शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस मानसून सीजन ने भारी तबाही मचाई. जगह-जगह भूस्खलन हुए तो कई जगह बाढ़ जैसा हालात बन गए. बारिश में कई जगह लोगों को जानें भी गवानी पड़ी और मौत का यह आंकड़ा अबकी बार 418 तक पहुंच गया. वहीं, 412 लोग जख्मी भी हुए. हालांकि बारिश थमने के बाद तबाही भी थमने लगी हैं, लेकिन पूरे सीजन में ₹8677 करोड़ का नुकसान हुआ. मौसम साफ होने के बाद अब सरकारी मशीनरी भी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है.
मानसून सीजन में 418 मौत: प्रदेश में मानसून सीजन में हुई भारी बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से अब तक 418 लोगों की मौत हुई है. जबकि 412 लोग भी जख्मी हुए हैं. इसके अलावा 39 लोग अभी तक लापता हैं. प्रदेश मानव जीवन को नुकसान होने के साथ ही पशुधन को भी अबकी बार भारी नुकसान हुआ है. प्रदेश में 6427 मवेशियों की मौत इस बार हुई है.
13475 आशियाने क्षतिग्रस्त: मानसून सीजन में अबकी बार हजारों रिहायशी व अन्य मकान भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आए. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13,475 परिवारों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. जिनमें 2,560 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए. जबकि 10,915 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. इसके अलावा प्रदेश में 318 दुकानें और 5,691 गौशालाएं भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आईं.
अब तक ₹8677 करोड़ का नुकसान: प्रदेश में भारी बारिश से सड़कों, पानी परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. अब तक करीब ₹8677 करोड़ का नुकसान इससे प्रदेश में आंका गया है. जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2941 करोड़ की क्षति आंकी गई हैं. सैकड़ों सड़कों के साथ-साथ 97 पुल भी अबकी बार क्षतिग्रस्त हो गए. वहीं 19 पुल पूरी तरह से ढह गए. क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों की बहाली में लोक निर्माण विभाग जुटा है, लेकिन कई जगह सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं. इससे उनकी बहाली में काफी समय लग रहा है. करीब 80 सड़कें अभी भी बंद हैं.
जल शक्ति विभाग को 2118 करोड़ का नुकसान: भारी बारिश से हुए भूस्खलन की चपेट में पानी सहित अन्य परियोजनाएं भी आई हैं. मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19537 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11056 पेयजल परियोजनाएं हैं, जिनमें से करीब 11030 परियोजनाएं बहाल कर गई हैं. हालांकि अभी भी करीब दो दर्जन परियोजनाएं बंद हैं. इस बार सिंचाई की 2688 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. इस मानसून सीजन में जल शक्ति विभाग को करीब 2118 करोड़ का नुकसान आंका गया है.
अन्य विभागों को भी बारिश में नुकसान: जल शक्ति और लोक निर्माण विभाग के अलावा प्रदेश में बिजली को भी भारी क्षति पहुंची है. बिजली बोर्ड को करीब 1740 करोड़, कृषि को करीब 357 करोड़ और बागवानी को करीब 173 करोड़ का नुकसान इस सीजन हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को 125 करोड़ की क्षति पहुंचाई है.
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