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राज्यपाल ने प्रदेश में प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने पर दिया बल

सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती परियोजना के अधिकारियों के साथ प्रदेश में कार्यान्यवन रणनीति लक्ष्य पर बात करते हुए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेश में प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने पर बल दिया.

Governor Bandaru Dattatreya
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
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Published : Jun 20, 2020, 6:37 PM IST

शिमला: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेश में प्राकृतिक खेती का विस्तार करने और प्राकृतिक उत्पादों के विपणन को सरल बनाने के लिए प्रशिक्षण केंद्रों को स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया है. राज्यपाल ने शनिवार को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती परियोजना के अधिकारियों के साथ प्रदेश में कार्यान्यवन रणनीति के लक्ष्य पर बातचीत की.

राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए शिक्षित ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है, ताकि प्रशिक्षित युवा अपने ज्ञान को किसानों तक पहुंचा सकें. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित युवाओं को प्रमाण-पत्र प्रदान कर उत्साहित किया जाना चाहिए और उनके लिए कुछ प्रोत्साहन राशि भी प्रस्तावित की जानी चाहिए.

राज्यपाल ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि प्रदेश में 55 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है और प्रदेश में 2,579 हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के तहत लाया गया है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लोग अपने स्वास्थ्य और खान-पान के प्रति और अधिक जागरूक हो गए हैं और प्राकृतिक उत्पादों की मांग में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि कृषि और बागवानी विभाग को इस दिशा में समन्वय स्थापित करने की आवश्यकता है, जिससे किसानों की आय को दोगुना करने में सहायता मिलेगी. इस अवसर पर सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती परियोजना के निदेशक राकेश कंवर ने प्रदेश में प्राकृतिक खेती की कार्ययोजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस खेती के अंतर्गत 72 हजार किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है और 2934 पंचायतों तक इसकी पहुंच सुनिश्चिति की गई है.

ये भी पढ़ें: मंत्रिमंडल विस्तार पर फिर सीएम ने नहीं खोले 'पत्ते', 3 सीटों पर हैं कई माननीयों की नजर

शिमला: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेश में प्राकृतिक खेती का विस्तार करने और प्राकृतिक उत्पादों के विपणन को सरल बनाने के लिए प्रशिक्षण केंद्रों को स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया है. राज्यपाल ने शनिवार को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती परियोजना के अधिकारियों के साथ प्रदेश में कार्यान्यवन रणनीति के लक्ष्य पर बातचीत की.

राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए शिक्षित ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है, ताकि प्रशिक्षित युवा अपने ज्ञान को किसानों तक पहुंचा सकें. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित युवाओं को प्रमाण-पत्र प्रदान कर उत्साहित किया जाना चाहिए और उनके लिए कुछ प्रोत्साहन राशि भी प्रस्तावित की जानी चाहिए.

राज्यपाल ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि प्रदेश में 55 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है और प्रदेश में 2,579 हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के तहत लाया गया है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लोग अपने स्वास्थ्य और खान-पान के प्रति और अधिक जागरूक हो गए हैं और प्राकृतिक उत्पादों की मांग में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि कृषि और बागवानी विभाग को इस दिशा में समन्वय स्थापित करने की आवश्यकता है, जिससे किसानों की आय को दोगुना करने में सहायता मिलेगी. इस अवसर पर सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती परियोजना के निदेशक राकेश कंवर ने प्रदेश में प्राकृतिक खेती की कार्ययोजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस खेती के अंतर्गत 72 हजार किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है और 2934 पंचायतों तक इसकी पहुंच सुनिश्चिति की गई है.

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