ETV Bharat / state

किलो के हिसाब से सेब बेचने पर सरकार और आढ़तियों में टकराव, आज से करेंगे हड़ताल

हिमाचल प्रदेश में किलो के हिसाब से सेब बेचने के सरकारी फैसले को आढ़तियों ने नकार दिया है. आढ़तियों ने ऐलान किया है कि वे सेब की खरीदारी नहीं करेंगे. पढ़ें पूरी खबर... (shimla apple season 2023) (himachal apple season).

himachal news in hindi today
किलो के हिसाब से सेब बेचने पर सरकार और आढ़तियों में टकराव
author img

By

Published : Jul 19, 2023, 9:27 PM IST

Updated : Jul 20, 2023, 6:51 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इस सीजन में सेब वजन के हिसाब से बेचने की व्यवस्था लागू करने का फैसला लिया है, लेकिन इस फैसले को मानने से आढ़तियों ने साफ इंकार कर दिया है. आढ़तियों ने साफ कहा है है कि वे किलो के हिसाब से सेब नहीं बेचेंगे. दरअसल यह विवाद आज तब शुरु हुआ जब एसडीएम ठियोग, तहसीलदार ठियोग और कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) शिमला के अधिकारी निरीक्षण के लिए पराला मंडी पहुंचे. वहां पाया गया कि मंडी में किलो के हिसाब से आढ़ती सेब नहीं बेच रहे.

बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने 45 आढ़तियों के चालान किए. इस पर आढ़ती बुरी तरह से भड़क गए और दोपहर बाद तक पराला मंडी में सेब नहीं बेचा. हालांकि शाम के वक्त मंडी में पहुंचे सेब को जरूर बेचा गया. वहीं ढली के भट्टाकुफर मंडी में आज कामकाज प्रभावित हुआ. बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के दौरे के कारण भी यहां कामकाज नहीं हो पाया, हालांकि शाम के समय आढ़तियों ने यहां पर आए सेब को बेच दिया, लेकिन इसके बाद अब पूरे प्रदेश में आढ़तियों ने ऐलान किया है कि वे आज सेब नहीं बेचेंगे. मंडियां खुली रहेंगी, लेकिन वहां पर सेब नहीं बेचा जाएगा.

सब्जियों के काम को बंद करने के लिए सरकार को देंगे नोटिस: हालांकि आढ़तियों ने तय किया है कि अभी सब्जियां खरीदी जाएंगी. पूरी तरह से हड़ताल पर जाने से पहले वे संबंधित प्रशासन को नोटिस देंगे, लेकिन यह साफ कर दिया है कि वे सेब की खरीदारी नहीं करेंगे. इसके साथ ही आज से कालका से लेकर रोहड़ू तक सेब बहुल क्षेत्रों की सभी मंडियों में सेब नहीं खरीदने और हड़ताल पर जाने का ऐलान भी आढ़तियों ने कर दिया है. प्रदेश सरकार ने बागवानों की मांग पर ही पहली बार सेब को किलो के हिसाब से बेचने का निर्णय लिया है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि एपीएमसी एक्ट में भी किलो के हिसाब से बचने का प्रावधान है. हालांकि कई सालों तक इसको कड़ाई से लागू नहीं किया गया. अब प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार नेइसको लागू कर सेब वजन के हिसाब से बेचने का प्रावधान किया है, लेकिन आढ़ती इसके लिए इंकार कर रहे हैं.

उनका कहना है कि मंडियो में इतनी जगह नहीं है कि यहां सेब की पेटियों का वजन किया जा सके. अचानक आढतियों के इस फैसले से बागवानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इस तरह से हड़ताल पर जाने से बागवानों को दिक्कतें उठानी पड़ेगीं, खासकर जिन बागवानों ने बागीचों में सेब का तुड़ान कर दिया है. अगर कुछ दिन ऐसी ही स्थिति रही उससे बागवानों का सेब खराब होगा और उनको नुकसान उठाना पड़ेगा.

'किलो के हिसाब से सेब बेचना संभव नहीं': हिमाचल प्रदेश आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश ठाकुर ने कहा है कि किलो के हिसाब से सेब बेचना संभव नहीं है क्योंकि मंडियों में इसके लिए पर्याप्त जगह नहीं है, बिना जगह के आढ़ती किलो के हिसाब से सेब नहीं बेच पाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार उन पर यह निर्णय जबरन लागू कर रही है. कुछ दिन पहले इसी को लेकर ढली मंडी में आढ़तियों के चलान किए गए और आज पराला मंडी में भी कई आढतियों के चालान काटे गए. इसे देखते हुए अब आढतियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि सरकार अगले साल से यूनिवर्सल कार्टन लागू करे ताकि सेब का वजन करने की जरूरत न रहे.

ये भी पढ़ें- हिमाचल हाई कोर्ट ने ठुकराई नौकरी के लिए इंटरव्यू की वीडियोग्राफी वाली मांग, याचिका हुई खारिज

शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने इस सीजन में सेब वजन के हिसाब से बेचने की व्यवस्था लागू करने का फैसला लिया है, लेकिन इस फैसले को मानने से आढ़तियों ने साफ इंकार कर दिया है. आढ़तियों ने साफ कहा है है कि वे किलो के हिसाब से सेब नहीं बेचेंगे. दरअसल यह विवाद आज तब शुरु हुआ जब एसडीएम ठियोग, तहसीलदार ठियोग और कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) शिमला के अधिकारी निरीक्षण के लिए पराला मंडी पहुंचे. वहां पाया गया कि मंडी में किलो के हिसाब से आढ़ती सेब नहीं बेच रहे.

बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने 45 आढ़तियों के चालान किए. इस पर आढ़ती बुरी तरह से भड़क गए और दोपहर बाद तक पराला मंडी में सेब नहीं बेचा. हालांकि शाम के वक्त मंडी में पहुंचे सेब को जरूर बेचा गया. वहीं ढली के भट्टाकुफर मंडी में आज कामकाज प्रभावित हुआ. बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के दौरे के कारण भी यहां कामकाज नहीं हो पाया, हालांकि शाम के समय आढ़तियों ने यहां पर आए सेब को बेच दिया, लेकिन इसके बाद अब पूरे प्रदेश में आढ़तियों ने ऐलान किया है कि वे आज सेब नहीं बेचेंगे. मंडियां खुली रहेंगी, लेकिन वहां पर सेब नहीं बेचा जाएगा.

सब्जियों के काम को बंद करने के लिए सरकार को देंगे नोटिस: हालांकि आढ़तियों ने तय किया है कि अभी सब्जियां खरीदी जाएंगी. पूरी तरह से हड़ताल पर जाने से पहले वे संबंधित प्रशासन को नोटिस देंगे, लेकिन यह साफ कर दिया है कि वे सेब की खरीदारी नहीं करेंगे. इसके साथ ही आज से कालका से लेकर रोहड़ू तक सेब बहुल क्षेत्रों की सभी मंडियों में सेब नहीं खरीदने और हड़ताल पर जाने का ऐलान भी आढ़तियों ने कर दिया है. प्रदेश सरकार ने बागवानों की मांग पर ही पहली बार सेब को किलो के हिसाब से बेचने का निर्णय लिया है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि एपीएमसी एक्ट में भी किलो के हिसाब से बचने का प्रावधान है. हालांकि कई सालों तक इसको कड़ाई से लागू नहीं किया गया. अब प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार नेइसको लागू कर सेब वजन के हिसाब से बेचने का प्रावधान किया है, लेकिन आढ़ती इसके लिए इंकार कर रहे हैं.

उनका कहना है कि मंडियो में इतनी जगह नहीं है कि यहां सेब की पेटियों का वजन किया जा सके. अचानक आढतियों के इस फैसले से बागवानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इस तरह से हड़ताल पर जाने से बागवानों को दिक्कतें उठानी पड़ेगीं, खासकर जिन बागवानों ने बागीचों में सेब का तुड़ान कर दिया है. अगर कुछ दिन ऐसी ही स्थिति रही उससे बागवानों का सेब खराब होगा और उनको नुकसान उठाना पड़ेगा.

'किलो के हिसाब से सेब बेचना संभव नहीं': हिमाचल प्रदेश आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश ठाकुर ने कहा है कि किलो के हिसाब से सेब बेचना संभव नहीं है क्योंकि मंडियों में इसके लिए पर्याप्त जगह नहीं है, बिना जगह के आढ़ती किलो के हिसाब से सेब नहीं बेच पाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार उन पर यह निर्णय जबरन लागू कर रही है. कुछ दिन पहले इसी को लेकर ढली मंडी में आढ़तियों के चलान किए गए और आज पराला मंडी में भी कई आढतियों के चालान काटे गए. इसे देखते हुए अब आढतियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि सरकार अगले साल से यूनिवर्सल कार्टन लागू करे ताकि सेब का वजन करने की जरूरत न रहे.

ये भी पढ़ें- हिमाचल हाई कोर्ट ने ठुकराई नौकरी के लिए इंटरव्यू की वीडियोग्राफी वाली मांग, याचिका हुई खारिज

Last Updated : Jul 20, 2023, 6:51 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.