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हिमाचल में 37 साल बाद भी नहीं बदला रिवाज, बीजेपी की हार, कांग्रेस को ताज

हिमाचल में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस की सरकार बनना तय हो गया है. लेकिन इन नतीजों के बाद एक बात और साफ हो गई है कि हिमाचल में हर 5 साल में सरकार बदलने का 37 साल पुराना रिवाज इस बार भी बरकरार रहा है. बीते 37 सालों में कब-कब क्या क्या हुआ है. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (himachal Election result 2022) (no party has been repeat govt in Himachal )

no party has been repeat govt in Himachal since 1985
हिमाचल में 37 साल बाद भी नहीं बदला रिवाज
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Published : Dec 8, 2022, 5:50 PM IST

शिमला: हिमाचल में रिवाज बदलेगा या ताज ? ये सवाल चुनावी समर के दौरान हिमाचल की सियासी फिजाओं में तैरता रहा. गुरुवार को हिमाचल की जनता ने एक बार फिर 1985 से चले आ रहे रिवाज को जारी रखते हुए 5 साल बाद सरकार बदल दी है. हिमाचल प्रदेश में पिछले 37 साल से कोई भी पार्टी सरकार रिपीट नहीं कर पाई है. इस बार बीजेपी ने हिमाचल में रिवाज बदलकर सरकार रिपीट करने का दावा किया था लेकिन जनता से सारे दावों की हवा निकालकर कांग्रेस के हाथ सत्ता की चाबी सौंप दी. (no party has been repeat govt in Himachal )

44 सीटों से 25 पर पहुंची बीजेपी- साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश की 68 सीटों में से 44 सीटों पर जीत हासिल की और बंपर बहुमत के साथ सरकार बनाई. जबकि इस बार बीजेपी 25 सीटों पर सिमट गई है. 2017 में 21 सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने इस बार 40 सीटें जीती हैं. बीजेपी के लिए हार इतनी करारी रही कि चुनाव मैदान में उतरे सरकार के 11 में से 8 मंत्री चुनाव हार गए.

2017 के नतीजे
2017 के नतीजे

धरे रह गए बीजेपी के सूरमाओं के दावे- हिमाचल में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने पीएम मोदी से लेकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्रियों की फौज के साथ बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री को प्रचार के रण में उतारा था. बीजेपी ने कुल 40 स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारा और प्रचार के दौरान दो दिन हर विधानसभा सीट पर रैली, जनसभा या जन संपर्क अभियान चलाया. हर किसी ने प्रचार के दौरान हिमाचल में सरकार रिपीट करने का दावा किया लेकिन सारे दावे धरे के धरे रह गए.

दरअसल इस साल की शुरुआत में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 4 राज्यों में जीत हासिल की थी. खास बात ये है कि इन चारों राज्यों यूपी, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में बीजेपी ने सरकार रिपीट की है. खासकर यूपी में करीब 35 साल और उत्तराखंड में राज्य गठन के 22 साल बाद सरकार रिपीट हुई है. बीजेपी ने जो इन राज्यों में किया है वही दावा पार्टी के हर नेता ने हिमाचल में भी किया था. (Himachal Assembly Election Result 2022) (HP Poll Result 2022) (Election candidates himachal)

हिमाचल में नहीं बदला रिवाज- साल 1983 में कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकुर राम लाल की जगह वीरभद्र सिंह को दिल्ली से भेजा और 1983 से 1985 तक बचे हुए दो सालों के लिए मुख्यमंत्री रहे. 1985 में छठी विधानसभा के लिए हुए विधानसभा चुनाव में फिर से कांग्रेस की वापसी हुई और मुख्यमंत्री एक बार फिर वीरभद्र सिंह बने. इसके बाद से कोई भी दल सरकार रिपीट नहीं कर पाई है. (Government did not repeat in Himachal)

1985 के बाद कांग्रेस और बीजेपी के पास आती-जाती रही सत्ता
1985 के बाद कांग्रेस और बीजेपी के पास आती-जाती रही सत्ता

1990 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी और मुख्यमंत्री शांता कुमार बने. जो अब तक हिमाचल के इकलौते ब्राह्मण मुख्यमंत्री हैं. अब तक बने 6 में से 5 मुख्यमंत्री राजपूत हैं. शांता कुमार दूसरी बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने थे. करीब 3 साल बाद सरकार ने बहुत खोया और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग गया. इसके बाद साल 1993 में चुनाव हुए तो सत्ता में कांग्रेस की वापसी हुई और वीरभद्र सिंह तीसरी बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने.

37 साल से नहीं हुई सरकार रिपीट
37 साल से नहीं हुई सरकार रिपीट

1998 में हिमाचल में फिर से विधानसभा चुनाव हुए तो इस बार बीजेपी ने हिमाचल विकास कांग्रेस के साथ मिलकर बनाई और प्रेम कुमार धूमल पहली बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने थे. हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी का गठन पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम ने कांग्रेस से अलग होकर किया था. चुनाव में उनकी पार्टी को 5 सीटें मिली थी, जबकि बीजेपी और कांग्रेस को 31-31 सीटें मिली थी. हिमाचल विकास कांग्रेस ने बीजेपी को समर्थन दिया और पूरे 5 साल सरकार चलाई.

2003 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई और वीरभद्र सिंह फिर से हिमाचल के मुख्यमंत्री बन गए. इसी तरह 2007 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बहुमत हासिल किया और सरकार बनाई. प्रेम कुमार धूमल दूसरी बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने. 2012 के विधानसभा चुनाव में सरकार बदलने का सिलसिला जारी रहा और इस बार जनता ने बहुमत कांग्रेस को दिया. वीरभद्र सिंह ही मुख्यमंत्री बने. 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार हुई और बीजेपी को बंपर बहुमत मिला. हालांकि इस बार हिमाचल में बीजेपी के सीएम फेस प्रेम कुमार धूमल अपना चुनाव हार गए. जिसके चलते जयराम ठाकुर हिमाचल के नए मुख्यमंत्री बने. (Congress Won 40 seat in himachal)

1985 से पहले हिमाचल में कांग्रेस का एकछत्र राज था. यशवंत परमार 1963 से 1971 तक लगातार दो बार केंद्र शासित प्रदेश हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे और 1971 में राज्य का दर्जा मिलने के बाद भी 1977 तक दो बार मुख्यमंत्री रहे. इसके बाद ठाकुर राम लाल 1977 और फिर 1980 में मुख्यमंत्री बने. हालांकि इस बीच 1977 में हिमाचल में जनता पार्टी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री शांता कुमार बने. (Congress Formed Government in himachal)

ये भी पढ़ें : HP Election Result: हिमाचल के सीएम जयराम जीते, 11 में से 8 मंत्री हारे

शिमला: हिमाचल में रिवाज बदलेगा या ताज ? ये सवाल चुनावी समर के दौरान हिमाचल की सियासी फिजाओं में तैरता रहा. गुरुवार को हिमाचल की जनता ने एक बार फिर 1985 से चले आ रहे रिवाज को जारी रखते हुए 5 साल बाद सरकार बदल दी है. हिमाचल प्रदेश में पिछले 37 साल से कोई भी पार्टी सरकार रिपीट नहीं कर पाई है. इस बार बीजेपी ने हिमाचल में रिवाज बदलकर सरकार रिपीट करने का दावा किया था लेकिन जनता से सारे दावों की हवा निकालकर कांग्रेस के हाथ सत्ता की चाबी सौंप दी. (no party has been repeat govt in Himachal )

44 सीटों से 25 पर पहुंची बीजेपी- साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश की 68 सीटों में से 44 सीटों पर जीत हासिल की और बंपर बहुमत के साथ सरकार बनाई. जबकि इस बार बीजेपी 25 सीटों पर सिमट गई है. 2017 में 21 सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने इस बार 40 सीटें जीती हैं. बीजेपी के लिए हार इतनी करारी रही कि चुनाव मैदान में उतरे सरकार के 11 में से 8 मंत्री चुनाव हार गए.

2017 के नतीजे
2017 के नतीजे

धरे रह गए बीजेपी के सूरमाओं के दावे- हिमाचल में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने पीएम मोदी से लेकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्रियों की फौज के साथ बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री को प्रचार के रण में उतारा था. बीजेपी ने कुल 40 स्टार प्रचारकों को मैदान में उतारा और प्रचार के दौरान दो दिन हर विधानसभा सीट पर रैली, जनसभा या जन संपर्क अभियान चलाया. हर किसी ने प्रचार के दौरान हिमाचल में सरकार रिपीट करने का दावा किया लेकिन सारे दावे धरे के धरे रह गए.

दरअसल इस साल की शुरुआत में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 4 राज्यों में जीत हासिल की थी. खास बात ये है कि इन चारों राज्यों यूपी, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में बीजेपी ने सरकार रिपीट की है. खासकर यूपी में करीब 35 साल और उत्तराखंड में राज्य गठन के 22 साल बाद सरकार रिपीट हुई है. बीजेपी ने जो इन राज्यों में किया है वही दावा पार्टी के हर नेता ने हिमाचल में भी किया था. (Himachal Assembly Election Result 2022) (HP Poll Result 2022) (Election candidates himachal)

हिमाचल में नहीं बदला रिवाज- साल 1983 में कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकुर राम लाल की जगह वीरभद्र सिंह को दिल्ली से भेजा और 1983 से 1985 तक बचे हुए दो सालों के लिए मुख्यमंत्री रहे. 1985 में छठी विधानसभा के लिए हुए विधानसभा चुनाव में फिर से कांग्रेस की वापसी हुई और मुख्यमंत्री एक बार फिर वीरभद्र सिंह बने. इसके बाद से कोई भी दल सरकार रिपीट नहीं कर पाई है. (Government did not repeat in Himachal)

1985 के बाद कांग्रेस और बीजेपी के पास आती-जाती रही सत्ता
1985 के बाद कांग्रेस और बीजेपी के पास आती-जाती रही सत्ता

1990 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी और मुख्यमंत्री शांता कुमार बने. जो अब तक हिमाचल के इकलौते ब्राह्मण मुख्यमंत्री हैं. अब तक बने 6 में से 5 मुख्यमंत्री राजपूत हैं. शांता कुमार दूसरी बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने थे. करीब 3 साल बाद सरकार ने बहुत खोया और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग गया. इसके बाद साल 1993 में चुनाव हुए तो सत्ता में कांग्रेस की वापसी हुई और वीरभद्र सिंह तीसरी बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने.

37 साल से नहीं हुई सरकार रिपीट
37 साल से नहीं हुई सरकार रिपीट

1998 में हिमाचल में फिर से विधानसभा चुनाव हुए तो इस बार बीजेपी ने हिमाचल विकास कांग्रेस के साथ मिलकर बनाई और प्रेम कुमार धूमल पहली बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने थे. हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी का गठन पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम ने कांग्रेस से अलग होकर किया था. चुनाव में उनकी पार्टी को 5 सीटें मिली थी, जबकि बीजेपी और कांग्रेस को 31-31 सीटें मिली थी. हिमाचल विकास कांग्रेस ने बीजेपी को समर्थन दिया और पूरे 5 साल सरकार चलाई.

2003 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई और वीरभद्र सिंह फिर से हिमाचल के मुख्यमंत्री बन गए. इसी तरह 2007 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बहुमत हासिल किया और सरकार बनाई. प्रेम कुमार धूमल दूसरी बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने. 2012 के विधानसभा चुनाव में सरकार बदलने का सिलसिला जारी रहा और इस बार जनता ने बहुमत कांग्रेस को दिया. वीरभद्र सिंह ही मुख्यमंत्री बने. 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार हुई और बीजेपी को बंपर बहुमत मिला. हालांकि इस बार हिमाचल में बीजेपी के सीएम फेस प्रेम कुमार धूमल अपना चुनाव हार गए. जिसके चलते जयराम ठाकुर हिमाचल के नए मुख्यमंत्री बने. (Congress Won 40 seat in himachal)

1985 से पहले हिमाचल में कांग्रेस का एकछत्र राज था. यशवंत परमार 1963 से 1971 तक लगातार दो बार केंद्र शासित प्रदेश हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे और 1971 में राज्य का दर्जा मिलने के बाद भी 1977 तक दो बार मुख्यमंत्री रहे. इसके बाद ठाकुर राम लाल 1977 और फिर 1980 में मुख्यमंत्री बने. हालांकि इस बीच 1977 में हिमाचल में जनता पार्टी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री शांता कुमार बने. (Congress Formed Government in himachal)

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