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एक नजर में हिमाचल आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 - प्रति व्यक्ति आय

गुरुवार को सीएम जयराम ठाकुर ने 2019-20 का आर्थिक सर्वेक्षण सदन में पेश किया. हिमाचल में 2019-20 में प्रतिव्यक्ति आय 1,95,255 रु होने का आकलन है. वहीं आर्थिक वृद्धि दर 5.6 रहने का अनुमान है.

Himachal Economic Survey
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Published : Mar 5, 2020, 6:05 PM IST

शिमला: शुक्रवार के हिमाचल विधानसभा में साल 2020-21 का बजट पेश किया जाना है. गुरुवार को सीएम जयराम ठाकुर ने 2019-20 का आर्थिक सर्वेक्षण सदन में पेश किया.

हिमाचल सरकार द्वारा जारी आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आर्थिक वृद्धि दर 5.6 रहने का अनुमान है. जबकि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 7.1 फीसदी विकास दर थी.

वहीं हिमाचल में 2017-18 में प्रति व्यक्ति आय 1,65,025 रु. थी. 2018-19 में 11 प्रतिशत के की वृद्धि के साथ 1,83,108 रु. हुई. वहीं 2019-20 में प्रतिव्यक्ति आय 1,95,255 रु होने का आकलन है. वहीं, पूरे देश की बात करें तो 2018-19 में प्रतिव्यक्ति आय 1,26, 561 रुपये आंकी गई है.

2019-20 में जयराम सरकार ने कुल 44,388 करोड़ रुपयों का बजट पेश किया था. जिसमें 36089 करोड़ (बजट का 81.30%) राजस्व व्यय किया गया है.

वीडियो रिपोर्ट

पिछले बजट की सरंचना देखें तो वेतन में कुल बजट का 31.29% यानि 13,889 करोड़ रुपये खर्च किया गया. पेंशन में 6,660 करोड़(15.01%), ब्याज में 4,550 करोड़ (10.25%), और अनुदान में 1066 करोड़ (2.40%) खर्च किया गया है.

हिमाचल को कृषि प्रधान प्रदेश माना जाता है. लेकिन कृषि क्षेत्र का कुल राज्य घरेलू उत्पाद में योगदान लगातार घटता जा रहा है. 1950-51 में जहां ये 57.9 प्रतिशत था, फिर 1990-91 में 26.5 प्रतिशत हुआ और 2018-19 में घटकर केवल 8.4 प्रतिशत रह गया है.

हिमाचल में फलों के उत्पादन में बढ़ोतरी

वहीं उद्योग और सेवा क्षेत्रों का कुल राज्य घरेलू उत्पाद में योगदान लगातार बढ़ रहा है.1950-51 में ये 1.1 व 5.9 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 29.0 और 44.0 प्रतिशत हो गया है. हालांकि राज्य ने फलों के उत्पादन में प्रगति की है. साल 2019-20 की बात करें तो दिसंबर 2019 तक प्रदेश में 7.07 लाख टन फलों का उत्पादन हुआ. वहीं बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन में भी बढ़ौचतरी दर्ज की गई है. आने वाले वर्ष में फलों और बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन में बढ़ौतरी की संभावना है.

हिमाचल की अर्थव्यवस्था में टूरिज्म का महत्वपूर्ण योगदान

हिमाचल की अर्थव्यवस्था में टूरिज्म सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान है, जिससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार भी मिला है. हिमाचल में बीते सालों से बाहरी सैलानियों की संख्या में वृद्धि हुई है.

2005 में कुल 71 लाख सैलानी हिमाचल घूमने आये थे, वहीं 2017 में ये आंकड़ा 196 लाख था. हालांकि 2019 में कुल 172 लाख टूरिस्ट हिमाचल आये जिसमें 3 लाख 83 हजार के करीब विदेशी पर्यटक थे.

राज्य सरकार की योजनाओं की बात करें तो मुख्यमंत्री सेवा संकल्प योजना, हिमकेयर योजना, जनमंच योजना, गृहणी सुविधा जैसी कई योजनाओं से प्रदेशवासियों को लाभ मिला है..

प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से साल 2018-19 में 31189 करोड़ की कुल राजस्व प्राप्ति हुई और साल 2019-20 में 8.20 की वृद्धि के साथ- 33747 करोड़ की कुल राजस्व प्राप्ति हुई. 2019-20 में राज्य करों में 15.69 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है.

इन्वेस्टर्स मीट से प्रदेश में रोजगार और आय बढ़ने की उम्मीद

वहीं बीते साल हुई इन्वेस्टर्स मीट से सरकार को प्रदेश में रोजगार बढ़ने और आय की उम्मीद है. बता दें ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में 1,96,000 व्यक्तियों के प्रस्तावित रोजगार के साथ 96721 करोड़ के 703 एमओयू साइन हुए हैं. वहीं, 240 एमओयू को धरातल पर उतारा गया जिनका मूल्य 13,656 करोड़ है.

वहीं आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण हिमाचल की आर्थिक विकास दर भी प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा कि इस बार हिमाचल की आर्थिक वृद्धि दर पहले के मुकाबले गिरी है और सरकार आर्थिक वृद्धि दर को प्रभावित करने वाले कारणों पर नजर रखे हुए है.

ये भी पढ़ें: सीएम ने पेश की आर्थिक सर्वे रिपोर्ट, विकास दर घटी, प्रति व्यक्ति आय बढ़ी...

शिमला: शुक्रवार के हिमाचल विधानसभा में साल 2020-21 का बजट पेश किया जाना है. गुरुवार को सीएम जयराम ठाकुर ने 2019-20 का आर्थिक सर्वेक्षण सदन में पेश किया.

हिमाचल सरकार द्वारा जारी आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आर्थिक वृद्धि दर 5.6 रहने का अनुमान है. जबकि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 7.1 फीसदी विकास दर थी.

वहीं हिमाचल में 2017-18 में प्रति व्यक्ति आय 1,65,025 रु. थी. 2018-19 में 11 प्रतिशत के की वृद्धि के साथ 1,83,108 रु. हुई. वहीं 2019-20 में प्रतिव्यक्ति आय 1,95,255 रु होने का आकलन है. वहीं, पूरे देश की बात करें तो 2018-19 में प्रतिव्यक्ति आय 1,26, 561 रुपये आंकी गई है.

2019-20 में जयराम सरकार ने कुल 44,388 करोड़ रुपयों का बजट पेश किया था. जिसमें 36089 करोड़ (बजट का 81.30%) राजस्व व्यय किया गया है.

वीडियो रिपोर्ट

पिछले बजट की सरंचना देखें तो वेतन में कुल बजट का 31.29% यानि 13,889 करोड़ रुपये खर्च किया गया. पेंशन में 6,660 करोड़(15.01%), ब्याज में 4,550 करोड़ (10.25%), और अनुदान में 1066 करोड़ (2.40%) खर्च किया गया है.

हिमाचल को कृषि प्रधान प्रदेश माना जाता है. लेकिन कृषि क्षेत्र का कुल राज्य घरेलू उत्पाद में योगदान लगातार घटता जा रहा है. 1950-51 में जहां ये 57.9 प्रतिशत था, फिर 1990-91 में 26.5 प्रतिशत हुआ और 2018-19 में घटकर केवल 8.4 प्रतिशत रह गया है.

हिमाचल में फलों के उत्पादन में बढ़ोतरी

वहीं उद्योग और सेवा क्षेत्रों का कुल राज्य घरेलू उत्पाद में योगदान लगातार बढ़ रहा है.1950-51 में ये 1.1 व 5.9 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 29.0 और 44.0 प्रतिशत हो गया है. हालांकि राज्य ने फलों के उत्पादन में प्रगति की है. साल 2019-20 की बात करें तो दिसंबर 2019 तक प्रदेश में 7.07 लाख टन फलों का उत्पादन हुआ. वहीं बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन में भी बढ़ौचतरी दर्ज की गई है. आने वाले वर्ष में फलों और बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन में बढ़ौतरी की संभावना है.

हिमाचल की अर्थव्यवस्था में टूरिज्म का महत्वपूर्ण योगदान

हिमाचल की अर्थव्यवस्था में टूरिज्म सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान है, जिससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार भी मिला है. हिमाचल में बीते सालों से बाहरी सैलानियों की संख्या में वृद्धि हुई है.

2005 में कुल 71 लाख सैलानी हिमाचल घूमने आये थे, वहीं 2017 में ये आंकड़ा 196 लाख था. हालांकि 2019 में कुल 172 लाख टूरिस्ट हिमाचल आये जिसमें 3 लाख 83 हजार के करीब विदेशी पर्यटक थे.

राज्य सरकार की योजनाओं की बात करें तो मुख्यमंत्री सेवा संकल्प योजना, हिमकेयर योजना, जनमंच योजना, गृहणी सुविधा जैसी कई योजनाओं से प्रदेशवासियों को लाभ मिला है..

प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से साल 2018-19 में 31189 करोड़ की कुल राजस्व प्राप्ति हुई और साल 2019-20 में 8.20 की वृद्धि के साथ- 33747 करोड़ की कुल राजस्व प्राप्ति हुई. 2019-20 में राज्य करों में 15.69 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है.

इन्वेस्टर्स मीट से प्रदेश में रोजगार और आय बढ़ने की उम्मीद

वहीं बीते साल हुई इन्वेस्टर्स मीट से सरकार को प्रदेश में रोजगार बढ़ने और आय की उम्मीद है. बता दें ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में 1,96,000 व्यक्तियों के प्रस्तावित रोजगार के साथ 96721 करोड़ के 703 एमओयू साइन हुए हैं. वहीं, 240 एमओयू को धरातल पर उतारा गया जिनका मूल्य 13,656 करोड़ है.

वहीं आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण हिमाचल की आर्थिक विकास दर भी प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा कि इस बार हिमाचल की आर्थिक वृद्धि दर पहले के मुकाबले गिरी है और सरकार आर्थिक वृद्धि दर को प्रभावित करने वाले कारणों पर नजर रखे हुए है.

ये भी पढ़ें: सीएम ने पेश की आर्थिक सर्वे रिपोर्ट, विकास दर घटी, प्रति व्यक्ति आय बढ़ी...

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