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हिमाचल में बढ़ रहे हार्ट अटैक के मरीज, क्यों नाचते-नाचते हो रही है मौत ? - difference between heart attack and cardiac arrest

हिमाचल प्रदेश में हार्ट अटैक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. कहीं डीजे की धुन पर तो कहीं किसी कार्यक्रम में नाचते-नाचते दिल जवाब दे रहा है. बीते कुछ समय में देशभर में ऐसे मामले बढ़े हैं. सोशल मीडिया पर नाचते-नाचते मौत होने के कई वीडियो वायरल हुए हैं. लेकिन ऐसा क्यों हो रहा है. हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड बता रहे हैं इसकी वजह ? साथ ही हार्ट अटैक के लक्षण और दिल को सेहतमंद रखने के नुस्खे भी बताए हैं.

heart attack cases in himachal
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Published : May 25, 2023, 7:12 PM IST

आईजीएमसी में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में बढ़ी दिल के मरीजों की भीड़

शिमला : मंडी जिले का नारायण पिछले हफ्ते अपने दोस्त की शादी में पांवटा साहिब गया था. जहां डीजे की धुन पर डांस करते करते 30 साल नारायण जमीन पर गिर गया और उसकी मौत हो गई. ये खबर और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई लेकिन ये कोई इकलौता मामला नहीं है. बीते हफ्ते ही सिरमौर जिले में एक बुजुर्ग की मौत एक कार्यक्रम में लोकनृत्य के दौरान हो गई. पिछले कुछ सालों में जिम में कसरत करते वक्त या किसी शादी समारोह में डांस करते वक्त मौत की खबरें अब आम हो चली हैं लेकिन इस तरह के वीडियो और खबरें डराने वाली हैं क्योंकि ये आपके दिल का मामला है. आपका कमजोर होता दिल इसकी सबसे बड़ी वजह है.

70% मरीज हार्ट अटैक के - आईजीएमसी अस्पताल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉक्टर पीसी नेगी बताते हैं कि आईजीएमसी के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में रोजाना आने वाले 60 से 70 प्रतिशत मरीज ऐसे होते हैं जो हार्ट अटैक से ग्रसित होते हैं. बाकी मरीज दिल की अन्य बीमारी से जुड़े होते हैं. आईजीएमसी प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है. जहां दिल के मरीजों का आंकड़ा बता रहा है कि हिमाचलियों का दिल कमजोर हो रहा है.

हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक के लक्षण

क्यों नाचते-नाचते हो रही है मौत- डॉ. पीसी नेगी के मुताबिक इन दिनों नाचते-नाचते या जिम में कसरत करते हुए मौत के जो मामले सामने आ रहे हैं उनकी वजह अनुवांशिक (Heredity) भी हो सकती है. दिल की धड़कन का कभी अनियमित होना अनुवांशिक हो सकता है. ऐसे मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखते और अचानक मौत हो जाती है. डॉ. नेगी बताते हैं कि पहले एक उम्र के बाद दिल का दौरा पड़ने के मामले सामने आते थे लेकिन आजकल 30, 40 और 50 साल में ही दिल का दौरा या कार्डिएक अरेस्ट से मौत हो सकती है. दिल की धमनियों में (arteries) में क्लॉटिंग या हार्ट की मसल्स में थिकनेस (मोटा) होने के कारण दिल में ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता. जिसके कारण दिल की धड़कन बेतहाशा बढ़ जाती है और ब्लड प्रेशन बिल्कुल डाउन हो जाता है. ऐसे समय में अगर मरीज को सीपीआर या प्राथमिक इलाज ना मिले तो मौत हो सकती है.

डॉक्टर की सलाह
डॉक्टर की सलाह

हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में अंतर- कार्डिएक अरेस्ट के लक्षण नजर नहीं आते. जब दिल अचानक ही शरीर में ब्लड पंप करना बंद कर दे तो व्यक्ति बेहोश हो जाता है. समय पर इलाज ना मिले तो व्यक्ति की मौत हो सकती है. आजकल कई लोग कार्डिएक अरेस्ट की वजह से अपनी जान गंवाते हैं. ब्लड क्लॉटिंग, मसल्स थिकनेस आदि वजहों से जब दिल में ब्लड की सप्लाई ठीक से नहीं होती तो हार्ट अटैक की स्थित बनती है जिससे जान भी जा सकती है.

हार्ट अटैक के लक्षण- एक्सपर्ट्स के मुताबिक हार्ट अटैक के कुछ लक्षण हैं जिन्हें महसूस करते ही मरीज को तुरंत अस्पताल जाना चाहिए. सीने में दर्द, बाजू में दर्द, बहुत ज्यादा पसीना आना, उल्टी और कमजोरी जैसे लक्षण हार्ट अटैक के हो सकते हैं. ब्लड प्रेशर डाउन होना और फिर आंखों के आगे अंधेरा भी छा सकता है. बिना कारण इस तरह के लक्षण हार्ट अटैक के हो सकते हैं.

हार्ट अटैक के लक्षणों के बारे में जानकारी रखें
हार्ट अटैक के लक्षणों के बारे में जानकारी रखें

लक्षण दिखें तो क्या करें- डॉ. पीसी नेगी के मुताबिक जब भी व्यक्ति को हार्ट अटैक के लक्षण दिखें तो इसे गैस्टिक, सर्वाइकल या कोई दूसरा दर्द समझकर हल्के में ना लें और तुरंत अस्पताल पहुंचे. ऐसे में समय बर्बाद करना जान पर भारी पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में तुरंत अस्पताल पहुंचे ताकि समय पर मरीज को उचित इलाज मिल सके.

दिल का रखें ख्याल- हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट अब उम्र देखकर नहीं होता. दिल की बीमारी किसी भी उम्र में लग सकती है और इसके लिए सबसे बड़ी जिम्मेदार हमारी बदलती जीवनशैली और खान-पान है. इसलिये दिल को सेहतमंद रखने के लिए कुछ जरूरी कदम जरूर उठाएं. दिन में एक घंटा कसरत या कोई भी फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें, एक्ससाइज नहीं कर सकते तो टहलना, जॉगिंग, साइक्लिंग या कोई आउटडोर गेम खेलें. जिससे की आपका वजन ना बढ़ें.

जीवनशैली में बदलाव करके दिल की सेहत का रखें ख्याल
जीवनशैली में बदलाव करके दिल की सेहत का रखें ख्याल

खान-पान में जंक फूड और तले भुने खाने से परहेज करें. हरी सब्जियां, दाल, सलाद, फल आदि खाएं, जिससे शरीर को भरपूर प्रोटीन मिले. साथ ही 30 और 40 साल की उम्र के बाद कोलेस्ट्रॉल, बीपी, डायबिटीज समेत अन्य जांच करवाते रहें. एक्सपर्ट्स रात में जल्दी सोने, सुबह जल्दी जागने के साथ-साथ मोबाइल, टीवी और अन्य गैजेट से दूरी बनाने की सलाह भी देते हैं. जीवनशैली और खान-पान में ये बदलाव करने से आपके दिल की सेहत अच्छी रहेगी.

ये भी पढ़ें: VIRAL VIDEO: शादी समारोह में ऐसे नाचते-नाचते आई मौत

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आईजीएमसी में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में बढ़ी दिल के मरीजों की भीड़

शिमला : मंडी जिले का नारायण पिछले हफ्ते अपने दोस्त की शादी में पांवटा साहिब गया था. जहां डीजे की धुन पर डांस करते करते 30 साल नारायण जमीन पर गिर गया और उसकी मौत हो गई. ये खबर और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई लेकिन ये कोई इकलौता मामला नहीं है. बीते हफ्ते ही सिरमौर जिले में एक बुजुर्ग की मौत एक कार्यक्रम में लोकनृत्य के दौरान हो गई. पिछले कुछ सालों में जिम में कसरत करते वक्त या किसी शादी समारोह में डांस करते वक्त मौत की खबरें अब आम हो चली हैं लेकिन इस तरह के वीडियो और खबरें डराने वाली हैं क्योंकि ये आपके दिल का मामला है. आपका कमजोर होता दिल इसकी सबसे बड़ी वजह है.

70% मरीज हार्ट अटैक के - आईजीएमसी अस्पताल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉक्टर पीसी नेगी बताते हैं कि आईजीएमसी के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में रोजाना आने वाले 60 से 70 प्रतिशत मरीज ऐसे होते हैं जो हार्ट अटैक से ग्रसित होते हैं. बाकी मरीज दिल की अन्य बीमारी से जुड़े होते हैं. आईजीएमसी प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है. जहां दिल के मरीजों का आंकड़ा बता रहा है कि हिमाचलियों का दिल कमजोर हो रहा है.

हार्ट अटैक के लक्षण
हार्ट अटैक के लक्षण

क्यों नाचते-नाचते हो रही है मौत- डॉ. पीसी नेगी के मुताबिक इन दिनों नाचते-नाचते या जिम में कसरत करते हुए मौत के जो मामले सामने आ रहे हैं उनकी वजह अनुवांशिक (Heredity) भी हो सकती है. दिल की धड़कन का कभी अनियमित होना अनुवांशिक हो सकता है. ऐसे मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखते और अचानक मौत हो जाती है. डॉ. नेगी बताते हैं कि पहले एक उम्र के बाद दिल का दौरा पड़ने के मामले सामने आते थे लेकिन आजकल 30, 40 और 50 साल में ही दिल का दौरा या कार्डिएक अरेस्ट से मौत हो सकती है. दिल की धमनियों में (arteries) में क्लॉटिंग या हार्ट की मसल्स में थिकनेस (मोटा) होने के कारण दिल में ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता. जिसके कारण दिल की धड़कन बेतहाशा बढ़ जाती है और ब्लड प्रेशन बिल्कुल डाउन हो जाता है. ऐसे समय में अगर मरीज को सीपीआर या प्राथमिक इलाज ना मिले तो मौत हो सकती है.

डॉक्टर की सलाह
डॉक्टर की सलाह

हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में अंतर- कार्डिएक अरेस्ट के लक्षण नजर नहीं आते. जब दिल अचानक ही शरीर में ब्लड पंप करना बंद कर दे तो व्यक्ति बेहोश हो जाता है. समय पर इलाज ना मिले तो व्यक्ति की मौत हो सकती है. आजकल कई लोग कार्डिएक अरेस्ट की वजह से अपनी जान गंवाते हैं. ब्लड क्लॉटिंग, मसल्स थिकनेस आदि वजहों से जब दिल में ब्लड की सप्लाई ठीक से नहीं होती तो हार्ट अटैक की स्थित बनती है जिससे जान भी जा सकती है.

हार्ट अटैक के लक्षण- एक्सपर्ट्स के मुताबिक हार्ट अटैक के कुछ लक्षण हैं जिन्हें महसूस करते ही मरीज को तुरंत अस्पताल जाना चाहिए. सीने में दर्द, बाजू में दर्द, बहुत ज्यादा पसीना आना, उल्टी और कमजोरी जैसे लक्षण हार्ट अटैक के हो सकते हैं. ब्लड प्रेशर डाउन होना और फिर आंखों के आगे अंधेरा भी छा सकता है. बिना कारण इस तरह के लक्षण हार्ट अटैक के हो सकते हैं.

हार्ट अटैक के लक्षणों के बारे में जानकारी रखें
हार्ट अटैक के लक्षणों के बारे में जानकारी रखें

लक्षण दिखें तो क्या करें- डॉ. पीसी नेगी के मुताबिक जब भी व्यक्ति को हार्ट अटैक के लक्षण दिखें तो इसे गैस्टिक, सर्वाइकल या कोई दूसरा दर्द समझकर हल्के में ना लें और तुरंत अस्पताल पहुंचे. ऐसे में समय बर्बाद करना जान पर भारी पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में तुरंत अस्पताल पहुंचे ताकि समय पर मरीज को उचित इलाज मिल सके.

दिल का रखें ख्याल- हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट अब उम्र देखकर नहीं होता. दिल की बीमारी किसी भी उम्र में लग सकती है और इसके लिए सबसे बड़ी जिम्मेदार हमारी बदलती जीवनशैली और खान-पान है. इसलिये दिल को सेहतमंद रखने के लिए कुछ जरूरी कदम जरूर उठाएं. दिन में एक घंटा कसरत या कोई भी फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें, एक्ससाइज नहीं कर सकते तो टहलना, जॉगिंग, साइक्लिंग या कोई आउटडोर गेम खेलें. जिससे की आपका वजन ना बढ़ें.

जीवनशैली में बदलाव करके दिल की सेहत का रखें ख्याल
जीवनशैली में बदलाव करके दिल की सेहत का रखें ख्याल

खान-पान में जंक फूड और तले भुने खाने से परहेज करें. हरी सब्जियां, दाल, सलाद, फल आदि खाएं, जिससे शरीर को भरपूर प्रोटीन मिले. साथ ही 30 और 40 साल की उम्र के बाद कोलेस्ट्रॉल, बीपी, डायबिटीज समेत अन्य जांच करवाते रहें. एक्सपर्ट्स रात में जल्दी सोने, सुबह जल्दी जागने के साथ-साथ मोबाइल, टीवी और अन्य गैजेट से दूरी बनाने की सलाह भी देते हैं. जीवनशैली और खान-पान में ये बदलाव करने से आपके दिल की सेहत अच्छी रहेगी.

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