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रसोई गैस के बढ़े दाम: सुक्खू सरकार के मंत्री बोले- होली और नवरात्रि से पहले केंद्र ने दिया महंगाई का तोहफा - रसोई गैस के बढ़े दाम

केंद्र सरकार द्वारा एलपीजी गैस के घरेलू और कमर्शियल दोनों कैटेगरी के सिलेंडर की कीमत बढ़ा दी गई है. जिसको लेकर हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने केंद्र सरकार को घेरा है.

रसोई गैस के बढ़े दाम.
रसोई गैस के बढ़े दाम.
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Published : Mar 2, 2023, 9:49 PM IST

शिमला: रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी पर कांग्रेस सरकार के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार ने केंद्र की मोदी सरकार पर जुबानी हमला बोला है. तीनों नेताओं ने कहा है कि रसोई गैस के दाम बढ़ाकर केंद्र की मोदी सरकार ने होली और नवरात्रि से पहले जनता को महंगाई का तोहफा दिया है.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार घरेलू सिलेंडर की कीमत में 50 रुपए और कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में 350 रुपए की बढ़ोतरी कर गरीब जनता पर बोझ डाला है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 410 रुपए थी, जिसके लिए अब होम डिलीवरी के बाद उपभोक्ताओं को 1200 रुपए से अधिक की राशि चुकानी पड़ रही है. इसके अलावा कमर्शियल सिलेंडर के लिए करीब 2300 रुपए देने होंगे.

मंत्रियों ने कहा कि 14.2 किलो के घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत मई 2020 में 744 रुपए थी जो कि बढ़कर जुलाई 2022 तक 1053 रुपए हो गई. इस अवधि में घरेलू सिलेंडर की कीमत में लगभग 41.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जनवरी माह में कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में 25 रुपए की बढ़ोतरी की गई.

मंहगाई से त्रस्त जनता पर केंद्र ने डाला और बोझ- राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार चौधरी केंद्र सरकार ने घरेलू और कमर्शियल दोनों कैटेगरी के एलपीजी सिलेंडरों के दाम में भारी बढ़ोतरी कर पहले से ही महंगाई की मार झेल रही जनता पर बोझ डाला है. उन्होंने कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेता हर बार ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी को घरेलू गैस की कीमतों में बढ़ोतरी का कारण बताते हैं.

हैरानी इस बात की है कि जब एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) की कीमत में 4 फीसदी की कटौती की गई और उसके हिसाब से जेट ईंधन की दरें भी 4606.50 प्रति दर किलो की दर से घटाई गई हैं, तो मोदी सरकार कुछ व्यापारिक घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए ही एलपीजी की दरों में वृद्धि कर रही है.
उन्होंने कहा जैसे ही तीन उत्तर पूर्वी राज्यों में मतदान सम्पन्न हुआ, घरेलू रसोई गैस की कीमतें भी बढ़ गईं. वर्ष 2014 के बाद से यह चार गुणा वृद्धि है.

उज्ज्वला योजना वाले गैस रिफिल नहीं कर पा रहे- मंत्रियों ने कहा कि महंगी गैस की वजह से उज्जवला योजना के लाभार्थी गैस सिलेंडर का रिफिल लेने से परहेज कर रहे हैं. इससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं, क्योंकि अब उन्हें दोबारा से धुएं भरे चूल्हों में ही खाना पकाना पड़ रहा है. उन्होंने भाजपा सरकार पर बड़े व्यापारिक घरानों का पक्ष लेने और उन्हें लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्य और बड़े-बड़े वायदे जमीनी हकीकत से बहुत दूर हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल बजट सत्र में आक्रामक रहेगा विपक्ष, BJP ने विधायक दल की बैठक में बनाई रणनीति

शिमला: रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी पर कांग्रेस सरकार के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार ने केंद्र की मोदी सरकार पर जुबानी हमला बोला है. तीनों नेताओं ने कहा है कि रसोई गैस के दाम बढ़ाकर केंद्र की मोदी सरकार ने होली और नवरात्रि से पहले जनता को महंगाई का तोहफा दिया है.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार घरेलू सिलेंडर की कीमत में 50 रुपए और कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में 350 रुपए की बढ़ोतरी कर गरीब जनता पर बोझ डाला है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 410 रुपए थी, जिसके लिए अब होम डिलीवरी के बाद उपभोक्ताओं को 1200 रुपए से अधिक की राशि चुकानी पड़ रही है. इसके अलावा कमर्शियल सिलेंडर के लिए करीब 2300 रुपए देने होंगे.

मंत्रियों ने कहा कि 14.2 किलो के घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत मई 2020 में 744 रुपए थी जो कि बढ़कर जुलाई 2022 तक 1053 रुपए हो गई. इस अवधि में घरेलू सिलेंडर की कीमत में लगभग 41.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जनवरी माह में कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में 25 रुपए की बढ़ोतरी की गई.

मंहगाई से त्रस्त जनता पर केंद्र ने डाला और बोझ- राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार चौधरी केंद्र सरकार ने घरेलू और कमर्शियल दोनों कैटेगरी के एलपीजी सिलेंडरों के दाम में भारी बढ़ोतरी कर पहले से ही महंगाई की मार झेल रही जनता पर बोझ डाला है. उन्होंने कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेता हर बार ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी को घरेलू गैस की कीमतों में बढ़ोतरी का कारण बताते हैं.

हैरानी इस बात की है कि जब एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) की कीमत में 4 फीसदी की कटौती की गई और उसके हिसाब से जेट ईंधन की दरें भी 4606.50 प्रति दर किलो की दर से घटाई गई हैं, तो मोदी सरकार कुछ व्यापारिक घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए ही एलपीजी की दरों में वृद्धि कर रही है.
उन्होंने कहा जैसे ही तीन उत्तर पूर्वी राज्यों में मतदान सम्पन्न हुआ, घरेलू रसोई गैस की कीमतें भी बढ़ गईं. वर्ष 2014 के बाद से यह चार गुणा वृद्धि है.

उज्ज्वला योजना वाले गैस रिफिल नहीं कर पा रहे- मंत्रियों ने कहा कि महंगी गैस की वजह से उज्जवला योजना के लाभार्थी गैस सिलेंडर का रिफिल लेने से परहेज कर रहे हैं. इससे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं, क्योंकि अब उन्हें दोबारा से धुएं भरे चूल्हों में ही खाना पकाना पड़ रहा है. उन्होंने भाजपा सरकार पर बड़े व्यापारिक घरानों का पक्ष लेने और उन्हें लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्य और बड़े-बड़े वायदे जमीनी हकीकत से बहुत दूर हैं.

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