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वायरल ऑडियो मामला: विजिलेंस की स्वास्थ्य निदेशालय में दबिश, रिकॉर्ड किया सीज

वायरल ऑडियो मामले में विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. इसकी जांच एसआईयू को दे दी गई. पूछताछ के दौरान सहयोग न करने पर बुधवार देर रात स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अजय गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया.

viral audio case in shimla
वायरल ऑडियो मामला
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Published : May 21, 2020, 10:09 PM IST

शिमला: हिमाचल स्वास्थ्य निदेशालय में एक अधिकारी के फोन पर पांच लाख रुपये की घूस के लेन-देन की बातचीत के वायरल ऑडियो मामले में विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. इसकी जांच एसआईयू को दे दी गई. पूछताछ के दौरान सहयोग न करने पर बुधवार देर रात स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अजय गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया.

इसके बाद गुरुवार को कोर्ट में पेश करने से पहले निदेशक को मेडिकल चेकअप के लिए आईजीएमसी लाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उनकी हालत ठीक न होने पर भर्ती कर लिया, हालांकि बाद में उसे कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे 5 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

पूछताछ में निदेशक ने यह मान लिया है कि वायरल ऑडियो में उसकी आवाज है, लेकिन पैसों के लेन-देन में उसे कोई जानकारी नहीं है. मामला दर्ज होने के बाद एसपी एसआईयू शालिनी अग्निहोत्री की निगरानी में एक टीम ने गुप्ता के घर और कार्यालय में दबिश देकर दस्तावेजों को भी कब्जे में ले लिया. मामले में जांच कर रही विजिलेंस ने स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अजय गुप्ता से वायरल ऑडियो मामले में करीब पांच घंटे तक पूछताछ की.

बता दें कि बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के लाखों के लेन-देन का एक ऑडियो वायरल हुआ था. मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने जांच विजिलेंस को सौंप दी. कोरोना के चलते स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों की खरीदारी हो रही है. अब मामले में टीम उस व्यक्ति की तलाश में जुट गई है जिससे डॉ. गुप्ता की बात हो रही थी.

विजिलेंस की नजर पिछले दो महीने की हर खरीद पर है. इसमें एक ऑडिट टीम की मदद ली जा सकती है, ताकि वित्तीय गड़बड़ी का सटीक पता लगे. साथ ही निदेशक की आवाज के सैंपल लेने के लिए भी ब्यूरो ने कवायद शुरू कर दी है.

शिमला: हिमाचल स्वास्थ्य निदेशालय में एक अधिकारी के फोन पर पांच लाख रुपये की घूस के लेन-देन की बातचीत के वायरल ऑडियो मामले में विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. इसकी जांच एसआईयू को दे दी गई. पूछताछ के दौरान सहयोग न करने पर बुधवार देर रात स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अजय गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया.

इसके बाद गुरुवार को कोर्ट में पेश करने से पहले निदेशक को मेडिकल चेकअप के लिए आईजीएमसी लाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उनकी हालत ठीक न होने पर भर्ती कर लिया, हालांकि बाद में उसे कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे 5 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

पूछताछ में निदेशक ने यह मान लिया है कि वायरल ऑडियो में उसकी आवाज है, लेकिन पैसों के लेन-देन में उसे कोई जानकारी नहीं है. मामला दर्ज होने के बाद एसपी एसआईयू शालिनी अग्निहोत्री की निगरानी में एक टीम ने गुप्ता के घर और कार्यालय में दबिश देकर दस्तावेजों को भी कब्जे में ले लिया. मामले में जांच कर रही विजिलेंस ने स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अजय गुप्ता से वायरल ऑडियो मामले में करीब पांच घंटे तक पूछताछ की.

बता दें कि बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के लाखों के लेन-देन का एक ऑडियो वायरल हुआ था. मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने जांच विजिलेंस को सौंप दी. कोरोना के चलते स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों की खरीदारी हो रही है. अब मामले में टीम उस व्यक्ति की तलाश में जुट गई है जिससे डॉ. गुप्ता की बात हो रही थी.

विजिलेंस की नजर पिछले दो महीने की हर खरीद पर है. इसमें एक ऑडिट टीम की मदद ली जा सकती है, ताकि वित्तीय गड़बड़ी का सटीक पता लगे. साथ ही निदेशक की आवाज के सैंपल लेने के लिए भी ब्यूरो ने कवायद शुरू कर दी है.

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