शिमला: प्रदेश सरकार (state government) ने चेयरमैन (chairman) और वाइस चेयरमैन (vice chairman) की नियुक्तियां शुरू कर दी हैं. जयराम सरकार (Jairam Sarkar) ने कांगड़ा (Kangra) जिले के फतेहपुर (Fatehpur) से संबंध रखने वाले ओम प्रकाश चौधरी (Om Prakash Choudhary) को बैकवर्ड क्लासेस फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (Backward Classes Finance and Development Corporation) का वाइस चेयरमैन नियुक्त कर दिया है.
महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रशिमधर सूद (Rashimdhar Sood) को प्रदेश टूरिज्म बोर्ड (tourism board) का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया. इसके अलावा प्रदेश सरकार ने कांगड़ा जिले के नगरोटा सुरियां से संबंध रखने वाले संजय गुलेरिया (Sanjay Guleria) को नेशनल स्टेट एडवाइजरी बोर्ड (National State Advisory Board) का वाइस चेयरमैन नियुक्त किया है.
दरअसल प्रदेश सरकार के साढ़े तीन साल पूरे होने के बाद अब भाजपा ने 2022 विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं. पार्टी में असन्तुष्ट और सरकार बनने से अब तक हाशिये पर रहे भाजपा नेताओं को जल्द ही बोर्डों और निगमों में नियुक्तियां दी जा सकती हैं. हाल ही में दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस विषय को हाई कमान के समक्ष रखा था जिसपर हाई कमान की तरफ से भी सहमति जताई गई है. दरअसल सितम्बर में संभावित उप चुनाव को लेकर भी अधिकांश भाजपा नेताओं ने खुलेआम तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन से खाली हुई अर्की विधानसभा सीटी से पूर्व भाजपा विधायक गोबिंद राम शर्मा की ओर से खुल कर किए गए विद्रोह के बाद सरकार व संगठन में यह बात साफ हो गई है कि अपने लोगों को ज्यादा दिनों तक नाराज कर के रखना ठीक नहीं होगा. हालांकि साढ़े तीन साल बाद अब पदों से नवाजा जाना ज्यादा लाभदायक नहीं होगा. बस जिन नेताओं को ये पद नवाजे जाएंगे उन्हें गाडी-बंगला मिल जाएगा. गोबिंद शर्मा से पहले जुब्बल कोटखाई से भाजपा की नेत्री नीलम सरकेक भी टिकट की मांग कर चुकी हैं और विद्रोह की धमकी दे चुकी हैं. मंडी संसदीय सीट पर कुल्लू से भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश्वर सिंह को भी अगर टिकट नहीं मिला तो वह भी संभवत: पार्टी विरोधी कोई कदम उठा सकते हैं.
प्रदेश के मलाइदार निगमों व बोर्डों में पर्यटन विकास निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड शीर्ष पर है. इसके अलावा राज्य कामगार बोर्ड के अलावा कई ऐसे ओहदे हैं जहां पर सरकार अपने चहेतों को बैठा सकती है. राज्य कामगार बोर्ड के अध्यक्ष पद पर भारतीय मजदूर संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र ठाकुर की ताजपोशी जयराम सरकार ने सता में आने के कुछ दिन बाद कर भी दी थी, लेकिन वह इस पद पर विराजमान नहीं हो सके. सुरेंद्र ठाकुर अर्की विधानसभा हलके से ही है व पिछले दिनों जिस संस्था के मंच से गोबिंद राम शर्मा ने विद्रोह का झंडा उठाया था. वह उन्हीं की संस्था थी.
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