शिमला: जिला शिमला के ठियोग उपमंडल के अंतर्गत आने पानी पंचायतों में ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया. ठियोग की ग्राम पंचायत भराना में नशे के मुद्दे पर चर्चा हुई. इस दौरान बैठक में पंचायत में चल रहे विकास कार्यों पर चर्चा की गई. जिसमे पंचायत की आय व्यय के साथ पंचायत विभाजन के मुद्दे पर भी चर्चा की गई.
ग्रामीणों का कहना है कि भराना पंचायत का क्षेत्रफल और आबादी ज्यादा होने से लोगों को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. पंचायत भवन तक पहुंचने के लिए लोगों को 15 से 20 किलोमीटर पैदल और सड़क मार्ग से 25 से 30 किलोमीटर का सफर तय कर आना पड़ता है. ऐसे में ग्राम सभा के दौरान सरकार की तरफ से आए पंचायत विभाजन के सुझाव पर मसौदा तैयार कर लिया है.
बैठक के बारे में जानकारी देते हुए भराना पंचायत के प्रधान कृष्ण लाल शर्मा ने कहा कि पंचायत में विकास कार्यों के साथ पंचायत को अलग करने का निर्णय लिया गया है. इस दौरान उन्होंने पंचायत में जिओ टेकिंग के न चलने से विकास कार्य न होने पर भी चिंता जाहिर की और कहा कि जिन क्षेत्रों में जिओ टेकिंग की वजह से कई काम रुके हुए हैं, वहां लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें कि इन दिनों प्रदेश सरकार ने पंचायतों के विभाजन को लेकर ग्राम सभाओं से रेजुलेशन मांगे हैं. जिसमें जनसंख्या के साथ क्षेत्रफल को भी आधार माना गया है और प्रदेश में अभी भी कई ऐसी पंचायतें हैं, जिनकी आबादी बहुत ज्यादा है. जबकि अगले वर्ष पंचायत के चुनाव होने हैं, जिसके मद्देनजर सरकार ने इस दिशा में अभी से काम करना शुरू कर दिया है.