शिमला: प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए कैबिनेट बैठक में हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति-2019 को स्वीकृति प्रदान की गई. इस नीति का उद्देश्य लंबित पड़ी औद्योगिक प्रगति का निवारण करना और प्रक्रियाओं का सरलीकरण, मानव संसाधन विकास और क्रेडिट एवं बाजारों तक पहुंच को सुनिश्चित करना है. इसके अतिरिक्त इस नीति में सभी प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण के माध्यम से 'व्यापार में सुगमता' को प्रोत्साहित किया जाएगा.
बैठक में मध्यम, लघु एवं सूक्षम उद्यमों को प्रोत्साहन देने, बड़े उद्योगों की तुलना में अधिक प्रोत्साहन सहित एंकर इकाइयों की नई अवधारणा को शुरू करना, विद्यालय, अस्पताल, अन्य सामान्य सुविधाओं जैसी सामान्य औद्योगिक और सामाजिक अधोसंरचना के लिए प्रोत्साहन, सात वर्षों के लिए 90 प्रतिशत तक कुल जीएसटी की प्रतिपूर्ति की सुविधा, उद्योगों को ब्याज अनुदान पर 20 लाख रुपये प्रतिवर्ष की अधिकतम सीमा सहित तीन से पांच वर्षों के लिए मिलने वाले मियादी ऋणों को स्वीकृति प्रदान की. इसके अतिरिक्त विभिन्न श्रेणियों की औद्योगिक इकाइयों के लिए फ्लोर एरिया अनुपात (एफएआर) बढ़ाने की भी अनुमति प्रदान की.
मंत्रिमण्डल ने नए निजी औद्योगिक क्षेत्रों/थीम पार्कों की स्थापना के लिए पूंजी अनुदान, विद्युत कर में छूट और विद्युत दरों में 15 प्रतिशत तक रियायत को स्वीकृति प्रदान की. हिमाचल के मूल निवासियों को रोजगार प्रदान करने को बढ़ावा देने के लिए इकाइयों और सेवा क्षेत्रों में 80 प्रतिशत से ज्यादा रोजगार हिमाचलवासियों को देने वाली इकाइयों को नकद प्रोत्साहन दिया जाएगा. पारम्परिक हस्तशिल्प एवं हथकरघा क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से मंत्रिमण्डल ने उद्योगों को प्रदान किए जाने वाले प्रोत्साहनों के अलावा अतिरिक्त व अधिक रियायतें प्रदान करने का निर्णय लिया.
बैठक में हि.प्र. के नियम 38-ए के प्रावधानों के सरलीकरण का निर्णय लिया गया. हिमाचल में निवेश परियोजनाओं की स्थापना के लिए टैनेनसी एवं भूमि सुधार नियमों, 1975 के अन्तर्गत निवेश परियोजना की स्थापना के लिए राज्य स्तरीय एकल खिड़की एवं अनुश्रवण प्राधिकरण द्वारा आवश्यकता प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए स्वीकृति प्रदान की ताकि राज्य में और अधिक निवेशकों को आकर्षित किया जा सके.
मंत्रिमण्डल की बैठक में सरकारी क्षेत्र में प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों में समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया गया. इस निर्णय से चार लाख रुपये से कम की सालाना पारिवारिक आय वाले और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए वर्तमान आरक्षण योजनाओं में न आने वाले उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा.
मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री द्वारा बजट घोषणा के अनुरूप 'मुख्यमंत्री रोशनी योजना' को लागू करने की अनुमति प्रदान की. योजना के तहत चालू वित्त वर्ष के दौरान गरीब परिवारों को 17550 मुफ्त बिजली कनेक्शन प्रदान किए जाएंगे.
बैठक में फल उत्पादकों को नींबू प्रजाति के फलों के लिए लाभकारी दाम प्रदान करने के लिए वर्ष 2019-20 के लिए बाजार मध्यस्थ्ता योजना (एम.आई.एस.) के तहत किन्नू, माल्टा, सन्तरा और गलगल जैसे फलों के खरीद मूल्य को वर्तमान समर्थन मूल्य से 50 पैसे प्रति किलोग्राम बढ़ाने की अनुमति प्रदान की. प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में 54 खरीद केंद्र खोले जाएंगे, जो 21 नवंबर, 2019 से 15 फरवरी, 2020 तक क्रियाशील रहेंगे.
मंत्रिमण्डल ने वृद्धजनों, विधवाओं, निराश्रितों, विकलांगों, कुष्ठरोगियों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 750 रुपये से बढ़ाकर 850 रुपये प्रति माह और 70 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों को मिलने वाली वृद्धावस्था पेंशन को 1300 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये प्रति माह करने का निर्णय लिया, जोकि एक जुलाई, 2019 से लागू होगा.
मंत्रिमण्डल में प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने तथा ग्रामीण युवाओं को पर्याप्त स्वरोजगार अवसर प्रदान करने के लिए होम-स्टे योजना के तहत अधिकतम तीन कमरों को पंजीकरण करने की सीमा को बढ़ाकर चार कमरे करने का निर्णय लिया गया.
बैठक में हिमाचल प्रदेश फिल्म नीति-2019 को स्वीकृत प्रदान की गई जिसका उद्देश्य फिल्मों के माध्यम से प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर एवं प्राकृतिक सौन्दर्य को बढ़ावा देना है. मंत्रिमंडल ने जिला मंडी के झुंगी और सलवाहन (हटगढ़) में पशु औषधालय को विभिन्न श्रेणियों के पदों के सृजन व भरने सहित पशु अस्पतालों में स्तरोन्नत करने की स्वीकृति प्रदान की.
बैठक में निर्णय लिया गया कि 'स्वास्थ्य में सहभागिता योजना' में प्रदान की जाने वाली सुविधाओं में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे ताकि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में गुणात्मक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की पहुंच एवं सामर्थ्य में सुधार और निजी क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल निवेश की प्रगति को बढ़ावा देना सुनिश्चित किया जाए. मंत्रिमंडल ने क्षेत्र के लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए जिला शिमला की उप-तहसील टिक्कर को तहसील का दर्जा प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की.
बैठक में भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों और सैनिकों की विधवाओं को सशस्त्र बलों में अधिकारी बनने के लिए एसएसबी कोचिंग के लिए एकमुश्त प्रोत्साहन राशि को 6000 रुपये से बढ़ाकर 12000 रुपये करने की स्वीकृति प्रदान की.
मंत्रिमंडल ने राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कफोटा में इलैक्ट्रीशियन तथा मकैनिक डीजल और जिला सिरमौर के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान शिलाई में पलम्बर और इलैक्ट्रीशियन के नए ट्रेड शुरू करने को मंजूरी प्रदान की. इन संस्थानों के लिए विभिन्न श्रेणियों के 24 पदों के सृजन और भरने की भी स्वीकृति प्रदान की.
बैठक में ग्राम पंचायत खजियार के लोगों की सुविधा के लिए जिला चंबा की पुलिस पोस्ट दराडा से हटाकर पुलिस स्टेशन चम्बा सदर के तहत अस्थाई पुलिस पोस्ट सुलतानपुर में शामिल करने को स्वीकृति प्रदान की.
नौकरियां/पद
मंत्रिमंडल ने जिला न्यायायिक प्रणाली की कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय रजिस्ट्री के प्रशासन में न्यायालय प्रबंधक के 13 पद सृजित करने को स्वीकृति प्रदान की. डॉ. वायएस परमार बागवानी एवं वाणिकी विश्वविद्यालय नौणी, सोलन में विभिन्न श्रेणियों के 15 पद अनुबंध आधार पर भरने का निर्णय लिया गया.
बैठक में चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के माध्यम से कृषि विज्ञान केन्द्रों के लिए दैनिक भोगी आधार पर चालक के 11 पद भरने का निर्णय लिया गया. मंत्रिमंडल ने बागवानी विभाग में दैनिक भोगी आधार पर चालक के 4 पदों को भरने की भी स्वीकृति प्रदान की. मंत्रिमंडल ने अनुबंध आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से पीजीटी (राजनीतिक विज्ञान) का एक पद व टी.जी.टी (कम्प्यूटर विज्ञान) का एक पद सृजित करने व भरने को भी स्वीकृति प्रदान की.