टेशन खोलने को अपनी मंजूरी दी. इसके लिए विभिन्न वर्गों के 23 पदों को सृजित करने और भरने को भी स्वीकृति प्रदान की. बता दें कि इस सब स्टेशन के लिए तीन वाहन भी उपलब्ध करवाए जाएंगे. मंत्रिमंडल द्वारा प्रदेश के जम्मू व कश्मीर सीमा से सटे चम्बा व लाहौल-स्पीति क्षेत्रों में तैनात विशेष पुलिस अधिकारियों के मानदेय को भी 6000 रुपये से बढ़ाकर 7000 रुपये प्रतिमाह करने का निर्णय लिया गया.
मंत्रिमंडल ने बिलासपुर जिला के नैना देवी में एक ब्लॉक मेडिकल ऑफिस खोलने का निर्णय लिया, इसके लिए विभिन्न वर्गों के 15 पद सृजित करने एवं भरने को भी अपनी स्वीकृति प्रदान की. बिलासपुर जिला के मारकंडा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को 50 बिस्तरों वाले सिविल अस्पताल में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया गया और इसके लिए विभिन्न वर्गों के 18 पदों को सृजित करने व भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई.
मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिला के बछवाईं स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को स्तरोन्नत कर इसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाने का निर्णय लिया गया, जिसके लिए विभिन्न वर्गों के 19 पद सृजित करने व भरने को भी अपनी मंजूरी दी. ऊना जिला के बसदेहरा में ब्लॉक मेडिकल ऑफिस खोलने का भी निर्णय लिया गया, जिसके लिए तीन पद सृजित किए गए।
सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की दृष्टि से मंत्रिमंडल द्वारा सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में बिस्तरों की संख्या को 100 से बढ़ाकर 150 करने का निर्णय लिया गया. इसके लिए विभिन्न वर्गों के 73 पद सृजित करने व भरने को भी स्वीकृति प्रदान की. जिला चम्बा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सलूणी को भी स्तरोन्नत कर 50 बिस्तरों वाले सिविल अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया. इसके लिए विभिन्न श्रेणियों के 33 पद सृजित किए गए.
मंत्रिमंडल द्वारा जोनल अस्पताल मंडी, दीनदयाल उपाध्याय जोनल अस्पताल शिमला, क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू और सिविल अस्पताल पालमपुर में 16 स्लाइस सीटी स्कैन मशीनें पीपीपी मोड पर उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया, ऐसी सुविधा सिविल अस्पताल रोहड़ू, रामपुर, नूरपुर, सुन्दरनगर, पांवटा साहिब और कोटखाई, जोनल अस्पताल धर्मशाला में भी उपलब्ध करवाई जाएंगी. इन संस्थानों में छ: माह में लगातार कम से कम 500 सीटी स्कैन प्रति माह होने चाहिए.
मंत्रिमंडल ने पर्यटकों और कर्मचारियों की सुविधा के लिए कुल्लू जिला के गड़ागुसाईं स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में अतिरिक्त आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने का भी निर्णय लिया है. मंडी जिला की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, जिला बिलासपुर के स्वारघाट, टोबा, तनबोल, सूई सुराह और देयोट में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में विज्ञान कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया है.
जिला कांगड़ा की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला देहां और जिला बिलासपुर की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशला बहल, लखनु, छकोह और चड़ोल में विद्यार्थियों की सुविधा के लिए वाणिज्य कक्षाएं आरम्भ करने का निर्णय लिया गया. इन संस्थानों के लिए पीजीटी के 26 पद सृजित करने को भी अपनी स्वीकृति प्रदान की.
मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया कि जिला मंडी की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बारा में विज्ञान कक्षाएं और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बारा और सरोआ में वाणिज्य कक्षाएं आरम्भ करने और इसके लिए पीजीटी के 9 पद भरने व सृजित करने का निर्णय लिया गया है.
मंत्रिमंडल ने बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (संशोधन) अधिनियम-2019 को भी स्वीकृति प्रदान की, जिसके तहत अब 5वीं और आठवीं कक्षा की परीक्षाएं आयोजित की जा सकेंगी, जिसके लिए हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रश्न पत्र उपलब्ध करवाए जाएंगे और परीक्षाओं का संचालन, उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन जैसे कार्य सम्बन्धित जिलों के उप निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा की देख-रेख में किए जाएंगे.
मंत्रिमंडल ने जिला सिरमौर के राजकीय डिग्री कॉलेज शिलाई में शैक्षणिक सत्र 2019-20 से इतिहास और राजनीतिक शास्त्र की स्नातकोत्तर कक्षाएं आरम्भ करने का निर्णय लिया है.
शिक्षण संस्थानों को आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार करने और विद्यार्थियों को आपदाओं का सामना करने में सक्षम एवं जागरूक बनाने के उद्देश्य से मंत्रिमण्डल ने स्कूल सुरक्षा परियोजना दिशा-निर्देशों को लागू करने को भी अपनी स्वीकृति प्रदान की.
जंगली जानवरों से फसलों को बचाने के लिए पहले से आरम्भ मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना को जारी रखने और इसमें अब कांटेदार तारों और चेन लिंक बाड़बंदी को भी शामिल कर लिया है, जिसके लिए 50 प्रतिशत अनुदान और कम्पोजिट फैंसिंग पर 70 प्रतिशत अनुदान देने का निर्णय लिया गया. इससे पहले केवल सोलर फैंसिग ही इस योजना में लगाई जा सकती थी.
बैठक में पॉली हाउस निर्माण, सूक्ष्म सिंचाई योजना स्थापित करने और किसानों को प्रशिक्षण और जागरूक बनाने जैसी गतिविधियों के विस्तार के लिए कुल 78.57 करोड़ रुपये की स्वीकृति के साथ मुख्यमंत्री नूतन पॉलीहाउस परियोजना (प्रथम चरण) आरम्भ करने को स्वीकृति प्रदान की.
मंत्रिमण्डल ने आबकारी एवं कराधान विभाग में लिपिकों के 10 पदों को कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आई.टी.) में परिवर्तित करने तथा युवा सेवाएं एवं खेल विभाग में लिपिकों के चार पदों को कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आई.टी.) में परिवर्तित करने तथा इन पदों को अनुबन्ध आधार पर भरने को स्वीकृति प्रदान की. मंत्रिमण्डल ने पंचायती राज विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 21 पदों को अनुबन्ध आधार पर भरने का भी निर्णय लिया.
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