शिमला: पर्यटन कारोबार को एक बार फिर से पंख लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने कवायद तेज कर दी है. सरकार हिमाचल आने वाले सैलानियों के लिए नियम बनाने में वयस्त है, लेकिन इस बीच बड़ा सवाल यह है कि जो पर्यटक हिमाचल आ रहे हैं वो रहेंगे कहां? इस सवाल का जवाब देना सरकार के लिए भी मुश्किल होता जा रहा है.
प्रदेश के कई जिलों में होटल एसोसिएशन ने हालात सामान्य ना होने तक अपने होटल बंद रखने का फैसला किया है. बात अगर पहाड़ों की रानी शिमला की करें तो फिलहाल यहां पर अधिकतर होटल बंद हैं. जाने माने बड़े होटलों को अभी तक पर्यटकों के लिए नहीं खोला गया है.
ऐसे में जो पर्यटक शिमला में आ रहे हैं वह शिमला से दूर मशोबरा और कुफरी की तरफ ही ठहर रहे हैं. तमाम होटल एसोसिएशन ने साफ तौर पर सरकार को कह दिया है कि वह सिंतबर महीने से पहले होटल नहीं खोले जाएंगे. शिमला के होटल कारोबारियों की मानें तो जब तक होटलियर्स पूरी तरह से होटल खोलने को लेकर तैयार नहीं होते हैं तब तक होटल नहीं खोलें जाएंगे.
टूरिस्टों को हिमाचल आने की अनुमति देने के फैसले की चौतरफा आलोचना हो रही है. होटल कारोबारियों के साथ-साथ आम जनता का भी यही कहना है कि सरकार का ये फैसला गलत है. लोगों की मानें तो प्रदेश सरकार लोगों की जान को खतरे में डाल रही है.
टूरिज्म से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि प्रदेश की जनता की सुरक्षा के लिए उन्होंने अपना काम बंद रखा था, लेकिन सरकार ने एकदम से पर्यटकों के लिए प्रदेश की सीमाएं खोल दी हैं.
बीते चार दिनों में प्रदेश 700 के पर्यटक आ चुके हैं. मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन पर हजारों की संख्या में हर रोज पर्यटक पंजीकरण करवा रहे हैं. होटल कारोबारियों के साथ-साथ शिमला व्यापार मंडल भी सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध कर रहा है.
हिमाचल में पर्यटन का पीक सीजन जून में ही खत्म हो चुका है, ऐसे में सरकार का यह फैसला प्रदेश की जनता पर कितना भारी पड़ेगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. किसी की छोटी सी चूक हिमाचल में कोरोना विस्फोट का कारण बन सकती है.
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