शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की आज कैबिनेट बैठक होगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में विधानसभा सत्र को लेकर चर्चा होगी. इसके अलावा इस बैठक में नई भर्ती एजेंसी के साथ ही विभिन्न विभागों में भर्तियों को हरी झंडी मिल सकती है.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट बैठक होने जा रही है. इस बैठक में विधानसभा सत्र को लेकर चर्चा होगी. विधानसभा सत्र 18 सितंबर से शुरू होने जा रहा है. विधानसभा में लाए जाने वाली संशोधन विधेयकों के साथ ही इस सत्र को लेकर व्यापक चर्चा इस बैठक में होगी. इस बैठक में सरकार नई भर्ती एजेंसी के गठन को लेकर भी फैसला कर सकती है.
बता दें कि प्रदेश में कर्मचारी चयन आयोग को भंग हुए छह माह से अधिक का समय हो चुका है. प्रदेश के विभिन्न विभागों में भर्तियां इस कारण नहीं हो पाई हैं. विपक्ष लगातार भर्तियों में देरी को लेकर सरकार को घेर रहा है और विधानसभा सत्र के दौरान भी विपक्ष सरकार को घेर सकता है. ऐसे में कैबिनेट नए भर्ती एजेंसी को लेकर कोई फैसला ले सकती है.
कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, वन सहित दूसरे विभागों में भर्तियों के मामले मंजूरी के लिए लाए जा सकते हैं. प्रदेश में सरकार को बने हुए नौ माह हो चुके हैं. अभी तक केवल शिक्षा विभाग में ही भर्तियों को मंजूरी दी गई है. वहीं अधिकतर महकमों में पदों को भरने की मंजूरी नहीं मिली है. जबकि इनमें भी स्टाफ की कमी है, ऐसे में सरकार इस बैठक में नई भर्तियों को लेकर मंजूरी दे सकती है.
कैबिनेट में खंड शिक्षा स्रोत समन्वयक (बीआरसीसी) की नियुक्ति के लिए नई पॉलिसी आ सकती है. इसके तहत 10 वर्ष का नियमित शिक्षण अनुभव रखने वाले शिक्षकों को इस पद पर नियुक्ति दी जा सकती है. नियुक्ति की यह अवधि 3 वर्ष के लिए किए जाने की संभावना है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिस पर कैबिनेट की मुहर लगाने की पूरी संभावना है.
प्रदेश में करीब 236 शिक्षा ब्लॉक है, जिसमें प्रत्येक शिक्षा ब्लॉक में 1 प्राइमरी और 1 अपर संवर्ग में बीआरसीसी नियुक्त किए जाते हैं. यानि प्रदेश में करीब 472 बीआरसीसी की सेवाएं ली जा सकती है. इससे पहले सरकार ने पहले बनी पॉलिसी को रद्द कर दिया था. कैबिनेट की इस बैठक में सरकार आपदा से प्रभावित परिवारों को लेकर कुछ फैसले ले सकती है. हालांकि सरकार ने पहले ही मुआवजा राशि में बढ़ोतरी की है और राहत शिविरों में रहने वालों को कमरे किराये पर लेने के लिए रेंट देने का फैसला भी लिया है.
इसके अलावा भी सरकार प्रभावितों को राहत देने के लिए कुछ और कदम उठा सकती है. यही नहीं सरकार इस बैठक में भविष्य में बरसात के दौरान होने वाले नुकसान को कम करने के लिए किसी योजना पर विचार विमर्श कर सकती है. इसके अलावा विभिन्न विभागों से आए प्रस्तावों एवं मुख्यमंत्री की तरफ से बजट में की गई घोषणाओं पर भी मुहर लग सकती है.