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राज्यपाल ने हिमाचल को अन्य राज्यों के लिए बताया उदाहरण, मलखंभ रहा राज्य स्तरीय समारोह का मुख्य आकर्षण

उल्लास और उमंग के साथ मनाया गया 72वां हिमाचल दिवस. ऐतिहासिक रिज मैदान में योग और मलखंभ की प्रसतुतियों ने मोह लिया दर्शकों का मन.

हिमाचल दिवस समारोह पर मलखंभ करते छात्र
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Published : Apr 15, 2019, 6:45 PM IST

शिमला: राज्य में 72वां हिमाचल दिवस उल्लास और उमंग के साथ मनाया गया. इस मौके पर शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर राज्य स्तरीय हिमाचल दिवस समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने राष्ट्र ध्वज फहराया और मार्च पास्ट की सलामी ली. गुरुकुल कुरुक्षेत्र से आए विद्यार्थियों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया.

इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया. इस बार गुरुकुल कुरुक्षेत्र से आए करीब 50 विद्यार्थियों द्वारा मलखंभ और योग की प्रस्तुति दी गई. विद्यार्थियों द्वारा दिखाए गए हुनर की हर किसी ने प्रशंसा मुख्य आकर्षण का केंद्र रही. इसके अलावा जिला मतदान कार्यालय द्वारा प्रस्तुत की गई लघु नाटिका आकर्षण का केंद्र रही, जिसमें लोगों को मतदान के लिए जागरूक किया गया.

पुलिस उप अधीक्षक शक्ति सिंह ने परेड का नेतृत्व किया और पुलिस, होमगार्ड, भारत स्काउट एंड गाइड और एनसीसी के कैडे्स ने मार्च पास्ट किया. राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को हिमाचल दिवस की बधाई देते हुए कहा कि यह सुंदर पहाड़ी प्रदेश आज ही के दिन 30 छोटी-बड़ी पहाड़ी रियासतों के विलय के साथ अस्तित्व में आया था. राज्य की समृद्ध संस्कृति, उच्च परंपरा और असीम प्राकृतिक सौंदर्य, देवभूमि की विशिष्ट पहचान है. राज्य की वास्तविक शक्ति यहां के ईमानदार, कर्मठ और विकासशील लोग हैं, जिनकी वजह से देवभूमि में शांतिपूर्ण वातावरण व सामाजिक सौहार्द कायम है, जो इसे अन्य राज्यों से अलग पहचान देता है.

उल्लास और उमंग के साथ मनाया गया 72वां हिमाचल दिवस

आचार्य देवव्रत ने कहा कि 15 अप्रैल, 1948 को अस्तित्व में आने के बाद इस छोटे से पहाड़ी प्रदेश ने तेजी से विकास का सफर तय किया. कठिन भौगोलिक परिस्थितियां, दुर्गम क्षेत्र और अन्य जटिलताएं भी यहां के मेहनतकश लोगों के हौसले व साहस को कम नहीं कर पाई. यहां के ईमानदार और विकासशील लोगों ने प्रदेश को उन ऊंचाइयों तक पहुंचाया, जो अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण है. इस उपलब्धि के लिए उन्होंने समस्त प्रदेशवासियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि इस छोटे से पहाड़ी प्रदेश ने बहुत कम संसाधनों के साथ विकास का ये सफर शुरू किया था और आज हिमाचल प्रदेश देशभर में पहाड़ी विकास का अग्रदूत एवं आदर्श राज्य माना जाता है. इसका श्रेय यहां के मेहनतकश व ईमानदार लोगों को जाता है, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, निष्ठा व लगन से प्रदेश को विकास के इस आयाम तक पहुंचाया है. उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कि प्रदेशवासी भविष्य में भी इसी उत्साह के साथ राज्य को प्रगति के पथ पर अग्रसर रखने के लिए सदैव प्रयासरत रहेंगे.

युवा पीढ़ी को बताया प्रदेश की संपत्ति
राज्यपाल ने बताया कि युवा शक्ति राष्ट्र की सम्पत्ति हैं और जागरूक युवा ही देश को सशक्त कर विकास के पथ पर अग्रसर कर सकते हैं. युवाओें को सार्थक ढंग से राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्रयास करने होंगे. उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि देश के अनेक युवा नशे की गिरफ्त में हैं, जो देश के भविष्य के लिए घातक संकेत है. देवव्रत ने कहा कि नशे के विरूद्ध सभी को मिलकर कार्य करना होगा ताकि युवाओं को नशे के कुप्रभावों के बारे में जागरूक किया जा सके. इसमें शिक्षण संस्थान, समाज के सभी वर्ग, युवाओें और अभिभावकों को जोड़कर एक प्रभावी संदेश देना होगा ताकि उनकी ऊर्जा व सामर्थ्य का राष्ट्र निर्माण में सदुपयोग हो सके. उन्होंने समाज के हर वर्ग से आग्रह किया कि वे इस सामाजिक बुराई के खिलाफ मजबूती से पहल करें और प्रदेश को सशक्त करने के लिए शपथ लें.

वीर सपूतों को दी श्रद्धांजलि
इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रदेश के उन महान सपूतों के प्रति अपना सम्मान व कृतज्ञता व्यक्त की, जिन्होंने हिमाचल के निर्माण और विकास में योगदान दिया. उन्होंने प्रदेश के उन महान स्वतंत्रता सैनानियों को भी नमन किया, जिन्होंने देश को स्वाधीन बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. साथ ही देश के लिए असंख्य कुर्बानियां देने वाले शहीदों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने देश के गौरव की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया. उन्होंने कहा कि इन वीर सेना नायकों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम शपथ लें कि हमारा हर कार्य राष्ट्र हित में हो और पूर्ण ईमानदारी के साथ स्वच्छ समाज के निर्माण में सहयोग करें.

इस अवसर पर मुख्य सचिव बीके अग्रवाल, पुलिस महानिदेशक एसआर मरडी, अतिरिक्त मुख्य सचिव, सचिव और प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.

शिमला: राज्य में 72वां हिमाचल दिवस उल्लास और उमंग के साथ मनाया गया. इस मौके पर शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर राज्य स्तरीय हिमाचल दिवस समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने राष्ट्र ध्वज फहराया और मार्च पास्ट की सलामी ली. गुरुकुल कुरुक्षेत्र से आए विद्यार्थियों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया.

इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया. इस बार गुरुकुल कुरुक्षेत्र से आए करीब 50 विद्यार्थियों द्वारा मलखंभ और योग की प्रस्तुति दी गई. विद्यार्थियों द्वारा दिखाए गए हुनर की हर किसी ने प्रशंसा मुख्य आकर्षण का केंद्र रही. इसके अलावा जिला मतदान कार्यालय द्वारा प्रस्तुत की गई लघु नाटिका आकर्षण का केंद्र रही, जिसमें लोगों को मतदान के लिए जागरूक किया गया.

पुलिस उप अधीक्षक शक्ति सिंह ने परेड का नेतृत्व किया और पुलिस, होमगार्ड, भारत स्काउट एंड गाइड और एनसीसी के कैडे्स ने मार्च पास्ट किया. राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को हिमाचल दिवस की बधाई देते हुए कहा कि यह सुंदर पहाड़ी प्रदेश आज ही के दिन 30 छोटी-बड़ी पहाड़ी रियासतों के विलय के साथ अस्तित्व में आया था. राज्य की समृद्ध संस्कृति, उच्च परंपरा और असीम प्राकृतिक सौंदर्य, देवभूमि की विशिष्ट पहचान है. राज्य की वास्तविक शक्ति यहां के ईमानदार, कर्मठ और विकासशील लोग हैं, जिनकी वजह से देवभूमि में शांतिपूर्ण वातावरण व सामाजिक सौहार्द कायम है, जो इसे अन्य राज्यों से अलग पहचान देता है.

उल्लास और उमंग के साथ मनाया गया 72वां हिमाचल दिवस

आचार्य देवव्रत ने कहा कि 15 अप्रैल, 1948 को अस्तित्व में आने के बाद इस छोटे से पहाड़ी प्रदेश ने तेजी से विकास का सफर तय किया. कठिन भौगोलिक परिस्थितियां, दुर्गम क्षेत्र और अन्य जटिलताएं भी यहां के मेहनतकश लोगों के हौसले व साहस को कम नहीं कर पाई. यहां के ईमानदार और विकासशील लोगों ने प्रदेश को उन ऊंचाइयों तक पहुंचाया, जो अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण है. इस उपलब्धि के लिए उन्होंने समस्त प्रदेशवासियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि इस छोटे से पहाड़ी प्रदेश ने बहुत कम संसाधनों के साथ विकास का ये सफर शुरू किया था और आज हिमाचल प्रदेश देशभर में पहाड़ी विकास का अग्रदूत एवं आदर्श राज्य माना जाता है. इसका श्रेय यहां के मेहनतकश व ईमानदार लोगों को जाता है, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, निष्ठा व लगन से प्रदेश को विकास के इस आयाम तक पहुंचाया है. उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कि प्रदेशवासी भविष्य में भी इसी उत्साह के साथ राज्य को प्रगति के पथ पर अग्रसर रखने के लिए सदैव प्रयासरत रहेंगे.

युवा पीढ़ी को बताया प्रदेश की संपत्ति
राज्यपाल ने बताया कि युवा शक्ति राष्ट्र की सम्पत्ति हैं और जागरूक युवा ही देश को सशक्त कर विकास के पथ पर अग्रसर कर सकते हैं. युवाओें को सार्थक ढंग से राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्रयास करने होंगे. उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि देश के अनेक युवा नशे की गिरफ्त में हैं, जो देश के भविष्य के लिए घातक संकेत है. देवव्रत ने कहा कि नशे के विरूद्ध सभी को मिलकर कार्य करना होगा ताकि युवाओं को नशे के कुप्रभावों के बारे में जागरूक किया जा सके. इसमें शिक्षण संस्थान, समाज के सभी वर्ग, युवाओें और अभिभावकों को जोड़कर एक प्रभावी संदेश देना होगा ताकि उनकी ऊर्जा व सामर्थ्य का राष्ट्र निर्माण में सदुपयोग हो सके. उन्होंने समाज के हर वर्ग से आग्रह किया कि वे इस सामाजिक बुराई के खिलाफ मजबूती से पहल करें और प्रदेश को सशक्त करने के लिए शपथ लें.

वीर सपूतों को दी श्रद्धांजलि
इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रदेश के उन महान सपूतों के प्रति अपना सम्मान व कृतज्ञता व्यक्त की, जिन्होंने हिमाचल के निर्माण और विकास में योगदान दिया. उन्होंने प्रदेश के उन महान स्वतंत्रता सैनानियों को भी नमन किया, जिन्होंने देश को स्वाधीन बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. साथ ही देश के लिए असंख्य कुर्बानियां देने वाले शहीदों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने देश के गौरव की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया. उन्होंने कहा कि इन वीर सेना नायकों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम शपथ लें कि हमारा हर कार्य राष्ट्र हित में हो और पूर्ण ईमानदारी के साथ स्वच्छ समाज के निर्माण में सहयोग करें.

इस अवसर पर मुख्य सचिव बीके अग्रवाल, पुलिस महानिदेशक एसआर मरडी, अतिरिक्त मुख्य सचिव, सचिव और प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे.

मलखम्भ रहा राज्य स्तरीय समारोह का मुख्य आकर्षण
 
राज्य में 72वां हिमाचल दिवस उल्लास और उमंग के साथ मनाया गया। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर राज्य स्तरीय हिमाचल दिवस समारोह के अवसर पर राष्ट्र ध्वज फहराया और आकर्षक मार्च पास्ट की सलामी ली।
पुलिस उप अधीक्षक श्री शक्ति सिंह ने परेड का नेतृत्व किया और पुलिस, होमगार्ड, भारत स्काउट एण्ड गाइड तथा एनसीसी के कैडे्स ने मार्च पास्ट प्रस्तुत किया।  
राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को हिमाचल दिवस की बधाई देते हुए कहा कि यह सुन्दर पहाड़ी प्रदेश आज ही के दिन 30 छोटी-बड़ी पहाड़ी रियासतों के विलय के साथ अस्तित्व में आया था। राज्य की समृद्ध संस्कृति, उच्च परम्पराएं और असीम प्राकृतिक सौंदर्य, देव भूमि की विशिष्ट पहचान है। राज्य की वास्तविक शक्ति यहां के ईमानदार, कर्मठ और विकासशील लोग हैं तथा यहां शांतिपूर्ण वातावरण व सामाजिक सौहार्द कायम है, जो इसे अन्यों से अलग पहचान देता है।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि 15 अप्रैल, 1948 को अस्तित्व में आने के बाद इस छोटे से पहाड़ी प्रदेश ने तेज़ी से विकास का सफर तय किया। कठिन भौगोलिक परिस्थितियां, दुर्गम क्षेत्र और अन्य जटिलताएं भी यहां के मेहनतकश लोगों के हौंसले व साहस को कम नहीं कर पाई। यहां के ईमानदार और विकासशील लोगों ने प्रदेश को उन ऊंचाइयों तक पहुंचाया, जो अन्यों के लिए एक उदाहरण है। इस उपलब्धि के लिए उन्होंने समस्त प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस छोटे से पहाड़ी प्रदेश ने बहुत कम संसाधनों के साथ विकास का यह सफल शुरू किया था और आज हिमाचल प्रदेश देश भर में पहाड़ी विकास का अग्रदूत एवं आदर्श राज्य माना जाता है। इसका श्रेय यहां के मेहनतकश व ईमानदार लोगों को जाता है, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, निष्ठा व लगन से प्रदेश को विकास के इस आयाम तक पहुंचाया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रदेशवासी भविष्य में भी इसी उत्साह के साथ राज्य को प्रगति के पथ पर अग्रसर रखने के लिए सदैव प्रयासरत रहेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि युवा शक्ति राष्ट्र की सम्पत्ति हैं अतः जागरूक युवा ही देश को सशक्त कर विकास के पथ पर अग्रसर कर सकते हैं। युवाओें को सार्थक ढंग से राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि देश के अनेक युवा नशे की गिरफ्त में हैं, जो देश के भविष्य के लिए घातक संकेत है। उन्होंने कहा कि नशे के विरूद्ध सभी को मिलकर कार्य करना होगा ताकि युवाओं को नशे के कुप्रभावों के बारे में जागरूक किया जा सके। इसमें शिक्षण संस्थान, समाज के सभी वर्ग, युवाओें और अभिभावकों को जोड़कर एक प्रभावी संदेश देना होगा ताकि उनकी ऊर्जा व सामर्थ्य का राष्ट्र निर्माण में सदुपयोग हो सके। उन्होंने समाज के हर वर्ग से आग्रह किया कि वे इस सामाजिक बुराई के खिलाफ मजबूती से पहल करें और प्रदेश को सशक्त करने के लिए आज शपथ लें।
उन्होंने इस अवसर पर प्रदेश के उन महान सपूतों व सुपुत्रियों के प्रति अपना सम्मान व कृतज्ञता व्यक्त की जिन्होंने हिमाचल के निर्माण और विकास में योगदान दिया है। उन्होंने प्रदेश के उन महान स्वतन्त्रता सेनानियों को भी नमन किया जिन्होंने देश को स्वाधीन बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। साथ ही देश के लिए असंख्य कुर्बानियां देने वाले शहीदों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने देश के गौरव की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि इन वीर सेनानायकों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजली यही होगी कि हम शपथ लें कि हमारा हर कार्य राष्ट्रहित में हो और पूर्ण ईमानदारी के साथ स्वच्छ समाज के निर्माण में सहयोग करें।
इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। इस बार के कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण गुरुकुल कुरुक्षेत्र से आए करीब 50 विद्यार्थियों द्वारा मलखम्भ और योग की प्रस्तुति थी। बच्चों की इस प्रस्तुति की लोगों ने सराहना की। इस मौके पर जिला मतदान कार्यालय द्वारा प्रस्तुत की गई लघु नाटिका, जिसमें लोगों को मतदान के लिए जागरूक किया गया, भी आकर्षण का केंद्र रही।
मुख्य सचिव श्री बी.के अग्रवाल, पुलिस महानिदेशक श्री एस.आर मरडी, अतिरिक्त मुख्य सचिव, सचिव तथा प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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