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शिमला में धूमधाम से मनाया बालिका दिवस, मानव श्रृंखला बनाकर 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का दिया संदेश

राजधानी शिमला के रिज मैदान पर जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में 1500 महिलाओं और छात्राओं ने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का संदेश समाज के लोगों को मानव शृंखला बना कर दिया.

Girl's day celebrated in Shimla
शिमला में धूमधाम से मनाया बालिका दिवस
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Published : Jan 24, 2020, 7:04 PM IST

शिमला: प्रदेशभर में बालिका दिवस बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया. वहीं, राजधानी शिमला के रिज मैदान पर जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में 1500 महिलाओं और छात्राओं ने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का संदेश समाज के लोगों को मानव शृंखला बना कर दिया.

हजारों की संख्या में महिलाओं ने रिज मैदान पर आयोजित इस कार्यक्रम में भाग लिया. यह आयोजन जिला प्रशासन और बाल विकास परियोजना के सहयोग से आयोजित करवाया गया. बालिका दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की.

वीडियो.

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शपथ दिलाते हुए प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि बेटियों को भी एक समान समझे अगर बेटियों को मौका दिया जाए तो बेटियां भी बेटों के समान या उनसे आगे बढ़कर कार्य कर सकती है. उन्होंने कहा कि पहले बेटियों को लिंग जांच के माध्यम से गर्भ में ही मार दिया जाता था.

बेटियों के साथ भेदभाव किया जाता था, लेकिन आज के युग में बेटी है अनमोल और बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान के चलते जनता को जागरूक किया जा रहा है. बेटियों के लिए केंद्र सरकार की ओर से अनेकों योजनाएं चलाई जा रही है, जिसके चलते बेटियों को एक समान समझा जाएं और उनकी अलग पहचान समाज में बने.

ये भी पढे़ं: अद्भुत हिमाचल: यहां 12 साल बाद भोलेनाथ पर बिजली गिराते हैं इंद्र...फिर मक्खन से जुड़ता है शिवलिंग

शिमला: प्रदेशभर में बालिका दिवस बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया. वहीं, राजधानी शिमला के रिज मैदान पर जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में 1500 महिलाओं और छात्राओं ने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का संदेश समाज के लोगों को मानव शृंखला बना कर दिया.

हजारों की संख्या में महिलाओं ने रिज मैदान पर आयोजित इस कार्यक्रम में भाग लिया. यह आयोजन जिला प्रशासन और बाल विकास परियोजना के सहयोग से आयोजित करवाया गया. बालिका दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की.

वीडियो.

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शपथ दिलाते हुए प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि बेटियों को भी एक समान समझे अगर बेटियों को मौका दिया जाए तो बेटियां भी बेटों के समान या उनसे आगे बढ़कर कार्य कर सकती है. उन्होंने कहा कि पहले बेटियों को लिंग जांच के माध्यम से गर्भ में ही मार दिया जाता था.

बेटियों के साथ भेदभाव किया जाता था, लेकिन आज के युग में बेटी है अनमोल और बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान के चलते जनता को जागरूक किया जा रहा है. बेटियों के लिए केंद्र सरकार की ओर से अनेकों योजनाएं चलाई जा रही है, जिसके चलते बेटियों को एक समान समझा जाएं और उनकी अलग पहचान समाज में बने.

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Intro:हिमाचल में बालिका दिवस बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर शिमला में जिला स्तरीय कार्यक्रम रिज आइदान पर आयोजित किया गया जहा 1500 महिलाओं और बालिकाओं ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश समाज के लोगों को मानव शृंखला बना कर दिया है। हजारों की संख्या में महिलाओं ने रिज़ मैदान पर आयोजित इस कार्यक्रम में भाग लिया। यह आयोजन जिला प्रशासन और बाल विकास परियोजना के सहयोग से आयोजित करवाया गया। रिज मैदान पर बालिका दिवस के अवसर पर महिला श्रृंखला बनाई गई । बालिका दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बतौर मुख्यातिथि ऐतिहासिक रिज मैदान पर शिरकत की । इस अवसर पर 1500 के करीब महिलाओं ओर बालिकाओं ने मानव श्रृंखला में हिस्सा लिया ओर शपथ ग्रहण की कि आने वाले समय में बेटियों को भी उतना ही सम्मान दिया जाएगा जितना बेटों को दिया जाता है।

Body:इस अवसर पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शपथ दिलाते हुए प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि बेटियों को भी एक समान समझे यदि बेटियों को मौका दिया जाए तो बेटियां भी बेटों के समान या उनसे आगे बढ़कर कार्य कर सकती है । उन्होंने कहा कि पहले बेटियों को लिंग जांच के माध्यम से गर्भवती महिला के पेट में ही बालिकाओं को मार दिया जाता था। बेटियों के साथ भेदभाव किया जाता था लेकिन आज के युग में बेटी है अनमोल ओर बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान के चलते जनता को जागरूक किया जा रहा है। बेटियों के लिए केंद्र सरकार की ओर से अनेकों ही योजनाएं चलाई जा रही है, जिसके चलते बेटियों को एक समान समझा जाए ओर उनकी अलग पहचान समाज में बने।

Conclusion: इस अवसर पर सुरेश भारद्वाज ने कहा कि देश मे विभिन्न कारणों से महिलाओं के प्रति अवमानना की भावना या फिर अंतर कला की भावना के चलते कई कुरीतियां सामने आई है। इन कुरीतियों के चलते ही बाल विवाह , दहेज प्रथा के साथ ही इस आधुनिक युग में लिंग परीक्षण के चलते लड़कियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि इस अवसर पर आज प्रण लेना चाहिए कि आने वाले समय में बेटियों को बेटों के समान समझा जाए और दोनों को एक समान दर्जा उन्हें दिया जाए।
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