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अभिभावकों का सरकारी स्कूलों में बढ़ा विश्वास, पोर्टमोर में कॉन्वेंट स्कूलों से आ रही छात्राएं

राजधानी शिमला के राजकीय कन्या आर्दश वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में बेहतर सुविधाओं को देखते हुए अभिभावक अपने बच्चों को निजी कॉन्वेंट स्कूलों से निकाल कर इस स्कूल में दाखिल करवा रहे हैं. इस बार स्कूल में छठी कक्षा से लेकर 12 वीं कक्षा तक 40 के करीब छात्राएं ऐसी है जो निजी और कॉन्वेंट स्कूलों को छोड़कर इस स्कूल में पढ़ाई करने के लिए आई है.

girls are  taking admission in Portmore School instead of convent schools
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Published : Sep 8, 2020, 5:55 PM IST

शिमला: प्रदेश में अभिभावक अपने बच्चों को बेहतरीन शिक्षा देने के लिए निजी स्कूलों को प्राथमिकता देते हैं. निजी स्कूलों को लेकर अभिभावकों की यह राय बन चुकी है कि वहां उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के साथ ही बेहतर सुविधाएं भी दी जाती है, लेकिन राजधानी का एक सरकारी स्कूल ऐसा भी है जो शिमला से सभी बड़े और प्रतिष्ठित निजी स्कूलों के साथ ही कॉन्वेंट स्कूलों को पूरा कॉम्पिटीशन दे रहा है.

यही वजह है कि इस स्कूल में इस सत्र कॉन्वेंट स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों ने अपनी आगामी पढ़ाई के लिए दाखिला लिया है. इन बच्चों के अभिभावकों ने अपने बच्चों को निजी कॉन्वेंट स्कूलों से निकाल कर शिमला की राजकीय कन्या आर्दश वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में दाखिला दिलवाया है.

वीडियो रिपोर्ट.

इस बार स्कूल में छठी कक्षा से लेकर 12 वीं कक्षा तक 40 के करीब छात्राएं ऐसी है जो निजी और कॉन्वेंट स्कूलों को छोड़कर इस स्कूल में पढ़ाई करने के लिए आई है. अभिभावकों में इस सरकारी स्कूल में छात्राओं को मिल रही सुविधाओं पर जहां विश्वास दिखाया है. यही वजह है कि पोर्टमोर स्कूल में इस बार निजी स्कूल से आने वाली छात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.

वैसे तो स्कूल में हर बार कुछ एक छात्राएं निजी स्कूलों से प्रवेश लेती है, लेकिन इस बार कोविड के बीच यह आंकड़ा बढ़ गया है. जिसके पीछे की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि कोविड 19 के संकट के बीच अभिभावक जिनके बच्चें निजी स्कूलों में पढ़ रहे है उन स्कूलों ने कक्षाएं ना लगने के बाद भी निजी स्कूलों ने भारी भरकम फीस अभिभावकों से ली है, जो देना अभिभावकों के लिए संभव नहीं है. ऐसे में अभिभावकों ने निजी स्कूलों से अपने छात्रों को बाहर निकाल कर उन्हें सरकारी स्कूल में दाखिला दिलवाया है.

शिमला पोर्टमोर स्कूल के प्रिंसिपल नरेंद्र सूद ने कहा कि 40 के करीब छात्राएं इस बार ऐसी हैं जो निजी और कान्वेंट स्कूलों की पढ़ाई छोड़कर इस सरकारी स्कूल में दाखिला लेने के लिए आई है. उनके अभिभावक जब अपने बच्चों का दाखिला करवाने स्कूल कैंपस में आए तो वह स्कूल में दी जा रही सुविधाओं और स्कूल कैंपस को देखकर काफी संतुष्ट नजर आए.

ऐसे में स्कूल भी प्रयास कर रहा है कि बेहतर से बेहतर सुविधाएं छात्राओं को यहां दी जा सके और बेहतरीन गुणात्मक शिक्षा उन्हें स्कूल में प्राप्त हो सकें. उन्होंने कहा इन छात्राओं ने छठी कक्षा से लेकर 12वीं तक कि कक्षाओं प्रवेश लिया हैं.

11 वीं ओर 12 वीं में अभी भी दिया जा रहा प्रवेश

पोर्टमोर स्कूल में 11वीं ओर 12 वीं कक्षाओं में छात्राओं की प्रवेश प्रकिया अभी भी चल रही हैं. कोविड संकट की वजह से जब स्कूल बंद है तो ऑनलाइन ही प्रवेश की सुविधा स्कूल प्रबंधन की ओर से यहां छात्राओं और अभिभावकों को मुहैया करवाई जा रही है.

शिमला: प्रदेश में अभिभावक अपने बच्चों को बेहतरीन शिक्षा देने के लिए निजी स्कूलों को प्राथमिकता देते हैं. निजी स्कूलों को लेकर अभिभावकों की यह राय बन चुकी है कि वहां उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के साथ ही बेहतर सुविधाएं भी दी जाती है, लेकिन राजधानी का एक सरकारी स्कूल ऐसा भी है जो शिमला से सभी बड़े और प्रतिष्ठित निजी स्कूलों के साथ ही कॉन्वेंट स्कूलों को पूरा कॉम्पिटीशन दे रहा है.

यही वजह है कि इस स्कूल में इस सत्र कॉन्वेंट स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों ने अपनी आगामी पढ़ाई के लिए दाखिला लिया है. इन बच्चों के अभिभावकों ने अपने बच्चों को निजी कॉन्वेंट स्कूलों से निकाल कर शिमला की राजकीय कन्या आर्दश वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में दाखिला दिलवाया है.

वीडियो रिपोर्ट.

इस बार स्कूल में छठी कक्षा से लेकर 12 वीं कक्षा तक 40 के करीब छात्राएं ऐसी है जो निजी और कॉन्वेंट स्कूलों को छोड़कर इस स्कूल में पढ़ाई करने के लिए आई है. अभिभावकों में इस सरकारी स्कूल में छात्राओं को मिल रही सुविधाओं पर जहां विश्वास दिखाया है. यही वजह है कि पोर्टमोर स्कूल में इस बार निजी स्कूल से आने वाली छात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.

वैसे तो स्कूल में हर बार कुछ एक छात्राएं निजी स्कूलों से प्रवेश लेती है, लेकिन इस बार कोविड के बीच यह आंकड़ा बढ़ गया है. जिसके पीछे की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि कोविड 19 के संकट के बीच अभिभावक जिनके बच्चें निजी स्कूलों में पढ़ रहे है उन स्कूलों ने कक्षाएं ना लगने के बाद भी निजी स्कूलों ने भारी भरकम फीस अभिभावकों से ली है, जो देना अभिभावकों के लिए संभव नहीं है. ऐसे में अभिभावकों ने निजी स्कूलों से अपने छात्रों को बाहर निकाल कर उन्हें सरकारी स्कूल में दाखिला दिलवाया है.

शिमला पोर्टमोर स्कूल के प्रिंसिपल नरेंद्र सूद ने कहा कि 40 के करीब छात्राएं इस बार ऐसी हैं जो निजी और कान्वेंट स्कूलों की पढ़ाई छोड़कर इस सरकारी स्कूल में दाखिला लेने के लिए आई है. उनके अभिभावक जब अपने बच्चों का दाखिला करवाने स्कूल कैंपस में आए तो वह स्कूल में दी जा रही सुविधाओं और स्कूल कैंपस को देखकर काफी संतुष्ट नजर आए.

ऐसे में स्कूल भी प्रयास कर रहा है कि बेहतर से बेहतर सुविधाएं छात्राओं को यहां दी जा सके और बेहतरीन गुणात्मक शिक्षा उन्हें स्कूल में प्राप्त हो सकें. उन्होंने कहा इन छात्राओं ने छठी कक्षा से लेकर 12वीं तक कि कक्षाओं प्रवेश लिया हैं.

11 वीं ओर 12 वीं में अभी भी दिया जा रहा प्रवेश

पोर्टमोर स्कूल में 11वीं ओर 12 वीं कक्षाओं में छात्राओं की प्रवेश प्रकिया अभी भी चल रही हैं. कोविड संकट की वजह से जब स्कूल बंद है तो ऑनलाइन ही प्रवेश की सुविधा स्कूल प्रबंधन की ओर से यहां छात्राओं और अभिभावकों को मुहैया करवाई जा रही है.

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