शिमलाः केंद्र सरकार के आदेशों के बाद हिमाचल प्रदेश में भी पब्लिक वाहनों में जीपीएस और व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं. इसी बीच हिमाचल में जीपीएस और वीटीएस सिस्टम लगाने वाली कंपनियों और डीलरों पर मनचाहे रेट वसूलने के आरोप सामने आने लगे. जिसके बाद जीपीएस और वीटीएस (व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम) लगाने वाली वाली विभिन्न कंपनियों के एसोसिएशन ने पत्रकार वार्ता में कर अपना पक्ष रखा है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष केडी भार्गव ने बताया कि टैक्सी चालकों के आरोपों को नकारते हुए कहा कि वीटीएस सिस्टम की कीमत 13,000 रुपये के करीब है और इतने ही रुपये वाहन मालिकों से लिए जा रहे हैं. इस वीटीएस सिस्टम के तहत वाहनों में कमांड सेंटर और हूटिंग की सुविधा निशुल्क दी जा रही है. इसके अलावा यह ट्रैकिंग सिस्टम एआईएस से भी पास किया गया है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए पब्लिक वाहन में व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम लगाने के आदेश जारी किए हैं. उसके बाद प्रदेश सरकार ने यह काम कुछ निजी कंपनियों को सौंपा गया था.
ये भी पढ़ें: सुरेश भारद्वाज बन सकते हैं विधानसभा अध्यक्ष फिर 3 विधायकों की लगेगी 'लॉटरी'