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बुजुर्ग महिला से दुर्व्यवहार मामले में हाईकोर्ट ने छह हफ्ते में तलब की ताजा स्टेट्स रिपोर्ट - हिमाचल के मुख्य न्यायाधीश

देवआस्था के नाम पर बुजुर्ग महिला से दुर्व्यवहार मामले में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल.नारायण स्वामी व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार को छह सप्ताह में ताजा स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए हैं.

himachal high court on Cruelty with old woman in sarkaghat
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Published : Nov 18, 2019, 9:51 PM IST

Updated : Nov 19, 2019, 4:27 PM IST

शिमला: मंडी जिला के सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के तहत देवआस्था के नाम पर बुजुर्ग महिला से दुर्व्यवहार मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से छह हफ्ते में ताजा स्टेट्स रिपोर्ट तलब की है. गाहर पंचायत की 81 साल की बुजुर्ग महिला को डायन बताकर उसके मुंह पर कालिख पोतकर गांव में घुमाया गया था.

मीडिया में मामला आने के बाद हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया था. इस मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल.नारायण स्वामी व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार को छह सप्ताह में ताजा स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए हैं. अब इस मामले में आगामी सुनवाई जनवरी के पहले सप्ताह में तय की गई है. मीडिया में आई खबरों के अनुसार मंडी जिले के सरकाघाट की गाहर पंचायत में एक वृद्ध महिला को डायन बताकर मुंह पर कालिख पोतकर गांव में घुमाया गया.

पुलिस ने इस मामले में अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों पर अभी तक धारा 147, 149, 452, 435, 355 और 427 लगाई गई हैं. पुलिस की इस कार्रवाई पर देव कारिंदे और अनुयायी भडक़ गए थे. उन्होंने एलान कर दिया था कि वे भारी जनसमूह के साथ देवता के रथ को सरकाघाट थाने ले जाएंगे और पुलिस से अपने गूरों और अन्य आरोपियों को छुड़ा लेंगे. हंगामे की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने भी धारा 144 लगाने की तैयारी कर ली थी.

जब लोगों को इस बात का पता चला तो उन्होंने सरकाघाट आने का विचार बदल दिया और कहा कि देवता ने वहां जाने से इंकार कर दिया था. वहीं, प्रदेश के अन्य हिस्सों के देव समाज के कारिंदों ने बुजुर्ग महिला के साथ दुव्र्यवहार की निंदा की है. पुलिस प्रशासन ने वृद्धा को सुरक्षा प्रदान की है.

कैदियों की स्थिति पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

जेलों में कैदियों की अमानवीय स्थिति पर भी कड़ा संज्ञान लिए हुए हाईकोर्ट ने गृह सचिव व डीजी जेल को 20 नवम्बर को तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने इन अधिकारियों को यह स्पष्ट करने के आदेश दिए कि इन्होंने 19 मार्च को अनुपालना सम्बन्धी आदेशों की स्टेटस रिपोर्ट दायर क्यों नहीं की.

प्रदेश उच्च न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक जेल को प्रत्येक जिला के सत्र न्यायाधीशों व जिला आयुक्तों के साथ मिलकर सम्बंधित जेलों का निरीक्षण करने व सजा काट रहे कैदियों की रहन-सहन सम्बन्धी स्थिति हाईकोर्ट के समक्ष रिपोर्ट के माध्यम से दाखिल करने के आदेश दिए थे. यह निरीक्षण 6 सप्ताह के भीतर करने को कहा गया था.

कोर्ट ने जेल वाइज विस्तृत रिपोर्ट, जेलों की आंतरिक स्थिति को दुरुस्त करने बाबत उठाये जाने वाले सुझावों सहित दाखिल करने के आदेश जारी किए थे. न्यायालय पुलिस महानिदेशक जेल को प्रदेश की सभी जेलों का दौरा करने व विस्तृत रिपोर्ट जेल वाइज दाखिल करने के आदेश जारी किए थे.

इसके अलावा हाई कोर्ट ने जेल में सजा काट रहे कैदियों के उपचार व उन्हें अच्छा भोजन मुहैया करवाने बावत उठाए गए कदमों की जानकारी देने वाली एक्शन टेकन रिपोर्ट भी न्यायालय के समक्ष दाखिल करने को कहा था. न्यायालय ने यह आदेश जनहित में दायर याचिका की सुनवाई के बाद पारित किए. मामले पर सुनवाई 20 नवम्बर को होगी.

शिमला: मंडी जिला के सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र के तहत देवआस्था के नाम पर बुजुर्ग महिला से दुर्व्यवहार मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से छह हफ्ते में ताजा स्टेट्स रिपोर्ट तलब की है. गाहर पंचायत की 81 साल की बुजुर्ग महिला को डायन बताकर उसके मुंह पर कालिख पोतकर गांव में घुमाया गया था.

मीडिया में मामला आने के बाद हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया था. इस मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल.नारायण स्वामी व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार को छह सप्ताह में ताजा स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए हैं. अब इस मामले में आगामी सुनवाई जनवरी के पहले सप्ताह में तय की गई है. मीडिया में आई खबरों के अनुसार मंडी जिले के सरकाघाट की गाहर पंचायत में एक वृद्ध महिला को डायन बताकर मुंह पर कालिख पोतकर गांव में घुमाया गया.

पुलिस ने इस मामले में अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों पर अभी तक धारा 147, 149, 452, 435, 355 और 427 लगाई गई हैं. पुलिस की इस कार्रवाई पर देव कारिंदे और अनुयायी भडक़ गए थे. उन्होंने एलान कर दिया था कि वे भारी जनसमूह के साथ देवता के रथ को सरकाघाट थाने ले जाएंगे और पुलिस से अपने गूरों और अन्य आरोपियों को छुड़ा लेंगे. हंगामे की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने भी धारा 144 लगाने की तैयारी कर ली थी.

जब लोगों को इस बात का पता चला तो उन्होंने सरकाघाट आने का विचार बदल दिया और कहा कि देवता ने वहां जाने से इंकार कर दिया था. वहीं, प्रदेश के अन्य हिस्सों के देव समाज के कारिंदों ने बुजुर्ग महिला के साथ दुव्र्यवहार की निंदा की है. पुलिस प्रशासन ने वृद्धा को सुरक्षा प्रदान की है.

कैदियों की स्थिति पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

जेलों में कैदियों की अमानवीय स्थिति पर भी कड़ा संज्ञान लिए हुए हाईकोर्ट ने गृह सचिव व डीजी जेल को 20 नवम्बर को तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने इन अधिकारियों को यह स्पष्ट करने के आदेश दिए कि इन्होंने 19 मार्च को अनुपालना सम्बन्धी आदेशों की स्टेटस रिपोर्ट दायर क्यों नहीं की.

प्रदेश उच्च न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक जेल को प्रत्येक जिला के सत्र न्यायाधीशों व जिला आयुक्तों के साथ मिलकर सम्बंधित जेलों का निरीक्षण करने व सजा काट रहे कैदियों की रहन-सहन सम्बन्धी स्थिति हाईकोर्ट के समक्ष रिपोर्ट के माध्यम से दाखिल करने के आदेश दिए थे. यह निरीक्षण 6 सप्ताह के भीतर करने को कहा गया था.

कोर्ट ने जेल वाइज विस्तृत रिपोर्ट, जेलों की आंतरिक स्थिति को दुरुस्त करने बाबत उठाये जाने वाले सुझावों सहित दाखिल करने के आदेश जारी किए थे. न्यायालय पुलिस महानिदेशक जेल को प्रदेश की सभी जेलों का दौरा करने व विस्तृत रिपोर्ट जेल वाइज दाखिल करने के आदेश जारी किए थे.

इसके अलावा हाई कोर्ट ने जेल में सजा काट रहे कैदियों के उपचार व उन्हें अच्छा भोजन मुहैया करवाने बावत उठाए गए कदमों की जानकारी देने वाली एक्शन टेकन रिपोर्ट भी न्यायालय के समक्ष दाखिल करने को कहा था. न्यायालय ने यह आदेश जनहित में दायर याचिका की सुनवाई के बाद पारित किए. मामले पर सुनवाई 20 नवम्बर को होगी.

Last Updated : Nov 19, 2019, 4:27 PM IST
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