शिमला: हिमाचल में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर जनता से अरबों रुपए की ठगी हुई है. क्रिप्टो ठग इतने शातिर थे कि उनकी नजर नए-नए करोड़पति हुए लोगों पर रहती थी. उदाहरण के लिए जिन लोगों की जमीन पावर प्रोजेक्ट अथवा फोरलेन की जद में आती थी, उन्हें सरकारी एजेंसियों से मुआवजे के रूप में करोड़ों रुपए हासिल होते थे. ऐसे लोगों को ये ठग लालच देते थे कि उनकी संपत्ति कम समय में ही दोगुनी हो जाएगी. यह झांसा देकर वे क्रिप्टो करेंसी में निवेश करवाने के लिए उकसाते थे. ठगों के उकसावे में आकर लोग लालच के जाल में फंस जाते थे.
राजस्व मंत्री की जनता से अपील: हिमाचल सरकार के राजस्व मंत्री जगत नेगी के अनुसार सेब बैल्ट के बागवानों पर भी ठगों की नजर रहती थी. नेगी ने कहा कि विधानसभा के मानसून सत्र में निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने इस फ्रॉड पर सचेत किया था. उसके बाद सरकार ने डीआईजी रैंक के अफसर की अगुवाई में एसआईटी बनाई थी. एसआईटी ने गहन जांच कर आरोपियों पर शिकंजा कसा है. मंत्री ने प्रदेश की जनता से आग्रह किया है कि वे ऐसे ठगों के झांसे में न आएं, क्योंकि सरकार और बैंक की ऐसी योजनाएं नहीं होती, जिसमें कम समय में धन कई गुणा हो जाए. आरोपियों पर शिकंजा कसने के बाद एसआईटी संपत्ति सीज कर रही है. आने वाले समय में ठगों की और संपत्ति भी जब्त की जाएगी.
हिमाचल में नशा उन्मूलन के लिए सरकार के प्रयास: हाल ही में एनआईटी हमीरपुर में नशे की ओवरडोज से छात्र की मौत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजस्व मंत्री जगत नेगी ने कहा कि ये गंभीर मामला है. उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल में भाजपा सरकार के कार्यकाल में पड़ोसी राज्यों पंजाब व हरियाणा से लगते जिलों में नशे के खिलाफ गंभीरता से कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सरकार नशे की प्रवृति पर अंकुश लगाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है. कांगड़ा जिले के नूरपुर में अलग से पुलिस विभाग को नशे के खिलाफ अभियान को मजबूत कर 150 से अधिक जवानों की अतिरिक्त तैनाती की गई है. इसके अलावा ड्रग्स को लेकर हिमाचल सरकार पुलिस में विशेष प्रकोष्ठ का गठन कर रही है. तेजतर्रार आईपीएस अफसर अरविंद दिग्विजय नेगी को इसका अलग से दायित्व दिया गया है.
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