शिमला: प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने स्कूलों के संबंध में एक बड़ा फैसला लिया है. सुखविंदर सरकार ने जयराम सरकार के उस फैसले को बदलने का फैसला किया है जिसमें मिडिल स्कूलों में कला अध्यापकों (डीएम) और शारीरिक शिक्षकों (पीईटी) की नियुक्ति के लिए छात्रों की न्यूनतम संख्या 100 की शर्त लगाई गई थी. सरकार के इस फैसले के बाद अब 100 से कम छात्रों वाले स्कूलों में भी कला अध्यापक और शारीरिक शिक्षकों की तैनाती की जा सकेगी.
दरअसल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार कला अध्यापकों और शारीरिक शिक्षा शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में न्यूनतम 100 विद्यार्थी होने की लंबे समय से चली आ रही शर्त को समाप्त कर रही है. उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने 19 नवंबर, 2018 को माध्यमिक विद्यालयों में इन शिक्षकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम 100 विद्यार्थियों की संख्या निर्धारित की थी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को कला अध्यापकों और शारीरिक शिक्षा शिक्षकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम 100 विद्यार्थियों का नामांकन बनाए रखना अनिवार्य गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार युवाओं के हितों के संरक्षण को सर्वोच्च अधिमान देते हुए उन्हें गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को इस अनिवार्यता को समाप्त करने की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं. इस प्रस्तावित परिवर्तन का उद्देश्य राज्य में शैक्षिक अवसरों का विस्तार करना और शिक्षण कार्य को मजबूत करना है.
स्कूलों में कला अध्यापकों के ही 1300 पद खाली: प्रदेश शिक्षा विभाग ने हाल ही में 100 शिक्षकों की शर्त को देखते हुए इन शिक्षकों का युक्तिकरण करना का फैसला लिया था. इसके तहत 100 से कम छात्रों वाले स्कूलों से 100 से ज्यादा वाले स्कूलों के लिए कला अध्यापकों को भेजा जाना था. इस फैसले से उन बच्चों को कला विषय छोड़ना पड़ रहा था. इसको देखते बीते दिनों हिमाचल प्रदेश बेरोजगार कला अध्यापक संघ का एक प्रतिनिधि मंडल शिमला में मुख्यमंत्री से मिला था. संघ ने शिक्षा विभाग के इस फैसले मुख्यमंत्री को अवगत कराया था.
मुख्यमंत्री ने तत्काल शिक्षा विभाग को इस फैसले को निरस्त करने के निर्देश दिए. बेरोजगार कला अध्यापक संख के अनुसार प्रदेश में पूर्व सरकार द्वारा लगाई गई इस शर्त से करीब 1000 मिडल स्कूलों में कला अध्यापकों के पद खाली पड़े हैं. इसके अलावा करीब 300 पद उच्च व वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में खाली हैं. प्रदेश में मौजूदा समय में करीब 14000 बेरोजगार कला अध्यापक हैं, जो कि 100 बच्चों की शर्त के कारण प्रभावित हो रहे थे. इसके चलते सुखविंदर सुक्खू सरकार ने पूर्व सरकार के इस फैसले को पलटने का फैसला लिया है.
मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए हैं कि इस शर्त को तुरंत समाप्त किया जाए. इससे बेरोजागर कला व शारीरिक शिक्षकों ने राहत की सांस ली है साथ में इससे छात्रों को अपने मनसपंद विषय पढ़ने का मौका मिलेगा. बेरोजगार कला अध्यापक संघ ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है.
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