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Himachal Flood: बरसात से जल शक्ति विभाग को 1439 करोड़ का नुकसान, 7209 परियोजनाओं को पहुंची क्षति, गहराया पेयजल संकट - हिमाचल में बारिश

हिमाचल प्रदेश में मानसून की त्रासदी ने इस बात जमकर तांडव मचाया है. प्रदेश में हर ओर तबाही के निशान मौजूद हैं. जल शक्ति विभाग को भी इस बार मानसून से भारी नुकसान झेलना पड़ा. विभाग को बरसात की भारी बारिश से हुई क्षति से करोड़ों रुपयों की चपत लगी है. (Himachal Flood) (IPH Department Loss in Himachal Monsoon)

IPH Department Loss in Himachal Monsoon.
हिमाचल में कुल 7209 परियोजनाएं प्रभावित.
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Published : Jul 19, 2023, 1:52 PM IST

Updated : Jul 19, 2023, 2:45 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस बार बरसात में जल शक्ति विभाग को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. विभाग को करोड़ों रुपये के नुकसान की चपत लगी है. भारी बारिश से जल परियोजनाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. पेयजल परियोजनाओं के क्षतिग्रस्त होने से प्रदेश में पीने के पानी का संकट गहरा गया है. लोगों की पेयजल समस्या से रूबरू होना पड़ रहा है. हालांकि जल शक्ति विभाग पीने के पानी की परियोजनाओं की बहाली में लगातार जुटा हुआ है.

IPH विभाग को बरसात में भारी नुकसान: जल शक्ति विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अभी तक 5326 पेयजल परियोजनाओं को बहाल कर दिया है. जल शक्ति विभाग की पेयजल सहित सिंचाई, सिवरेज और बाढ़ नियंत्रण की कुल 7209 योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनसे 1439.48 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

IPH Department Loss in Himachal Monsoon.
हिमाचल में अब तक 5326 जलापूर्ति योजनाएं बहाल.

मानसून का तांडव: हिमाचल प्रदेश में बरसात ने इस बार जमकर तांडव मचाया है. हालांकि पहाड़ी राज्य होने के चलते प्रदेश में हर बार बरसात के मौसम में बरसात, बाढ़ और बादल फटने से नुकसान होता है, लेकिन इन मानसून की त्रासदी के कारण प्रदेश में हजारों करोड़ों का नुकसान आंका जा रहा है. वहीं, इस बार जल शक्ति विभाग को भी मानसून से भारी नुकसान पहुंचा है.

IPH विभाग के अंडर कितनी परियोजनाएं? हिमाचल प्रदेश में जल शक्ति विभाग द्वारा कुल 10067 जलापूर्ति परियोजनाओं का संचालन और रखरखाव किया जाता है. इसमें 3210 लिफ्ट, 335 ट्यूबवेल और 6522 ग्रेविटी की परियोजनाएं हैं. इसके अलावा विभाग सिंचाई, सिवरेज और बाढ़ नियंत्रण की योजनाओं का संचालन और रखरखाव भी करता है. इनमें से अधिकतर परियोजनाएं बारिश से प्रभावित हुई हैं.

IPH Department Loss in Himachal Monsoon.
हिमाचल में IPH विभाग को मानसून से भारी नुकसान.

IPH विभाग को लगी करोड़ों की चपत: जल शक्ति विभाग के प्रमुख अभियंता संजीव कौल ने बताया कि इस बार हाल ही में हुई भारी बारिश के दौरान प्रदेश में 5660 जल परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. जिनकी अनुमानित नुकसान लागत लगभग 754.04 करोड़ रुपये है. उन्होंने बताया कि कुल क्षतिग्रस्त परियोजनाओं में से अब तक विभाग ने 5326 जल परियोजनाओं को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया है. इसके अलावा विभाग द्वारा संचालित की जा रही सिंचाई, सिवरेज और बाढ़ नियंत्रण की 1549 योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनमें 685.45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

Himachal Flood.
हिमाचल में पीडब्लयूडी और जलशक्ति विभाग को भारी बारिश से नुकसान.

पिछले सालों के मुकाबले IPH को इस बार ज्यादा नुकसान: हिमाचल प्रदेश में बरसात के दिनों में हर बार पीडब्ल्यूडी को सबसे ज्यादा नुकसान होता है, लेकिन इस बार जल शक्ति विभाग को भी बारिश से भारी नुकसान पहुंचा है. जानकारी के अनुसार इस बार भी पीडब्ल्यूडी को प्रदेश में मानसून की तबाही से अभी तक 1460.72 करोड़ का नुकसान हुआ है. वहीं, जल शक्ति विभाग को 1439.48 करोड़ का नुकसान पहुंचा है. साल 2022 में हिमाचल प्रदेश में मानसून से करीब 2500 करोड़ का नुकसान हुआ है, जिसमें पीडब्ल्यूडी को 1014 करोड़ रुपये और जल शक्ति विभाग को 967 करोड़ का नुकसान हुआ. वहीं, साल 2021 में बरसात से हिमाचल को करीब 1118 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, जिसमें से पीडब्ल्यूडी को 560 करोड़ और जल शक्ति विभाग को 272 करोड़ का नुकसान हुआ था.

'पेयजल परियोजनाओं को किया जा रहा दुरूस्त': संजीव कौल ने बताया कि प्रदेश में कुल 7209 योजनाएं इस आपदा के दौरान प्रभावित हुई हैं और विभाग को लगभग 1439.48 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. हालांकि अभी जल शक्ति विभाग प्राथमिकता के आधार पर तेजी के साथ पेयजल परियोजनाओं और सीवरेज परियोजनाओं को सही कर बहाल कर रहा है, ताकि लोगों को पीने के पानी की समस्या से जूझना न पड़े.

IPH Department Loss in Himachal Monsoon.
हिमाचल में गहराया जल संकट.

'पेयजल शुद्धता पर दिया जा रहा ध्यान': IPH विभाग के प्रमुख अभियंता संजीव कौल ने बताया कि विभाग पेयजल गुणवत्ता को सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दे रहा है. इसके तहत 14 से 17 जुलाई तक पंचायत, स्कूल, आंगनबाड़ी, घरों, जल स्रोत और भंडारण टैंकों के पानी के फील्ड टैस्ट किट के माध्यम से 603 टैस्ट किए जा चुके हैं. इसके अलावा प्रयोगशालाओं में भी 875 टेस्ट किए जा चुके हैं. अधिकारियों को पेयजल की शुद्धता और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जल जनित रोगों के प्रकोप से आम जनता को बचाया जा सके.

'जल्द शुरू होगी पेयजल आपूर्ति': संजीव कौल ने बताया कि डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के निर्देशानुसार विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्य में तेजी लाने के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं. सभी कर्मचारी और अधिकारी युद्ध स्तर पर पेयजल परियोजनाओं को बहाल करने में जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही पेयजल आपूर्ति का संचालन सुचारू रूप से शुरू कर दिया जाएगा.

ये भी पढे़ं: Rain in Himachal: मानसून की बारिश ने ली 125 लोगों की जान, 4691 करोड़ का नुकसान, 4900 मकान तबाह

शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस बार बरसात में जल शक्ति विभाग को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. विभाग को करोड़ों रुपये के नुकसान की चपत लगी है. भारी बारिश से जल परियोजनाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. पेयजल परियोजनाओं के क्षतिग्रस्त होने से प्रदेश में पीने के पानी का संकट गहरा गया है. लोगों की पेयजल समस्या से रूबरू होना पड़ रहा है. हालांकि जल शक्ति विभाग पीने के पानी की परियोजनाओं की बहाली में लगातार जुटा हुआ है.

IPH विभाग को बरसात में भारी नुकसान: जल शक्ति विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अभी तक 5326 पेयजल परियोजनाओं को बहाल कर दिया है. जल शक्ति विभाग की पेयजल सहित सिंचाई, सिवरेज और बाढ़ नियंत्रण की कुल 7209 योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनसे 1439.48 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

IPH Department Loss in Himachal Monsoon.
हिमाचल में अब तक 5326 जलापूर्ति योजनाएं बहाल.

मानसून का तांडव: हिमाचल प्रदेश में बरसात ने इस बार जमकर तांडव मचाया है. हालांकि पहाड़ी राज्य होने के चलते प्रदेश में हर बार बरसात के मौसम में बरसात, बाढ़ और बादल फटने से नुकसान होता है, लेकिन इन मानसून की त्रासदी के कारण प्रदेश में हजारों करोड़ों का नुकसान आंका जा रहा है. वहीं, इस बार जल शक्ति विभाग को भी मानसून से भारी नुकसान पहुंचा है.

IPH विभाग के अंडर कितनी परियोजनाएं? हिमाचल प्रदेश में जल शक्ति विभाग द्वारा कुल 10067 जलापूर्ति परियोजनाओं का संचालन और रखरखाव किया जाता है. इसमें 3210 लिफ्ट, 335 ट्यूबवेल और 6522 ग्रेविटी की परियोजनाएं हैं. इसके अलावा विभाग सिंचाई, सिवरेज और बाढ़ नियंत्रण की योजनाओं का संचालन और रखरखाव भी करता है. इनमें से अधिकतर परियोजनाएं बारिश से प्रभावित हुई हैं.

IPH Department Loss in Himachal Monsoon.
हिमाचल में IPH विभाग को मानसून से भारी नुकसान.

IPH विभाग को लगी करोड़ों की चपत: जल शक्ति विभाग के प्रमुख अभियंता संजीव कौल ने बताया कि इस बार हाल ही में हुई भारी बारिश के दौरान प्रदेश में 5660 जल परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. जिनकी अनुमानित नुकसान लागत लगभग 754.04 करोड़ रुपये है. उन्होंने बताया कि कुल क्षतिग्रस्त परियोजनाओं में से अब तक विभाग ने 5326 जल परियोजनाओं को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया है. इसके अलावा विभाग द्वारा संचालित की जा रही सिंचाई, सिवरेज और बाढ़ नियंत्रण की 1549 योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनमें 685.45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

Himachal Flood.
हिमाचल में पीडब्लयूडी और जलशक्ति विभाग को भारी बारिश से नुकसान.

पिछले सालों के मुकाबले IPH को इस बार ज्यादा नुकसान: हिमाचल प्रदेश में बरसात के दिनों में हर बार पीडब्ल्यूडी को सबसे ज्यादा नुकसान होता है, लेकिन इस बार जल शक्ति विभाग को भी बारिश से भारी नुकसान पहुंचा है. जानकारी के अनुसार इस बार भी पीडब्ल्यूडी को प्रदेश में मानसून की तबाही से अभी तक 1460.72 करोड़ का नुकसान हुआ है. वहीं, जल शक्ति विभाग को 1439.48 करोड़ का नुकसान पहुंचा है. साल 2022 में हिमाचल प्रदेश में मानसून से करीब 2500 करोड़ का नुकसान हुआ है, जिसमें पीडब्ल्यूडी को 1014 करोड़ रुपये और जल शक्ति विभाग को 967 करोड़ का नुकसान हुआ. वहीं, साल 2021 में बरसात से हिमाचल को करीब 1118 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, जिसमें से पीडब्ल्यूडी को 560 करोड़ और जल शक्ति विभाग को 272 करोड़ का नुकसान हुआ था.

'पेयजल परियोजनाओं को किया जा रहा दुरूस्त': संजीव कौल ने बताया कि प्रदेश में कुल 7209 योजनाएं इस आपदा के दौरान प्रभावित हुई हैं और विभाग को लगभग 1439.48 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. हालांकि अभी जल शक्ति विभाग प्राथमिकता के आधार पर तेजी के साथ पेयजल परियोजनाओं और सीवरेज परियोजनाओं को सही कर बहाल कर रहा है, ताकि लोगों को पीने के पानी की समस्या से जूझना न पड़े.

IPH Department Loss in Himachal Monsoon.
हिमाचल में गहराया जल संकट.

'पेयजल शुद्धता पर दिया जा रहा ध्यान': IPH विभाग के प्रमुख अभियंता संजीव कौल ने बताया कि विभाग पेयजल गुणवत्ता को सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दे रहा है. इसके तहत 14 से 17 जुलाई तक पंचायत, स्कूल, आंगनबाड़ी, घरों, जल स्रोत और भंडारण टैंकों के पानी के फील्ड टैस्ट किट के माध्यम से 603 टैस्ट किए जा चुके हैं. इसके अलावा प्रयोगशालाओं में भी 875 टेस्ट किए जा चुके हैं. अधिकारियों को पेयजल की शुद्धता और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जल जनित रोगों के प्रकोप से आम जनता को बचाया जा सके.

'जल्द शुरू होगी पेयजल आपूर्ति': संजीव कौल ने बताया कि डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के निर्देशानुसार विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्य में तेजी लाने के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं. सभी कर्मचारी और अधिकारी युद्ध स्तर पर पेयजल परियोजनाओं को बहाल करने में जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही पेयजल आपूर्ति का संचालन सुचारू रूप से शुरू कर दिया जाएगा.

ये भी पढे़ं: Rain in Himachal: मानसून की बारिश ने ली 125 लोगों की जान, 4691 करोड़ का नुकसान, 4900 मकान तबाह

Last Updated : Jul 19, 2023, 2:45 PM IST
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