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राज्यपाल ने शशांक मणि की पुस्तक 'मिडिल ऑफ डायमंड इंडिया' का किया विमोचन

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने राजभवन में शशांक मणि की पुस्तक 'मिडिल ऑफ डायमंड इंडिया' का विमोचन किया. इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि यह पुस्तक हाशिए पर रहने वाले उन लोगों की अनसुनी कहानियों को उजागर करती है, जिन्हें उनके स्थान और भाषा के कारण काफी लंबे समय तक नजरअंदाज किया गया है. पढ़ें पूरी खबर.. (Governor Shiv Pratap Shukla) (Shiv Pratap Shukla releases book Middle of Diamond india )

Shiv Pratap Shukla releases book Middle of Diamond
राज्यपाल ने मिडिल ऑफ डायमंड इंडिया का किया विमोचन
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 11, 2023, 10:54 PM IST

शिमला: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बुधवार को राजभवन में शशांक मणि की पुस्तक 'मिडिल ऑफ डायमंड इंडिया' का विमोचन किया. इस दौरान राज्यपाल ने शशांक मणि के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि 'मिडिल ऑफ डायमंड इंडिया' के माध्यम से लेखक ने भारत की आर्थिक, सामाजिक और राजनीति का केंद्र उच्च वर्ग से परिवर्तित कर देश के उभरते मध्य वर्ग पर केंद्रित करने का साहसिक प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि यह पुस्तक हाशिए पर रहने वाले उन लोगों की अनसुनी कहानियों को उजागर करती है, जिन्हें उनके स्थान और भाषा के कारण लंबे समय तक नजरअंदाज किया गया है.

शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि देश के प्रत्येक व्यक्ति को भारत को एकजुट करने के लिए काम करने की आवश्यकता है और शशांक मणि द्वारा संचालित जागृति यात्रा यही काम कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत का अतीत गौरवशाली है और हमारी आध्यात्मिकता ने किसी न किसी रूप में समाज को एकजुट किया है. उन्होंने कहा कि हमारे ग्रामीण परिवेश में सामाजिक एकता की मिसाल स्पष्ट रुप से दिखाई देती है. भारत में हर वर्ग के लोग एक साथ रहते हैं और यही भारत देश की ताकत है. अगर हम भारत को समझना चाहते हैं तो हमें राम को समझना होगा, क्योंकि भगवान राम ने समाज के हर वर्ग को साथ लेकर आध्यात्मिकता का मार्ग प्रशस्त किया.

शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि यह पुस्तक देश के विकास में मध्यम वर्ग के योगदान और उनकी ताकत की भूमिका पर भी प्रकाश डालती है, साथ ही यह भारत के प्रति एक नई सोच को भी प्रदर्शित करती है. उन्होंने कहा कि यह पुस्तक भारत के इतिहास के बारे में भी गहराई से इशारा करती है जो उद्यमशीलता पर आधारित था और उस युग में देश की अर्थव्यवस्था कितनी मजबूत थी. उन्होंने कहा कि उद्यमिता की मदद से मध्यम वर्ग को आगे ले जाया जा सकता हैं और विकसित भारत के सपनों को पूरा कर सकते हैं.

वहीं, शशांक मणि ने कहा कि 13 अध्याय से अधिक की यह पुस्तक अमृत काल पर भारत की एक नई दृष्टि को रेखांकित करती है. शशांक ने कहा कि इन 13 अध्यायों में चार प्रमुख अवधारणाएं हैं और इन्हें कहानियों, उपाख्यानों और व्यापक शोध के माध्यम से प्रकाश में लाया गया है. शशांक मणि ने कहा कि पुस्तक में पिछले 15 वर्षों से देश भर में आयोजित उनकी जागृति यात्रा, दुनिया की सबसे बड़ी रेल यात्रा का भी जिक्र है, जिसमें अब तक देश के 7500 युवाओं को प्रशिक्षित कर उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित किया गया है.

ये भी पढ़ें: Himachal Cabinet Decisions: सरकार करेगी 2061 वन मित्रों और 100 वनरक्षकों की भर्ती, जल शक्ति विभाग में तैनात अस्थाई कर्मियों का मानदेय भी बढ़ाया

शिमला: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बुधवार को राजभवन में शशांक मणि की पुस्तक 'मिडिल ऑफ डायमंड इंडिया' का विमोचन किया. इस दौरान राज्यपाल ने शशांक मणि के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि 'मिडिल ऑफ डायमंड इंडिया' के माध्यम से लेखक ने भारत की आर्थिक, सामाजिक और राजनीति का केंद्र उच्च वर्ग से परिवर्तित कर देश के उभरते मध्य वर्ग पर केंद्रित करने का साहसिक प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि यह पुस्तक हाशिए पर रहने वाले उन लोगों की अनसुनी कहानियों को उजागर करती है, जिन्हें उनके स्थान और भाषा के कारण लंबे समय तक नजरअंदाज किया गया है.

शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि देश के प्रत्येक व्यक्ति को भारत को एकजुट करने के लिए काम करने की आवश्यकता है और शशांक मणि द्वारा संचालित जागृति यात्रा यही काम कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत का अतीत गौरवशाली है और हमारी आध्यात्मिकता ने किसी न किसी रूप में समाज को एकजुट किया है. उन्होंने कहा कि हमारे ग्रामीण परिवेश में सामाजिक एकता की मिसाल स्पष्ट रुप से दिखाई देती है. भारत में हर वर्ग के लोग एक साथ रहते हैं और यही भारत देश की ताकत है. अगर हम भारत को समझना चाहते हैं तो हमें राम को समझना होगा, क्योंकि भगवान राम ने समाज के हर वर्ग को साथ लेकर आध्यात्मिकता का मार्ग प्रशस्त किया.

शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि यह पुस्तक देश के विकास में मध्यम वर्ग के योगदान और उनकी ताकत की भूमिका पर भी प्रकाश डालती है, साथ ही यह भारत के प्रति एक नई सोच को भी प्रदर्शित करती है. उन्होंने कहा कि यह पुस्तक भारत के इतिहास के बारे में भी गहराई से इशारा करती है जो उद्यमशीलता पर आधारित था और उस युग में देश की अर्थव्यवस्था कितनी मजबूत थी. उन्होंने कहा कि उद्यमिता की मदद से मध्यम वर्ग को आगे ले जाया जा सकता हैं और विकसित भारत के सपनों को पूरा कर सकते हैं.

वहीं, शशांक मणि ने कहा कि 13 अध्याय से अधिक की यह पुस्तक अमृत काल पर भारत की एक नई दृष्टि को रेखांकित करती है. शशांक ने कहा कि इन 13 अध्यायों में चार प्रमुख अवधारणाएं हैं और इन्हें कहानियों, उपाख्यानों और व्यापक शोध के माध्यम से प्रकाश में लाया गया है. शशांक मणि ने कहा कि पुस्तक में पिछले 15 वर्षों से देश भर में आयोजित उनकी जागृति यात्रा, दुनिया की सबसे बड़ी रेल यात्रा का भी जिक्र है, जिसमें अब तक देश के 7500 युवाओं को प्रशिक्षित कर उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित किया गया है.

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