ETV Bharat / state

कोरोना से लड़ने को हिमाचलियों ने पहले भी दिल खोलकर दिया दान, खजाने में जमा हुए थे 84 करोड़

हिमाचल में फिर से कोविड के खिलाफ लड़ाई में सरकार ने अंशदान मांगा है. इससे पहले भी कोरोना काल में एक साल के भीतर हिमाचल प्रदेश के स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट फंड में प्रदेशवासियों ने 84 करोड़ रुपए से अधिक की रकम जुटाई थी. इसमें राज्यपाल, सीएम, मंत्रियों सहित सरकारी कर्मचारियों का योगदान भी है.

CM Jairam thakur
सीएम जयराम ठाकुर
author img

By

Published : Apr 22, 2021, 4:41 PM IST

शिमला: हिमाचल में फिर से कोविड के खिलाफ लड़ाई में सरकार ने अंशदान मांगा है. सीएम व मंत्री एक माह का वेतन कोविड फंड में देंगे. इससे पूर्व सरकारी कर्मियों के वेतन से भी कटौती का आदेश हुआ है. इस फंड में आम जनता, गैर सरकारी संस्थाएं व धार्मिक संस्थाएं भी योगदान दे सकती हैं. हिमाचल में पिछली बार एक साल के भीतर कोविड फंड में 84 करोड़ की रकम इकट्ठा हुई थी.

देवभूमि हिमाचल के लोग आपदा के समय दिल खोलकर दान करने में पीछे नहीं हटते. कोरोना काल में एक साल के भीतर हिमाचल प्रदेश के स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट फंड में प्रदेशवासियों ने 84 करोड़ रुपए से अधिक की रकम जुटाई थी. इसमें राज्यपाल, सीएम, मंत्रियों सहित सरकारी कर्मचारियों का योगदान भी है. इसमें मंदिरों, स्वयंसेवी संस्थाओं व उद्योगपतियों का भी योगदान रहा.

इन जिलों से मिला इतना दान

इसी प्रकार जिला के उपमंडलों से भी दान की रकम मिली थी. प्रदेश के 12 जिलों के उपमंडलों से 8.21 करोड़ रुपए जुटाए गए. जिलों के उपमंडलों के तहत सबसे अधिक रकम मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी से इकट्ठी हुई. मंडी ने इस यज्ञ में 1.86 करोड़ रुपए से अधिक की आहूति डाली. प्रदेश के 12 जिलों में से तीन जिलों ने एक करोड़ से अधिक जुटाए. इनमें मंडी के अलावा हमीरपुर व कांगड़ा जिला शामिल हैं. हमीरपुर ने 1.23 करोड़ से अधिक तो कांगड़ा ने 1.30 करोड़ रुपए का योगदान दिया. ये खुलासा विधानसभा में आए एक सवाल के लिखित जवाब में हुआ था. सबसे कम रकम बिलासपुर व कुल्लू जिला से आई. बिलासपुर जिला ने कुल 2.61 लाख रुपए दिए. कुल्लू का योगदान 9.55 लाख रुपए रहा. सिरमौर से 79 लाख से अधिक, ऊना से 62 लाख, चंबा से 39 लाख व शिमला से 42 लाख रुपए से अधिक रकम दान में मिली.

84 करोड़ से ज्यादा का मिला दान

हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल में 20 मार्च 2021 तक कुल 84 करोड़, 21 लाख, 22 हजार 727 रुपए इकट्ठे हुए. एक साल तक मंत्रियों, विधायकों के वेतन का तीस फीसदी हिस्सा स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट फंड में गया. इसके अलावा आम जनता ने भी खूब दिल खोलकर दान दिया.

जरूरतमंदों के राशन पर खर्च हुए 13 करोड़
कोरोना काल में जरूरतमंदों को राशन देने पर 13 करोड़ रुपए से अधिक का खर्चा आया. ये पैसे स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट फंड से दिए गए. जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध करवाने के लिए सबसे अधिक रकम ऊना में खर्च हुई. ऊना में राशन उपलब्ध करवाने के लिए 4.46 करोड़ से अधिक खर्चे गए. इसी तरह सोलन में 1.89 करोड़ व शिमला में 1.13 करोड़ का खर्च राशन देने पर आया.

इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन पर खर्च हुए 16.72 करोड़
कोरोना मरीजों के लिए संस्थागत क्वारंटाइन पर 16.72 करोड़ रुपए खर्च किए गए. सोलन में इसके लिए 5.48 करोड़ रुपए से अधिक तो ऊना में 3.59 करोड़ रुपए खर्च हुए. बिलासपुर जिला में संस्थागत क्वारंटाइन पर सबसे कम 23.53 लाख खर्च हुआ. मंडी में 1.78 करोड़ तो कांगड़ा में 1.49 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च संस्थागत क्वारंटाइन पर किया गया.

ये भी पढ़ें: MBU डिग्री मामला: फर्जी डिग्री से जॉब लेने वालों पर लटकी तलवार, नौकरी से धोना पड़ेगा हाथ

शिमला: हिमाचल में फिर से कोविड के खिलाफ लड़ाई में सरकार ने अंशदान मांगा है. सीएम व मंत्री एक माह का वेतन कोविड फंड में देंगे. इससे पूर्व सरकारी कर्मियों के वेतन से भी कटौती का आदेश हुआ है. इस फंड में आम जनता, गैर सरकारी संस्थाएं व धार्मिक संस्थाएं भी योगदान दे सकती हैं. हिमाचल में पिछली बार एक साल के भीतर कोविड फंड में 84 करोड़ की रकम इकट्ठा हुई थी.

देवभूमि हिमाचल के लोग आपदा के समय दिल खोलकर दान करने में पीछे नहीं हटते. कोरोना काल में एक साल के भीतर हिमाचल प्रदेश के स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट फंड में प्रदेशवासियों ने 84 करोड़ रुपए से अधिक की रकम जुटाई थी. इसमें राज्यपाल, सीएम, मंत्रियों सहित सरकारी कर्मचारियों का योगदान भी है. इसमें मंदिरों, स्वयंसेवी संस्थाओं व उद्योगपतियों का भी योगदान रहा.

इन जिलों से मिला इतना दान

इसी प्रकार जिला के उपमंडलों से भी दान की रकम मिली थी. प्रदेश के 12 जिलों के उपमंडलों से 8.21 करोड़ रुपए जुटाए गए. जिलों के उपमंडलों के तहत सबसे अधिक रकम मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी से इकट्ठी हुई. मंडी ने इस यज्ञ में 1.86 करोड़ रुपए से अधिक की आहूति डाली. प्रदेश के 12 जिलों में से तीन जिलों ने एक करोड़ से अधिक जुटाए. इनमें मंडी के अलावा हमीरपुर व कांगड़ा जिला शामिल हैं. हमीरपुर ने 1.23 करोड़ से अधिक तो कांगड़ा ने 1.30 करोड़ रुपए का योगदान दिया. ये खुलासा विधानसभा में आए एक सवाल के लिखित जवाब में हुआ था. सबसे कम रकम बिलासपुर व कुल्लू जिला से आई. बिलासपुर जिला ने कुल 2.61 लाख रुपए दिए. कुल्लू का योगदान 9.55 लाख रुपए रहा. सिरमौर से 79 लाख से अधिक, ऊना से 62 लाख, चंबा से 39 लाख व शिमला से 42 लाख रुपए से अधिक रकम दान में मिली.

84 करोड़ से ज्यादा का मिला दान

हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल में 20 मार्च 2021 तक कुल 84 करोड़, 21 लाख, 22 हजार 727 रुपए इकट्ठे हुए. एक साल तक मंत्रियों, विधायकों के वेतन का तीस फीसदी हिस्सा स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट फंड में गया. इसके अलावा आम जनता ने भी खूब दिल खोलकर दान दिया.

जरूरतमंदों के राशन पर खर्च हुए 13 करोड़
कोरोना काल में जरूरतमंदों को राशन देने पर 13 करोड़ रुपए से अधिक का खर्चा आया. ये पैसे स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट फंड से दिए गए. जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध करवाने के लिए सबसे अधिक रकम ऊना में खर्च हुई. ऊना में राशन उपलब्ध करवाने के लिए 4.46 करोड़ से अधिक खर्चे गए. इसी तरह सोलन में 1.89 करोड़ व शिमला में 1.13 करोड़ का खर्च राशन देने पर आया.

इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन पर खर्च हुए 16.72 करोड़
कोरोना मरीजों के लिए संस्थागत क्वारंटाइन पर 16.72 करोड़ रुपए खर्च किए गए. सोलन में इसके लिए 5.48 करोड़ रुपए से अधिक तो ऊना में 3.59 करोड़ रुपए खर्च हुए. बिलासपुर जिला में संस्थागत क्वारंटाइन पर सबसे कम 23.53 लाख खर्च हुआ. मंडी में 1.78 करोड़ तो कांगड़ा में 1.49 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च संस्थागत क्वारंटाइन पर किया गया.

ये भी पढ़ें: MBU डिग्री मामला: फर्जी डिग्री से जॉब लेने वालों पर लटकी तलवार, नौकरी से धोना पड़ेगा हाथ

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.