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ठियोग की भराना में ग्राम सभा का आयोजन, नशे के साथ पंचायत के विभाजन पर हुई चर्चा - भराना पंचायत के प्रधान कृष्ण लाल शर्मा

शिमला के ठियोग उपमंडल के ग्राम पंचायत भराना में एक ओर जहां पंचायत के विभाजन पर चर्चा की गई. वहीं, दूसरी ओर प्रदेश में नशे की रोकथाम को लेकर भी ग्राम सभा के दौरान मंथन किया गया.

gram sabha organized in theog
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Published : Nov 17, 2019, 8:25 AM IST

शिमला: जिला शिमला के ठियोग उपमंडल के अंतर्गत आने पानी पंचायतों में ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया. ठियोग की ग्राम पंचायत भराना में नशे के मुद्दे पर चर्चा हुई. इस दौरान बैठक में पंचायत में चल रहे विकास कार्यों पर चर्चा की गई. जिसमे पंचायत की आय व्यय के साथ पंचायत विभाजन के मुद्दे पर भी चर्चा की गई.

ग्रामीणों का कहना है कि भराना पंचायत का क्षेत्रफल और आबादी ज्यादा होने से लोगों को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. पंचायत भवन तक पहुंचने के लिए लोगों को 15 से 20 किलोमीटर पैदल और सड़क मार्ग से 25 से 30 किलोमीटर का सफर तय कर आना पड़ता है. ऐसे में ग्राम सभा के दौरान सरकार की तरफ से आए पंचायत विभाजन के सुझाव पर मसौदा तैयार कर लिया है.

वीडियो रिपोर्ट

बैठक के बारे में जानकारी देते हुए भराना पंचायत के प्रधान कृष्ण लाल शर्मा ने कहा कि पंचायत में विकास कार्यों के साथ पंचायत को अलग करने का निर्णय लिया गया है. इस दौरान उन्होंने पंचायत में जिओ टेकिंग के न चलने से विकास कार्य न होने पर भी चिंता जाहिर की और कहा कि जिन क्षेत्रों में जिओ टेकिंग की वजह से कई काम रुके हुए हैं, वहां लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि इन दिनों प्रदेश सरकार ने पंचायतों के विभाजन को लेकर ग्राम सभाओं से रेजुलेशन मांगे हैं. जिसमें जनसंख्या के साथ क्षेत्रफल को भी आधार माना गया है और प्रदेश में अभी भी कई ऐसी पंचायतें हैं, जिनकी आबादी बहुत ज्यादा है. जबकि अगले वर्ष पंचायत के चुनाव होने हैं, जिसके मद्देनजर सरकार ने इस दिशा में अभी से काम करना शुरू कर दिया है.

शिमला: जिला शिमला के ठियोग उपमंडल के अंतर्गत आने पानी पंचायतों में ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया. ठियोग की ग्राम पंचायत भराना में नशे के मुद्दे पर चर्चा हुई. इस दौरान बैठक में पंचायत में चल रहे विकास कार्यों पर चर्चा की गई. जिसमे पंचायत की आय व्यय के साथ पंचायत विभाजन के मुद्दे पर भी चर्चा की गई.

ग्रामीणों का कहना है कि भराना पंचायत का क्षेत्रफल और आबादी ज्यादा होने से लोगों को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. पंचायत भवन तक पहुंचने के लिए लोगों को 15 से 20 किलोमीटर पैदल और सड़क मार्ग से 25 से 30 किलोमीटर का सफर तय कर आना पड़ता है. ऐसे में ग्राम सभा के दौरान सरकार की तरफ से आए पंचायत विभाजन के सुझाव पर मसौदा तैयार कर लिया है.

वीडियो रिपोर्ट

बैठक के बारे में जानकारी देते हुए भराना पंचायत के प्रधान कृष्ण लाल शर्मा ने कहा कि पंचायत में विकास कार्यों के साथ पंचायत को अलग करने का निर्णय लिया गया है. इस दौरान उन्होंने पंचायत में जिओ टेकिंग के न चलने से विकास कार्य न होने पर भी चिंता जाहिर की और कहा कि जिन क्षेत्रों में जिओ टेकिंग की वजह से कई काम रुके हुए हैं, वहां लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि इन दिनों प्रदेश सरकार ने पंचायतों के विभाजन को लेकर ग्राम सभाओं से रेजुलेशन मांगे हैं. जिसमें जनसंख्या के साथ क्षेत्रफल को भी आधार माना गया है और प्रदेश में अभी भी कई ऐसी पंचायतें हैं, जिनकी आबादी बहुत ज्यादा है. जबकि अगले वर्ष पंचायत के चुनाव होने हैं, जिसके मद्देनजर सरकार ने इस दिशा में अभी से काम करना शुरू कर दिया है.

Intro:ठियोग की ग्राम सभाओ मे भी नशे के खात्मे के लिए हुई चर्चा,भराना पँचायत को दो हिस्सों में बांटने पर हुई सहमति,सरकार को भेज गया प्रस्ताव।जनसंख्या ओर क्षेत्रफल के आधार पर भराना पँचायत बहुत बड़ी,पँचायत तक पहुंचने के लिये तय करना पड़ता है 15 किलोमीटर रास्ता।लोगों ने मुख्यमंत्री से लगाई पँचायत को अलग करने की गुहार।अगले साल होने हैं पँचायत चुनाव।
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प्रदेश को नशा मुक्त बनाने की मुहिम को पँचायत स्तर पर सराहा जा रहा है। पँचायत की ग्राम सभा मे युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए लोगों ग्राम सभा की बैठक में चर्चा की। ठियोग उमण्डल की ग्राम पंचायत भराना में नशे के मुद्दे पर खूब चर्चा हुई इस दौरान बैठक में पंचायत में चल रहे विकास कार्यो पर चर्चा की गईं जिसमे पंचायत की आय व्यय के साथ पँचायत के विभाजन का मुद्दा सबसे ज्यादा गुंजा। इसके साथ ही जिओ टेकिंग की वजह से हो रही दिक़्क़तों पर विचार विमर्श किया गया।लोगों का कहना है कि भराना पँचायत का क्षेत्रफल ओर आबादी ज्यादा होने से यंहा लोगो को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है पँचायत भवन तक पहुंचने के लिए कई लोगों को 15 से 20 किलोमीटर पैदल ओर सड़क मार्ग से 25 से 30 किलोमीटर आना पड़ता है।ऐसे में लोगों ने सरकार की तरफ से आई पँचायत वीभाजन पर पँचायत को अलग करने का मसौदा तैयार किया और भराना को दो भागों यानी कराना के नाम से अलग पँचायत बनाने पर सहमति हुई।स्थानीय लोंगो का कहना है पँचायत भवन दूर होने से लोग पँचायत तक नही आ पाते ओर गांव के विकास कार्य इसकी वजह से ठप पड़े है।लोंगो का कहना है कि पहले भी 2003 में इस पंचायत को विभाजित किया जाना था जबकि इसके साथ लगती पँचायत मतियाना ओर प्रदेश में अलग पँचायत का निर्माण हुआ।लोगों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि भराना पँचायत को दो भागों में बांटा जाए जिससे कराना के नाम से अलग पँचायत बन सके लोगों का कहना है कि जनसंख्या और क्षेत्र फल के हिसाब से यंहा दो पँचायत बन सकती है।जिससे गांव में विकास हो सकता है।
बाईट,,, स्थानीय जनता

वन्ही बैठक के बारे में जानकारी देते हुए भराना पँचायत के प्रधान कृष्ण लाल शर्मा ने कहा कि पंचायत में विकास कार्यो के साथ पंचायत को अलग करने का निर्णय लिया गया।उन्होंने कहा कि ये पँचायत बहुत बड़ी है जिससे पँचायत मुखलाय तक पहुंचने में लोगो को दिक्कते आती है। जिसके चलते सरकार से मांग की जाती है कि इस पँचायत को अलग करके दो भागों में बांटा जाए।साथ ही उन्होंने पँचायत में जिओ टेकिंग के न चलने से से काम न होने पर चिंता जाहिर की ओर कहा कि जंहा जिओ टेकिंग की वजह से कई काम रुके है जिससे लोगों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बाईट,,, कृष्ण लाल शर्मा
प्रधान भराना पँचायत Conclusion:
आपको बता दे कि इन दिनों प्रदेश सरकार ने पंचायतो के विभाजन को लेकर ग्राम सभाओं से रेजुलेशन मांगे है जिसमे जनसंख्या के साथ क्षेत्रफल को भी आधार माना गया है।और प्रदेश में अभी भी कई ऐसी पँचायत है जिनकी आबादी बहुत ज्यादा है। और जबकि अगले वर्ष पँचायत के चुनाव होने है तो सरकार इस दिशा में अभी से काम कर रही है।
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