ETV Bharat / state

अलविदा 2019: हिमाचल में लंबा रहा मानसून, बरसात से 1,479 करोड़ का हुआ नुकसान - बर्फबारी से हिमाचल को घाटा 2019

हिमाचल में साल 2019 में जहां अच्छी बर्फबारी हुई. वहीं इस साल मानसून ने कई सालों के रिकॉर्ड भी तोड़े. प्रदेश में 37 साल बाद मानसून का लंबा स्पेल चला. मानसून में 1,479 करोड़ का नुकसान हुआ है और इस दौरान प्राकृतिक आपदाओं से 81 लोगों की जाने भी गई है

himachal rainfall deficit in 2019
हिमाचल में बारिश और बर्फबारी से नुकसान
author img

By

Published : Dec 31, 2019, 7:14 PM IST

शिमलाः बर्फीले पहाड़ों का प्रांत हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है. मानसून की बारसात हो या सर्दियों की बर्फबारी प्रदेश के मौसम के दीदार के लिए देश ही नहीं दुनिया भर से सैलानी यहां पहुंचते हैं, लेकिन बरसात और बर्फबारी हर साल प्रदेश के लोगों के लिए नई चुनौतियां और समस्याएं भी लेकर आती हैं.

साल 2019 में जहां अच्छी बर्फबारी हुई. वहीं इस साल मानसून ने कई सालों के रिकॉर्ड भी तोड़े. प्रदेश में 37 साल बाद मानसून का लंबा स्पेल चला. प्रदेश में दो जुलाई को मानसून ने दस्तक दी थी और 11 अक्टूबर को मानसून विदा हुआ था.

इस साल 685.5 मिलीलीटर हुई बारिश

हिमाचल में इस साल सौ दिन मानसून सीजन चला. मानसून के दौरान सभी जिलों में अच्छी बारिश हुई. प्रदेश में 685.5 मिलीलीटर बारिश हुई. सबसे ज्यादा बारिश बिलासपुर में हुई 27 फीसदी अधिक बारिश हुई है. हालांकि मानसून ने काफी जख्म भी दिए हैं.

मानसून में 1,479 करोड़ का नुकसान

मानसून में 1,479 करोड़ का नुकसान हुआ है और इस दौरान प्राकृतिक आपदाओं से 81 लोगों की जाने भी गई है. इसके अलावा ओलावृष्टि ने भी किसानों और बागवानों को जख्म दिए है. ओलावृष्टि से करोड़ों की फसलों को नुकसान हुआ है. ज्यादा नुकसान बागवानों को हुआ है और सेब पर ओलों ने जम कर कहर बरसाया.
साल 2019 में मानसून के दौरान भूस्खलन, बादल फटने और आकस्मिक बाढ़ से लोक निर्माण विभाग को 592 करोड़ का नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा आईपीएच विभाग को 316 करोड़, बागवानी विभाग को 34 करोड़, शिक्षा विभाग को 1 करोड़ 80 लाख और ऊर्जा विभाग को 2,498 करोड़ का नुकसान हुआ, जबकि कृषि विभाग को 81 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

वहीं, प्रदेश में मानसून के दौरान बारिश से करीब 84 पक्के मकान क्षतिग्रस्त हो गए. इसके अलावा 146 कच्चे मकान भी पूरी तरह से जमींदोज हो गए. बारिश से 396 पक्के मकानों और 1,127 कच्चे मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है.

कई संपर्क मार्ग रहे ठप

बारिश के दौरान इस साल कई पहाड़ी क्षेत्र के संपर्क मार्ग ठप पड़ गए जिससे लोगों को आवाजाही के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस साल बरसात के दौरान अक्टूबर महीने में जिला सिरमौर के शिलाई में कच्ची ढांग के पास नेशनल हाईवे 707 पर हुए भूस्खलन से मार्ग कई दिनों तक बंद रहा. इससे लोगों को अपने गंतव्यों को जाने के लिए भारी परेशानियां उठानी पड़ी.

वहीं, नेशनल हाईवे 5 भी कई बार भूस्खलन के कारण बंद रहा. बरसात के दौरान स्पिलो के पास नेशनल हाईवे पांच पर पहाड़ी से चट्टान टूटकर सड़क पर आ गिरी. आसपास मौजूद लोगों ने भाग कर अपनी जान बचाई. बरसात के दौरान हुई तेज बारिश से कई राजकीय स्कूलों में भी पानी भर आया. इससे स्कूली विद्यार्थियों और स्टाफ सदस्यों को भारी परेशानी उठानी पड़ी.

बर्फबारी से 300 करोड़ रुपये का नुकसान

साल 2019 के शुरुआती समय में बर्फबारी भी काफी ज्यादा हुई. 2019 के दौरान जनवरी और फरवरी में जहां अच्छी बर्फबारी हुई. वहीं, नवम्बर और दिसम्बर में भी प्रदेश में जम कर बर्फबारी हुई. प्रदेश में बर्फबारी से करोड़ों का नुकसान हुआ और बहुमूल्य जानें भी गईं.

किन्नौर में ग्लेशियर में दबने से जहां 5 जवानों की मौत हुई. वहीं, ठंड में भी लोगों की जानें गई. सबसे ज्यादा बर्फबारी जिला कुल्लु, लाहौल, किन्नौर, शिमला और चंबा में हुई है.साल 2019 में जनवरी से फरवरी महीने में हुई बर्फबारी से 300 करोड़ का नुकसान हुआ है.

भूकम्प से भी कांपा हिमाचल

इस साल प्रदेश में कई बार भूकम्प के झटकों से धरती कंपी है. प्रदेश में चम्बा, कांगड़ा में सबसे ज्यादा भूकम्प के झटके महसूस किए गए. जिससे लोगों मे डर का माहौल बना रहा. हालांकि इस दौरान कोई जानी या माली नुकसान नही हुआ, लेकिन बार-बार भूकम्प के झटकों से लोग सहमे रहे. सबसे ज्यादा इस साल चम्बा में भूकम्प के झटके महसूस किए गए.

इस साल लंबा रहा मानसून सीजन

मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह का कहना है कि इस साल बर्फबारी के साथ मानसून में भी अच्छी बारिश हुई . प्रदेश में इस साल सबसे ज्यादा मानसून सीजन चला है और बर्फबारी भी अन्य सालों के मुकाबले अच्छी हुई जो कि किसानों और बागवानों के लिए काफी फायदेमंद है.

वीडियो रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: अलविदा 2019: हर साल हिमाचल में बढ़ रहा है नशा कारोबार, हकीकत बयां कर रहे हैं इस साल के आंकड़े

शिमलाः बर्फीले पहाड़ों का प्रांत हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है. मानसून की बारसात हो या सर्दियों की बर्फबारी प्रदेश के मौसम के दीदार के लिए देश ही नहीं दुनिया भर से सैलानी यहां पहुंचते हैं, लेकिन बरसात और बर्फबारी हर साल प्रदेश के लोगों के लिए नई चुनौतियां और समस्याएं भी लेकर आती हैं.

साल 2019 में जहां अच्छी बर्फबारी हुई. वहीं इस साल मानसून ने कई सालों के रिकॉर्ड भी तोड़े. प्रदेश में 37 साल बाद मानसून का लंबा स्पेल चला. प्रदेश में दो जुलाई को मानसून ने दस्तक दी थी और 11 अक्टूबर को मानसून विदा हुआ था.

इस साल 685.5 मिलीलीटर हुई बारिश

हिमाचल में इस साल सौ दिन मानसून सीजन चला. मानसून के दौरान सभी जिलों में अच्छी बारिश हुई. प्रदेश में 685.5 मिलीलीटर बारिश हुई. सबसे ज्यादा बारिश बिलासपुर में हुई 27 फीसदी अधिक बारिश हुई है. हालांकि मानसून ने काफी जख्म भी दिए हैं.

मानसून में 1,479 करोड़ का नुकसान

मानसून में 1,479 करोड़ का नुकसान हुआ है और इस दौरान प्राकृतिक आपदाओं से 81 लोगों की जाने भी गई है. इसके अलावा ओलावृष्टि ने भी किसानों और बागवानों को जख्म दिए है. ओलावृष्टि से करोड़ों की फसलों को नुकसान हुआ है. ज्यादा नुकसान बागवानों को हुआ है और सेब पर ओलों ने जम कर कहर बरसाया.
साल 2019 में मानसून के दौरान भूस्खलन, बादल फटने और आकस्मिक बाढ़ से लोक निर्माण विभाग को 592 करोड़ का नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा आईपीएच विभाग को 316 करोड़, बागवानी विभाग को 34 करोड़, शिक्षा विभाग को 1 करोड़ 80 लाख और ऊर्जा विभाग को 2,498 करोड़ का नुकसान हुआ, जबकि कृषि विभाग को 81 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

वहीं, प्रदेश में मानसून के दौरान बारिश से करीब 84 पक्के मकान क्षतिग्रस्त हो गए. इसके अलावा 146 कच्चे मकान भी पूरी तरह से जमींदोज हो गए. बारिश से 396 पक्के मकानों और 1,127 कच्चे मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है.

कई संपर्क मार्ग रहे ठप

बारिश के दौरान इस साल कई पहाड़ी क्षेत्र के संपर्क मार्ग ठप पड़ गए जिससे लोगों को आवाजाही के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस साल बरसात के दौरान अक्टूबर महीने में जिला सिरमौर के शिलाई में कच्ची ढांग के पास नेशनल हाईवे 707 पर हुए भूस्खलन से मार्ग कई दिनों तक बंद रहा. इससे लोगों को अपने गंतव्यों को जाने के लिए भारी परेशानियां उठानी पड़ी.

वहीं, नेशनल हाईवे 5 भी कई बार भूस्खलन के कारण बंद रहा. बरसात के दौरान स्पिलो के पास नेशनल हाईवे पांच पर पहाड़ी से चट्टान टूटकर सड़क पर आ गिरी. आसपास मौजूद लोगों ने भाग कर अपनी जान बचाई. बरसात के दौरान हुई तेज बारिश से कई राजकीय स्कूलों में भी पानी भर आया. इससे स्कूली विद्यार्थियों और स्टाफ सदस्यों को भारी परेशानी उठानी पड़ी.

बर्फबारी से 300 करोड़ रुपये का नुकसान

साल 2019 के शुरुआती समय में बर्फबारी भी काफी ज्यादा हुई. 2019 के दौरान जनवरी और फरवरी में जहां अच्छी बर्फबारी हुई. वहीं, नवम्बर और दिसम्बर में भी प्रदेश में जम कर बर्फबारी हुई. प्रदेश में बर्फबारी से करोड़ों का नुकसान हुआ और बहुमूल्य जानें भी गईं.

किन्नौर में ग्लेशियर में दबने से जहां 5 जवानों की मौत हुई. वहीं, ठंड में भी लोगों की जानें गई. सबसे ज्यादा बर्फबारी जिला कुल्लु, लाहौल, किन्नौर, शिमला और चंबा में हुई है.साल 2019 में जनवरी से फरवरी महीने में हुई बर्फबारी से 300 करोड़ का नुकसान हुआ है.

भूकम्प से भी कांपा हिमाचल

इस साल प्रदेश में कई बार भूकम्प के झटकों से धरती कंपी है. प्रदेश में चम्बा, कांगड़ा में सबसे ज्यादा भूकम्प के झटके महसूस किए गए. जिससे लोगों मे डर का माहौल बना रहा. हालांकि इस दौरान कोई जानी या माली नुकसान नही हुआ, लेकिन बार-बार भूकम्प के झटकों से लोग सहमे रहे. सबसे ज्यादा इस साल चम्बा में भूकम्प के झटके महसूस किए गए.

इस साल लंबा रहा मानसून सीजन

मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह का कहना है कि इस साल बर्फबारी के साथ मानसून में भी अच्छी बारिश हुई . प्रदेश में इस साल सबसे ज्यादा मानसून सीजन चला है और बर्फबारी भी अन्य सालों के मुकाबले अच्छी हुई जो कि किसानों और बागवानों के लिए काफी फायदेमंद है.

वीडियो रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: अलविदा 2019: हर साल हिमाचल में बढ़ रहा है नशा कारोबार, हकीकत बयां कर रहे हैं इस साल के आंकड़े

Intro:Body:

sdfsdf


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.